नमस्कार दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं कि 14 अगस्त 2023 को सावन अधिक मास महीने की शिवरात्रि आ रही है जिसका महत्व बहुत बड़ा होता है। जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि इस बार सावन के महीने के बीचो-बीच अधिक मास पड़ है जिसका महासंयोग पूरे 19 साल बाद बना है तो इसीलिए पूरे अधिक मास का बहुत ही बड़ा और विशेष महत्व है और इसी अधिक मास में पढ़ने वाली यह मासिक शिवरात्रि का भी बहुत ही बड़ा महत्व होने वाला है।
आज इस लेख में हम आप लोगों को पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताए गए अधिक मास में पढ़ने वाली शिवरात्रि के कुछ विशेष उपाय बताएंगे जो कि सिर्फ आपको इस अधिक मास में पढ़ने वाली शिवरात्रि के दिन ही करना है इसके अलावा और कभी नहीं करना है।
पहला उपाय
अधिक मास की शिवरात्रि को सबसे पहले जो आप लोगों को उपाय करना है वह आप लोगों के घर परिवार में सुख और शांति को बढ़ाने के लिए करना है और अपने घर परिवार पर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करना है।
इस उपाय में आपको पांच आटे के दीपक तैयार करने हैं जिनके अंदर आपको गोल बाती रखकर शुद्ध देसी गाय का घी डालना है। यह पांच दीपक तैयार करके आपको अधिक मास की शिवरात्रि के दिन शाम के समय प्रदोष काल में यह 5 दीपकों को एक प्लेट में या थाली में जमा कर अपने घर से निकलना है और इन पांच दीपकों को पांच अलग-अलग स्थान पर लगाना है जो हम आपको बता रहे हैं और इन दीपकों को आपको अपने घर से जलाकर नहीं ले जाना है आप जब उस स्थान पर पहुंच जाए तो उससे पहले अपनी प्लेट में रखकर ही दिया जलाकर फिर आपको उस स्थान पर रखना है।
पहले दीपक भगवान शिव जी के मंदिर में जाकर भगवान शिव जी की चौखट पर किसी भी साइड रखना है।
दूसरा दीपक आपको किसी भी बड़े वाले बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाकर रखना है।
तीसरा दीपक आपको किसी भी आवले के वृक्ष के नीचे जाकर रखना है।
चौथा दीपक आपको किसी भी नदी, बावड़ी, तालाब या सरोवर के घाट पर जाकर रखना है। अगर आपके घर से यह सभी जगह दूर है तो आप अपने घर के रसोई घर में जहां पर आपका पीने का पानी रखा जाता है उसे स्थान पर यह चौथा वाला दीपक रख सकते हैं।
पांचवा दीपक आपको अपने घर के मुख्य द्वार या मेन गेट के सीधे हाथ पर रखना है जब आप बाहर से खड़े होकर देखें तो आपका सीधा हाथ हो उसे साइड आपको अपने घर के मुख्य द्वार की चौखट पर यह पांचवा दीपक रख देना है।
यहां पर यह उपाय पूरा हो जाता है और यह उपाय सिर्फ अधिक मास की शिवरात्रि के दिन ही करना है।
दूसरा उपाय
अधिक मास की शिवरात्रि को इस दूसरे उपाय को करने से आपकी किसी भी प्रकार की अगर कोई विशेष मनोकामना है तो वह पूर्ण हो जाएगी।
इस उपाय में आपको पांच सामग्रियों की आवश्यकता होगी जिससे आपका यह उपाय पूर्ण होगा। इसके साथ में आपको पांच आटे के दीपक भी तैयार करने हैं जिनके अंदर आपको गोल-बाती रखकर शुद्ध देसी गाय का घी डालना है।यह पांच सामग्री कुछ इस प्रकार से हैं।
