नया साल 2023 में यह 10 नियम बना लेना? पूरे साल बिना मांगे ही सब कुछ मिलेगा

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नमस्कार दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं कि नया साल बहुत ही जल्दी आने वाला है और इस नए साल कि पहले दिल से आपको कुछ ऐसे विशेष नियम है जो कि अगर आप लोग बना लेते हैं तो आपके जीवन में घर परिवार में खुशियां जरूर आएंगे।

जो हम आपको नियम बताने वाले हैं यह सभी लोगों को अपनाने चाहिए इससे भगवान का आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है। सारी दुख समस्याएं भी दूर होती हैं।

पहला नियम

अगर आप नए साल में यह नियम अपनाते हैं तो इससे आपके जीवन में दुख और समस्याएं नहीं आएगी आपकी पितरों का आशीर्वाद भी आपको प्राप्त होगा। आपको प्रातः काल सुबह-सुबह उठकर स्नान करके अपने घर के रसोई घर में जहां पर आप का पीने का पानी रखा जाता है। उस पत्र में से थोड़ा सा जल निकालकर आपको अपने घर के मुख्य द्वार पर छिड़क देना चाहिए। यह नियम आप रोज बनाकर रखिए आप के पित्र आपसे प्रसन्न रहेंगे।

दूसरा नियम

आपको अपने घर में बनाई हुई पहली रोटी हमेशा गाय को देनी है। जब भी आप सुबह या रात का खाना बनाते हैं तो उस समय आप को सबसे पहली रोटी गाय के लिए अलग निकालनी है और उसी गाय को खिला करानी है जब तक आप उस गाय की पहली रोटी को गाय के मुख तक ना पहुंचा दे तब तक आप अपने घर के सदस्यों को वह खाना ना परोसे। क्योंकि यह नियम है कि गाय की पहली रोटी अगर आप ने निकाली है तो उससे पहले जाकर गाय के मुख्य में देना चाहिए अगर आप उस रोटी को बाद में ठंडी कड़क होने के बाद देते हैं तो उस रोटी का आपको कोई फल नहीं मिलेगा।

तीसरा नियम

जब भी आप स्नान करने जाएं अपने घर में स्नान कर रहे हो चाहे किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान कर रहे हो तो उस समय आपको यह नाम जरूर लेना चाहिए। वह नाम है गंगे हर या नर्मदे हर इन दोनों में से आप कोई भी एक नाम लेकर स्नान करें या तो दोनों नाम लेकर स्थान करें इससे आप को पवित्र नदियों में स्नान करने का पूरा फल मिलेगा।

जब आप भोजन करने बैठे तो मुझे ऐड करने से पहले भी आपको गंगे हर हर नर्मदे हर नाम लेकर ही पूजन को ग्रहण करना चाहिए।

तीसरा नियम

आपको सूर्य को कभी भी इन पात्रों से जल नहीं चढ़ाना चाहिए या सूर्य को इन पात्रों से अर्घ्य नहीं देना चाहिए।

वह पात्र हैं स्टील के बर्तन से, पीतल के बर्तन से, चांदी के बर्तन से, प्लास्टिक के बर्तन से या कांच के बर्तन से कभी भी आपको सूर्य को अर्घ्य नहीं देना चाहिए। अगर आप इन पात्रों से जल चढ़ाते हैं तो आपकी उम्र कम होती है।

वहीं अगर आप लोग तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो इससे आपकी उम्र बढ़ती है।

अगर आप नियम से प्रतिदिन सूर्य को तांबे के लोटे में जल भरकर आरके देते हैं तो इससे आपकी शरीर की रोग बीमारियां दूर होती हैं साथ ही में आपके दिन भर के काम भी सफल हो जाते हैं।

