नमस्कार दोस्तों आप सभी लोग भगवान शिव जी के मंदिर तो जरूर जाते होंगे। भगवान शिव जी पर एक लोटा जल भी चढ़ाते होंगे और भगवान शिव जी के कई अचूक उपाय भी आप लोग करते होंगे पर दोस्तों आप लोग जब मंदिर में अपनी पूजन अर्चना कर लेते हैं और जब आप मंदिर से अपने घर की तरफ लौट रहे होते हैं तो उस समय आप कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जिनके बारे में आपको पता भी नहीं होता है तो आज हम आपको उन गलतियों के बारे में बताएंगे जो कि आप भगवान शिव जी के मंदिर से लौटते समय करते हैं।
पहली गलती
सबसे पहली गलती आप भगवान शिव जी के मंदिर से लौटते समय यह करते हैं कि आप जिस लोटे से शिवजी पर जल चढ़ाने जाते हैं वह लोटा आप लोग खाली लेकर आ जाते हैं। उस लोटे को आपको कभी भी खाली लेकर नहीं आना चाहिए। जब आप शिवजी पर अपने लोटे से जल चढ़ा दें उसके बाद वहीं लोटे के अंदर शिवजी पर चढ़ा हुआ जल जो जलाधारी से गिर रहा हो उसे आपको अपने लोटे में जेल लेना है और अपने घर में ले आना है।
उस जल के अंदर भगवान शिव जी का आशीर्वाद रहता है अगर आप उस जल को पीते हैं या आचमन करते हैं तो आपके शरीर से रोग और बीमारी दूर रहती है और यही जल जब आप अपने घर के अंदर चढ़ाते हैं तो इससे आपके घर के अंदर भगवान शिव जी का आशीर्वाद रहता है और आपके घर में सुख शांति बनी रहती है।
दूसरी गलती
जब आप शिवजी के मंदिर से अपनी पूजन अर्चना करने के बाद लौटते हैं तो उसके बाद आप लोग सीधा भगवान शिव जी के मंदिर से बाहर निकल जाते हैं जबकि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। जब आप भगवान शिव जी के मंदिर से बाहर निकले तो आपको भगवान शिव जी के मंदिर की चौखट पर रुक जाना चाहिए और शिवजी की चौखट पर अपनी सीधे हाथ की हथेली को रखकर वहां की रज अपने मस्तक पर जरूर लगानी चाहिए या आप भगवान शिव जी की चौखट पर मंदिर से बाहर निकलते समय आप धोग भी दे सकते हैं। इससे भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहता हैं।
तीसरी गलती
जब आप लोग शाम के समय भगवान शिव जी के मंदिर दीया बाती करने के लिए जाते हैं मतलब दीपक लगाने के लिए जाते हैं तो उस स्थान पर भी कई माताएं बहने या कई व्यक्ति गलतियां करते हैं।
वहां पर आपकी गलती यह होती है कि आप अपना दीया बाती करके सीधा मंदिर से बाहर निकल कर अपने घर आ जाते हैं। इस स्थान पर आपको करना यह चाहिए कि आपको दीपक लगाने के बाद भगवान शिव जी के मंदिर में कुछ क्षण बिताना चाहिए। मतलब कुछ समय बैठना चाहिए उसके बाद ही आपको भगवान का आशीर्वाद लेकर मंदिर प्रांगण से बाहर निकल कर फिर अपने घर जाना चाहिए।
उसके बाद में जब आप पूरे मंदिर प्रांगण से ही बाहर निकल जाए, उसके बाद भी आपको मंदिर की तरफ मुड़कर एक बार देखना चाहिए या मंदिर की शिखर के दर्शन जरूर करना चाहिए जब आप मंदिर से बाहर आ जाए और अपने घर की तरफ जा रही हो।
चौथी गलती
जब आप लोग सुबह या शाम को भगवान शिव जी के मंदिर जाते हो या आप किसी को भगवान शिव जी के मंदिर जाते हुए देखते हो तो इस स्थान पर कई सारे लोग बहुत बड़ी गलती करते हैं।
अगर कोई आपके सामने से भगवान शिव जी पर एक लोटा जल चढ़ाने जा रहा है या कोई दीया बाती करने जा रहा है तो उस स्थान पर आपको उस व्यक्ति को देखकर हंसना नहीं चाहिए। उसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। उसके बारे में अपशब्द नहीं कहना चाहिए। अगर आप कुछ भी उल्टा सीधा उसके लिए बोलते हैं या उसके रास्ते में बाधा बनते हैं तो इससे भगवान शिव जी आप को बहुत बड़ा दंड देते हैं क्योंकि अगर आप भगवान शिव जी के भक्तों को रास्ते में ऐसे परेशान करेंगे तो भगवान शिव जी को बुरा लगेगा।