- 5 बैर
- 5 जौ
- 5 सफेद फूल
- 5 कमलगट्टे
- 5 काली मिर्ची
यह पांच सामग्री आपको 5-5 मात्रा में लेकर आना है और अधिक मास की शिवरात्रि के दिन दोपहर को 12:00 बजे आपको यह सारी चीजें भगवान शिव जी के मंदिर लेकर जाना है और एक-एक करके पांचों सामग्रियां भगवान शिवजी पर चढ़ाना है।
उसके बाद में आप भगवान शिव जी के सामने झोली फैलाकर अपने मन की कामना जो आप भगवान से मांगना चाहे वह बोल सकते हैं। उसके बाद में आप जो अपने साथ 11 आटे के दीपक तैयार करके लेकर आए हैं इनको आप जलाकर एक-एक करके भगवान शिव जी के सामने रख दीजिए।
उसके बाद आप भगवान से प्रार्थना करके अपने घर वापस जा सकते हैं और यहां पर अभी आपका आधा उपाय हुआ है। अभी इसका बचा हुआ उपाय आपको अधिक मास की शिवरात्रि के इसी दिन शाम के समय प्रदोष काल में करना है।
अब शाम के समय प्रदोष काल में आपको एक चौमुखी दीपक तैयार करना है जो की आटे का ही होगा और शुद्ध देसी गाय का घी आपको उसके अंदर डालना है पर इसमें जो आप बात ही रखेंगे वह 2 लंबी बाती रखेंगे। क्योंकि यह दीपक आपको चार मुख वाला बनाना है जो कि चार जगह से जल सके।
इस दीपक को तैयार करके आप भगवान शिव जी के मंदिर पहुंचकर भगवान शिव जी के शिवलिंग के सामने जो भगवान शिव जी की चौखट होगी। उस चौखट के बिल्कुल बीचो-बीच शिवलिंग के सामने आपको यह चौमुखी दीपक जलाकर रख देना है।
अब इस दीपक को रखने के बाद आप भगवान शिवजी से अपने मन की कामना बोल सकते हैं और प्रार्थना कर सकते हैं और यह उपाय यहां पर पूर्ण हो जाता है इस उपाय को करने के बाद आपके घर परिवार में कोई दुख हर समस्या नहीं आ सकती है।
तीसरा उपाय
अधिक मास की शिवरात्रि के इस तीसरे उपाय को करने से अगर किसी व्यक्ति के शरीर में कोई गंभीर रोग और बीमारी है या शरीर में किसी प्रकार का कष्ट है तो वह ठीक हो जाएगा।
इस उपाय में आपको दो चीजों की आवश्यकता होगी।
- सफेद दूर्वा
- एक लोटा जल
अब आप लोग यह सोचेंगे कि सफेद दूर्वा आपको कहां पर मिलेगी तो आप लोगों ने देखा होगा कि जहां पर हरी दूर्वा लगी हुई होती है उसी में कहीं बीच में आपको सफेद दूर्वा भी मिल जाती है।
इस उपाय को घर का कोई भी व्यक्ति कर सकता है और इस उपाय को करते समय आपको अवधूतेश्वर महादेव और कुंडकेश्वर महादेव का नाम जरूर लेना है।
इस उपाय में आपको सुबह-सुबह सफेद दूर्वा और एक लोटा जल लेकर भगवान शिव जी के मंदिर पहुंचना है। मंदिर पहुंचने के बाद आपको सबसे पहले भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर यह सफेद दूर्वा को अवधूतेश्वर महादेव और कुंदकेश्वर महादेव का नाम लेकर चढ़ाना है उसके बाद एक लोटा जल एक धारा से भगवान शिव जी पर चढ़ा देना है।
उसके बाद में यही शिवजी पर चढ़ा हुआ कुछ जल का भाग जलाधारी से अपने लोटे में झेल लेना है और जो सफेद दुर्गा अपने भगवान शिवजी पर चढ़ाई है उसे भी वापस अपने घर लेकर आ जाना है।
सबसे पहले घर आकर जो आप जलाधारी से जल लेकर आए हैं इस जल को उसी व्यक्ति को पिला दीजिए जिस व्यक्ति के लिए आप यह उपाय कर रहे हैं।