अगर आप चाहते हैं कि आपके घर परिवार में पूरे साल कभी कोई दुख बीमारी है ना आए तो इसके लिए आपको प्रतिदिन अपने घर के सभी सदस्यों से यह नियम बनवा लेना चाहिए कि वह प्रतिदिन सुबह उठकर सबसे पहले तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य को अर्घ देना चालू कर दें। सूर्य को अर्घ्य देने के लिए अपने सर से 8 इंच ऊपर अपने पात्र को हाथों को ऊपर करके रखें और उस पात्र में से सूर्य को जल चढ़ाएं और जब जल चढ़ा रहे हो तो उस समय जो जल की धार जमीन पर गिर रही हो उस धार में से सूर्य देव का आप दर्शन करें। और सूर्य देव को और अगर किसी अच्छे स्थान पर जाकर देश जहां पर सूर्य को अर्घ्य दिया हुआ जल जमीन में ही समा जाए। इससे सूर्य देव का आशीर्वाद भी आपको प्राप्त होगा आपके जीवन से सारे दुख समस्याएं दूर होंगी।

चौथा नियम

अगर आप चाहते हैं कि आप पूरे नए साल में बिल्कुल स्वस्थ रहें आपको कोई रोक बीमारी ना करे तो उसके लिए आपको प्रतिदिन रुद्राक्ष का जरूर जरूर पीना चाहिए।

इसमें आपको सिद्ध रूद्राक्ष की आवश्यकता होगी। उसके बाद आपको प्रतिदिन रात्रि में एक कटोरी में जल भरकर उसमें एक रुद्राक्ष डाल देना है। पूरी रात उस रुद्राक्ष को जल के अंदर रखे रहने देना है प्रातः काल सुबह-सुबह उठना है उस रुद्राक्ष को उस कटोरी से बाहर निकाल कर या उस जल से बाहर निकालकर उस जल को ग्रहण कर लेना है। उसमें से आप चाहे तो एक-एक चम्मच जल अपने सभी घर के सदस्यों को ग्रहण करा सकते हैं। उसका एक अलग ही अनुभव और सुख की प्राप्ति होती है।

पांचवा नियम

इस नए साल में किसी भी दिन कभी भी आपके ऊपर कोई मुसीबत आ जाए तो आपको भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। इसमें शिवमहापुराण कथा का जो मूल मंत्र है “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” का जाप आपको सभी को दुख समस्याओं से दूर कराता है।

छठवां नियम

प्रतिदिन शिवजी पर एक लोटा जल चढ़ाने का यह नियम इस नए साल में बना लो। कभी भी आपको किसी से कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भगवान शिव आपको बिना मांगे ही सब कुछ देंगे। जब आप लोग शिव मंदिर शिवालय से शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद अपने घर की ओर आए तो उस समय आपको शिवलिंग पर चढ़े हुए चलो को जलाधारी से थोड़ा सा जल अपने लोटे में झेलकर जरूर लाना चाहिए। आप उस जल का आसमान भी कर सकते हैं या उस जल को अपने घर में भी छिड़क सकते हैं इससे भगवान शिव का आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है आपके घर में सकारात्मकता जाती है।

अगर आपके घर में शिवलिंग है या आप शिवलिंग अपने घर में लाना चाहते हैं तो जितना छोटा शिवलिंग आपके घर में आता है उतनी ज्यादा कृपा भगवान शिव की आपके घर में होती है। जब आप अपने घर की शिवलिंग का जल से अभिषेक करें या स्नान कराए तो शिवलिंग को एक अलग ही पात्र में रखे सभी देवताओं के स्नान कराने वाले पात्र में शिव जी की शिवलिंग को स्नान ना कराएं। एक अलग ही पात्र में शिवलिंग का जल से अभिषेक करके उनका स्नान कराकर उस जल को आपको अपने घर में छिड़कना चाहिए या उस जल को कहीं मिट्टी में किसी पेड़ में जाकर डाल देना चाहिए और शिवजी पर चढ़े हुए जल या स्नान कराए हुए जल को कभी भी आपको तुलसी जी के क्यारे में नहीं डालना चाहिए।