और अगर आप लोग स्वयं मंदिर जा रहे हैं तो उस स्थान पर आपको पाप करने से बचना चाहिए। जैसे कि आप जब मंदिर जाते हैं तो उस स्थान पर जमीन पर चलने वाली छोटी-छोटी चीटियां, चीटे, छोटे छोटे जीव चलते रहते हैं जिनको आप नजरअंदाज करते हुए उनके ऊपर चढ़कर निकल जाते हैं। जिससे वह वही मर जाते हैं तो यह भी एक तरीके से गलत माना जाता है। हालांकि हम जानबूझकर यह गलती नहीं करते हैं पर भगवान ने हमें आंखें दी हैं तो दोनों आंखों का हम इस्तेमाल करके इस गलती को सुधार सकते हैं क्योंकि जब हम भगवान शिव जी के मंदिर जा रहे हैं तो कोशिश यही करें कि हमसे कोई भी छोटे से छोटा पाप भी ना हो।
पांचवी गलती
जब आप लोग भगवान शिव जी के मंदिर जाते हैं तो उस समय पर आप लोग एक बहुत बड़ी गलती करते हैं जिसके बारे में आपको शायद पता नहीं होता है। जब भी आप अपनी तरफ से लाई हुई कोई सामग्री भगवान शिव जी को अर्पित करते हैं तो उस स्थान पर आपको वह सामग्री शिवलिंग की जलाधारी के ऊपर नहीं रखना चाहिए ना ही शिवजी की ऊपर रखना चाहिए। शिव जी के ऊपर यह जलाधारी के ऊपर मात्र फूल, बेलपत्र चावल का दाना जैसी ही चीजें समर्पित करनी चाहिए।
उदाहरण के लिए जब आप नारियल लेकर जाते हैं या कोई दक्षिणा लेकर जाते हैं तो आप क्या करते हैं कि शिवजी की जलाधारी पर आप नारियल रख देते हैं या दक्षिणा के स्वरूप कुछ पैसे रख देते हैं जो कि बिल्कुल गलत हैं। जलाधारी पर आपको यह सारी चीजें नहीं रखनी चाहिए। शिवलिंग के आसपास आप इन चीजों को रख सकते हैं पर शिवजी की जलधारी के ऊपर इस तरीके की चीजों को समर्पित नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे आपके ऊपर दोष लगता है। अभी तक अगर आपको इस बात के बारे में पता नहीं था, कोई बात नहीं अब से आप इन सभी बातों का ध्यान रखिए।
छठवीं गलती
जब आप शिवजी के लिए एक लोटा जल लेकर जाते हैं और जब वह जल आप शिवजी पर चढ़ाते हैं तो उस जल को चढ़ाते समय आपको यह बात ध्यान रखना है कि आपको उस जल को को इतना ऊपर से नहीं चढ़ाना है कि वह जो जल आप शिवजी पर चढ़ा रहे हैं उसकी छीटें आपके ऊपर आ जाए। अगर उस जल के छींटे आपके ऊपर आते हैं तो इससे आपकी ऊपर दोष लगता है।
उसी स्थान पर एक गलती और है जो कि आपको नहीं करना चाहिए। आप जिस लोटे में जल लेकर गए हैं वह लोटा गलती से भी शिवजी को टच नहीं होना चाहिए मतलब यह लोटा शिवजी को स्पर्श नहीं होना चाहिए।
सातवीं गलती
जब आप शिवजी के मंदिर जाते हैं और आप शिवजी पर एक लोटा जल चढ़ाते हैं तो जल चढ़ाने के बाद वह जल शिवजी पर चढ़ने के बाद जलाधारी से नीचे गिरता है और जब वह जल जिस रास्ते से होते हुए जाता है उस रास्ते को कभी भी लांघना नहीं चाहिए मतलब कि जहां से यह जल निकलकर जा रहा हो उस जगह के ऊपर से हमें नहीं निकलना चाहिए वरना दोष लगता है।
तो दोस्तों यह वह 6 गलतियां थी जो की आपको नहीं करना चाहिए जब आप भगवान शिव जी के मंदिर जा रहे हो या भगवान शिवजी पर जल चढ़ा रहे हो या भगवान शिवजी पर कोई भी चीज समर्पित कर रहे हो।
अगर आपको इन सभी बातों में से कुछ समझ ना आया हो तो उसे आप हम से कमेंट करके पूछ सकते हैं आपको आपके सवाल का जवाब मिल जाएगा।