नमस्कार दोस्तों, आज हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि जब आप शिवजी के मंदिर जाते हैं, शिव जी की पूजन आराधना करते हैं तो उसके बाद आपको शिवजी की परिक्रमा कैसे करनी चाहिए। शिव जी की परिक्रमा तो आप लोग कर लेते हैं पर क्या आप लोग जानते हैं कि उस परिक्रमा का आपको पूर्ण फल मिल रहा हैं या नहीं
आज इस लेख में आप जानेंगे कि शिव जी की शिवलिंग की पूर्ण परिक्रमा कैसे की जाती हैं।
शिवलिंग की परिक्रमा कब करते हैं
जब आप शिव मंदिर जाते हैं तो सबसे पहले आपको शिवजी की पूजा आराधना करनी होती हैं तो इसीलिए आप पहले शिवजी की पूजा कर लीजिए। उसके बाद में आप शिवजी की परिक्रमा कर सकते हैं।
शिवलिंग की कितनी परिक्रमा होती है
आप सभी लोग जानते होंगे कि शिवलिंग की कभी भी पूरी परिक्रमा नहीं की जाती हैं और जिस तरफ से जलाधारी का जल बह कर जाता हैं। उस जल की तरफ भी परिक्रमा नहीं की जाती क्योंकि उस जल को लांघा नहीं जाता हैं।
शिवलिंग की परिक्रमा किस तरफ से नहीं करनी चाहिए
शिव जी की शिवलिंग की परिक्रमा करने के लिए आपको सबसे पहले शिवलिंग के सामने आकर खड़े हो जाना हैं और खड़े होकर आपको यह देखना हैं जिस तरफ से शिवजी पर चढ़ा हुआ जल बह कर जाता हो उस जगह पर आपको परिक्रमा नहीं करनी हैं, उसकी दूसरी साइड जो जगह खाली होगी उस तरफ से आपको परिक्रमा करना हैं।
शिवलिंग की परिक्रमा कैसे करते हैं
अब आपको शिव जी की शिवलिंग के सामने खड़ा होना हैं और शिव जी की परिक्रमा करना हैं और आप सभी लोग जानते हैं कि शिवजी की आधी परिक्रमा ही होती हैं। इसका मतलब आपको अपनी परिक्रमा में शिव जी की शिवलिंग के पीछे तक जाना हैं, जहां तक आप पहुंच सकते हैं उसके आगे नहीं जाना हैं।
अब जैसे ही आप शिवलिंग की परिक्रमा में आप शिवलिंग के पीछे तक आ जाएं तो आपको मुड़ना नहीं हैं। उसी जगह पर खड़े होकर अपने पैर से एक कदम पीछे लेना हैं और अपनी आंखों से शिवलिंग को देखते हुए नंदी बाबा के दर्शन करना हैं। यहां पर आपको शिवलिंग के पीछे की तरफ से ही एक कदम पीछे ले कर शिवजी को देखते हुए नंदी बाबा के दर्शन करने हैं। उसके बाद में नंदी बाबा के जैसे ही दर्शन हो जाए। उसके बाद आप वापस से मुड़कर और अपनी परिक्रमा को जहां से शुरू किया था वहीं पर शिवलिंग के सामने जाकर खड़े हो जाए।
जहां पर आपकी एक परिक्रमा पूर्ण हो जाती हैं।
शिवलिंग की एक से ज्यादा परिक्रमा कैसे करते हैं
अब इसी स्थान पर अगर आपको शिवलिंग की 3 परिक्रमा करनी है तो उस स्थान पर आपको कैसे एक से ज्यादा परिक्रमा करनी हैं वह भी आप लोग समझ लीजिए।
इसमें आप लोगों को शिवलिंग के सामने से खड़े होकर शिवलिंग की आधी परिक्रमा तक पहुंचना है और वहां पर जाकर अपना एक कदम पीछे लेकर भगवान शिव जी को देखकर नंदी बाबा के दर्शन करना हैं और वापस अपना मुख शिवजी को देखकर इधर कर लेना हैं, फिर वापस से आपको शिवजी को देखकर नंदी के दर्शन करना हैं फिर वापस अपना मुख इधर कर लेना हैं। इसी प्रकार से आपको तीन बार नंदी को उसी स्थान पर खड़े होकर देखना हैं। जैसे ही आप तीसरी बार नंदी बाबा के दर्शन उसी स्थान पर खड़े होकर कर लेते हैं। उसके बाद आप अपनी आधी परिक्रमा से वापस शिवजी के सामने आ जाओ और अपनी परिक्रमा को पूर्ण कर लीजिए।
इसी तरीके से आप जितनी भी परिक्रमा करना चाहे। उसे आप अपनी एक ही परिक्रमा के साथ में कर सकते हैं। जितनी बार आप शिवजी की आधी परिक्रमा पीछे खड़े होकर नंदी बाबा के दर्शन करेंगे। उतनी बार आपकी वह परिक्रमा मान्य हो जाएगी और शिव जी की शिवलिंग के आगे आकर ही परिक्रमा पूर्ण होगी।
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अभी तक आप लोग शिवलिंग की आधी परिक्रमा तो कर रहे थे पर उसमें नंदी बाबा के दर्शन नहीं कर रहे थे जिससे कि आपकी वह परिक्रमा पूर्ण रूप से पूरी नहीं हो पा रही थी। अब से आपको अपनी शिवलिंग की आधी परिक्रमा करते वक्त नंदी बाबा के दर्शन जरूर करना हैं इससे आपको और भी ज्यादा फल की प्राप्ति होगी।
अगर अभी भी आपके मन में शिव जी की परिक्रमा को लेकर कोई प्रश्न आता हैं तो उसे आप हम से कमेंट करके पूछ सकते हैं।
धन्यवाद