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सातवा नियम

आपको मंगलवार और रविवार को तुलसी जी को नहीं छूना चाहिए और ना ही तुलसी की पत्ती को तोड़ना चाहिए। साथ ही में एकादशी व्रत के दिन भी आपको तुलसी जी को नाही छूना चाहिए और ना ही तोड़ना चाहिए।

आप इन दिनों में दूर से बिना छुए बिना तोड़े तुलसी के पूजन कर सकते हैं।

आठवां नियम

जब भी आपके घर से कोई व्यक्ति बाहर जाता है जैसे कि प्रातः काल सुबह-सुबह आपके घर से आपके पतिदेव काम पर जाते होंगे या आपके घर का सदस्य घर से बाहर जाता है उसके पहले ही आपको अपने घर का झाड़ू और पोछा कर लेना है इस नियम को आप जरूर बना ले।

घर के मुख्य सदस्य के बाहर जाने के बाद घर में झाड़ू पोछा नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका एक अलग मतलब हो जाता है अगर आप अपने घर के मुख्य सदस्य के जाने के बाद घर में झाड़ू पोछा करते हैं तो इसका अर्थ यह होता है कि कोई व्यक्ति जब हमेशा के लिए चला जाता है तो उसके बाद घर में जो साफ सफाई होती है वह कहीं ना कहीं यह बात को दर्शाता हैं।

इसीलिए इस नियम को इस नए साल में अपने जीवन में जरूर अपनाएं।

नवा नियम

अब यह जो नियम है यह हमारी माताओं बहनों के लिए है हमारी माताएं बहने करती क्या है कि वह अपने कामों में सुबह से इतनी व्यस्त हो जाती है कि वह नहाना ही भूल जाती है और वह दोपहर में कहीं जाकर नहा पाती हैं तो माताओं बहनों को इस नए साल में यह गलती बिल्कुल भी नहीं करना है।

माताओं बहनों को इस नए साल में प्रातः काल सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करने का नियम बनाना है क्योंकि जो नारी सुबह उठकर प्रातः काल स्नान कर लेती है उसके बाद अपने बाकी सारे काम करती है उसका सौभाग्य हमेशा अखंड बना रहता है और जो नारी अपने कामों में व्यस्त रहकर दोपहर में जाकर नहाती है उसका सौभाग्य अखंड नहीं रह पाता है।

आप भले ही सुबह एक बार उठकर स्नान कर ले उसके बाद आप अपने कामों से निवृत्त होकर वापस से स्नान कर ले पर एक सुबह का स्नान बहुत जरूरी है अगर आप अपने सौभाग्य को अखंड रखना चाहते हैं।

दसवां नियम

आपके घर के मंदिर में आप जिस दीपक में प्रतिदिन दीया बाती करती हैं। उस दीपक को आपको कभी भी इस नए साल में बार-बार नहीं बदलना है। मतलब जो दीया आपके घर में प्रतिदिन आप अपने भगवानों के लिए जलाती है वह दीपक को आपको कभी नहीं बदलना है क्योंकि उस दीपक में आपके घर की सुख समृद्धि सौभाग्य समाया हुआ रहता है।

यह वह 10 नियम हैं जिन 10 नियमों का पालन अगर आप लोगों ने अपने नए साल में कर लिया तो आपके जीवन और घर परिवार में कभी कोई दुख समस्या आ ही नहीं सकती है क्योंकि यह वह नियम है जो आपके जीवन को सुख समृद्धि से भर देते हैं।

इन नियमों का पालन करने से भगवान भी आपसे प्रसन्न रहते हैं उनकी कृपा भी आप पर हमेशा रहती है।

यह सभी जानकारियां हमने आपको अपने पुराणों से निकाल कर दी है। इस जानकारी में हमारा कोई उल्लेख लिए नहीं है।

अगर आप कोई सभी जानकारियों में ऐसी कोई बात समझ नहीं आई हो या आप अलग से कुछ जानना चाहते हो तो क्या आप मुझे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

ओम नमः शिवाय

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