उसके बाद में आप जो सफेद दूर्वा वापस लाएं हैं इस दूर्वा को एक कटोरी के अंदर शुद्ध जल भरकर उसे जल के अंदर डाल दीजिए और इसका जल उस व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह दोपहर शाम आधा चम्मच देते रहिए। यही जल इसी तरह आपको एक से डेढ़ महीने तक उसे व्यक्ति को पिलाना है।
एक से डेढ़ महीने के अंदर आप देखेंगे उस व्यक्ति के शरीर में जो भी रोग और बीमारी होगी, जो भी कष्ट होगा वह सब धीरे-धीरे करके ठीक हो जाएगा।
यहां पर यह उपाय पूर्ण हो जाता है।
चौथा उपाय
अधिक मास की शिवरात्रि का यह उपाय किसी भी व्यक्ति की शुगर, बीपी की बीमारी या शरीर से जुड़ा हुआ कोई कष्ट को दूर कर देगा।
इस उपाय में आपको कुछ सामग्री की आवश्यकता होगी जो कि आप लोगों को इस उपाय को करने के लिए इकट्ठा करनी है।
- 108 बेलपत्र
- 51 शमीपत्र
- 7 कमल के पुष्प
यह तीनों सामग्रियों में से आपको 7 कमल के पुष्पों के ऊपर थोड़ी-थोड़ी हल्दी लगानी है उसके बाद इन तीनों ही सामग्रियों को आपको प्रातः काल सुबह-सुबह शुद्ध होकर स्नान करके भगवान शिव जी के मंदिर जाना है।
सबसे पहले आपको अपने वह साथ कमल के पुष्प भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर अपना नाम और गोत्र बोलकर चढ़ता है उसके बाद में 51 शमीपत्र और फिर 108 बेलपत्र चढ़ता है और यह उपाय आपको शिवलिंग के सामने खड़े होकर करना है।
आपको इस बात का ध्यान रखना है कि इस उपाय को आपको उसे शिवलिंग के ऊपर करना है जो शिवलिंग डमरू के आकार का हो मतलब जिसमें जलधारी भी बनी हो और जलधारी के ऊपर शिवलिंग विराजित हो। कई सारी शिवलिंग ऐसी होती है जो किस जमीन पर ही होती है जहां पर आपको यह उपाय नहीं करना है।
इस उपाय को करने के बाद मंदिर में बैठकर 15 से 20 मिनट तक शिव नाम का जाप करना है और उसके बाद आपको 108 बेलपत्र और 51 शमीपत्र आपको शिवलिंग पर से उठाकर अपने घर लाना है। घर लाने के बाद शमीपत्र को एक पात्र के अंदर जल भरकर उसके अंदर रख दो और 108 बेलपत्री का सेवन उसको करना है जिसके लिए आप यह उपाय कर रहे हैं।
अब 108 बेलपत्र को आपको सबसे पहले उसी दिन रात्रि को 12:00 बजे खाना है फिर उसके बाद से तीन-चार घंटे में आपको एक-एक बेलपत्र खाते रहना है जब तक यह 108 बेलपत्र पूरी खत्म ना हो जाए।
उसके बाद धीरे-धीरे करके उसे व्यक्ति की बीपी शुगर या उसके व्यक्ति के शरीर में जो कष्ट होगा उसमें सुधार देखने के लिए मिल जाएगा।
यहां पर यह उपाय पूर्ण हो जाता है।
शीर्षक
सावन अधिक मास की शिवरात्रि 14 अगस्त 2023 को है और जो उपाय हमने आपको बताए हैं यह उपाय सिर्फ इसी दिन और इसी नियम के साथ करने हैं तभी यह उपाय काम करेंगे इसके अलावा और किसी दिन इन उपायों को नहीं करना है। यह उपाय पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी शिव महापुराण कथा में बताएं हैं।
अगर आप कोई उपाय करने में कोई भी समस्या आती है तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
धन्यवाद