9 लाल फूल और 5 सफेद फूल वाला उपाय | पंडित प्रदीप मिश्रा जी

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नमस्कार दोस्तों, आप सभी लोग जानते हैं कि फिलहाल में माघ महीने की गुप्त नवरात्रि चल रहे हैं और पंडित जी की भी इसी समय प्रयागराज में 2 दिन की शिव चर्चा भी हो चुकी है, इसी के साथ पंडित जी ने यहां पर शिव चर्चा के दूसरे दिन एक बहुत ही बड़ा और विशेष उपाय बताया है जो कि सिर्फ गुप्त नवरात्रि के इन 9 दिनों में आप लोगों को करना है। इन 9 दिनों के बीच में एक सबसे बड़ा और विशेष दिन भी पड़ रहा है जो की वसंत पंचमी का दिन है। वसंत पंचमी माता सरस्वती जी के लिए विशेष दिन माना जाता है इस दिन सभी बच्चे माता सरस्वती जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजन आराधना करते हैं इसीलिए दोस्तों इस दिन भी इस उपाय को करने का बहुत ही अच्छा मौका हैं। इस उपाय को करने से आपके जीवन की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। साथ में आप जो भगवान से जिस भी दुख और समस्या को दूर करने की प्रार्थना करेंगे, वह भी दूर जरूर होगी।

इस उपाय को करने के लिए आपको सबसे पहले 9 लाल फूलों की आवश्यकता होगी। उसके बाद में 5 सफेद फूलों की आवश्यकता होगी। उसके बाद में एक शुद्ध देसी गाय के घी का दीपक भी आपको तैयार कर रहा होगा।

इसमें आप जो 9 लाल फूल जो लेने वाले हैं वह फूल होना चाहिए जो भगवान शिव जी की शिवलिंग पर चढ़ते हो, वह फूल गुलाब का भी हो सकता है या इसके अलावा जो भी लाल फूल होता है वह भी हो सकता है जिससे आप लोग यह वाला उपाय कर सकते हो।

इसके बाद में जो आप 5 सफेद फूल लेने वाले हो वह भी ऐसे फूल होने चाहिए, जो भगवान शिव जी की शिवलिंग पर चढ़ते हो।

इसके बाद में आपको 1 घी का दीपक भी तैयार करना हैं। जो कि आप विशेष रूप से मिट्टी का ले सकते हैं या आटे का भी ले सकते हैं। उसके अंदर गोल बाती रखकर शुद्ध देसी गाय का घी डालकर आप इस दीपक को तैयार कर सकते हैं।

यह उपाय की सामग्री आपको तैयार करके रख लेनी है।

अब इस उपाय को आपको सुबह के समय करना है या दोपहर के समय तक भी कर सकते हैं और इस उपाय को करने के लिए आपको अपने घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं है आप अपने ही घर में यह वाला उपाय कर सकते हैं।

अगर आप इस उपाय को विशेष रूप से बसंत पंचमी के दिन कर रहे हैं तो बहुत अच्छी बात हैं अन्यथा आप इस उपाय को माघ माह के गुप्त नवरात्रि के पूरे 9 दिनों में कभी भी यह उपाय कर सकते हैं।

इस उपाय को करने के लिए आपके घर में कोई भी एक गमला होना चाहिए या कोई बगीचा होना चाहिए या घर में कोई ऐसी जगह हो जहां पर मिट्टी पड़ी हुई हो वहां पर आप लोगों को यह वाला उपाय करना है।

अगर आप गमले के अंदर यह वाला उपाय कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि वह गमला तुलसी जी का नहीं होना चाहिए। उस गमले के अंदर तुलसी का पौधा नहीं होना चाहिए। आप किसी और गमले के अंदर ही यह वाला उपाय करें।

इस उपाय को विशेष रूप से घर की माताएं बहने ही करें अगर किसी कारणवश्यक घर में माताएं बहने उपस्थित ना हो तो उसे जगह पर घर का कोई बड़ा व्यक्ति इस उपाय को कर सकता हैं।

इस उपाय को करने के लिए आप लोगों को सबसे पहले अपने घर के उस गमले के पास आ जाना हैं जहां पर आप लोग यह उपाय कर रहे हैं। अब आपको इस गमले की थोड़ी सी मिट्टी लेना है या अलग से मिट्टी भी ले सकते हैं। आपको थोड़ी सी मिट्टी लेकर उसे गमले के अंदर ही 2 पार्थिव शिवलिंग बनाना है मतलब की छोटे-छोटे आकार के दो शिवलिंग बना लेना है।

जैसे ही आपके 2 पार्थिव शिवलिंग बन जाते हैं तो आपको अपने उपाय की सामग्री अपने पास में लेकर आ जाना है। आप सबसे पहले आपको अपने दोनों पार्थिव शिवलिंग की पूजा करनी है उन पर आपको चंदन, चावल, फूल जैसी सामग्री समर्पित करने हैं।

अब आपको अपना वह दीपक जला लेना है जो आपने इस उपाय को करने के लिए तैयार किया है। अब आपको वह दीपक अभी शिवलिंग के पास में नहीं रखता हैं।

पहले आपको अपने 9 लाल कलर के जो फूल अपने लिए हैं वह पहले वाली शिवलिंग के ऊपर माता पार्वती जी के नाम का स्मरण करते हुए यह शिवलिंग को माता पार्वती जी समझते हुए आपको यह लाल कलर के फूल एक-एक करके या एक साथ शिवजी पर चढ़ा देने हैं।

उसके बाद में अब आपको 5 सफेद कलर के फूल दूसरी वाली शिवलिंग के ऊपर भगवान शिव जी का नाम लेते हुए एक-एक करके या एक साथ चढ़ा देना है।

अब आपको अपना वह दीपक जो आपने अभी जलाया हुआ है वह दोनों पार्थिव शिवलिंग के पास में रख देना हैं।आप चाहे तो इस दीपक से दोनों शिवलिंग की आरती भी उतार सकते हैं और दीपक को वहां पर रख सकते हैं।

अब आपको वहीं पर हाथ जोड़कर भगवान से वह मनोकामना बोलनी है जिसके लिए आप यह उपाय कर रहे हैं या आपकी कोई दुख और परेशानी है तो आपको वह भी भगवान से दूर करने के लिए प्रार्थना कर लेना हैं।

अभी आपका यह उपाय पूरा नहीं हुआ है इस उपाय को पूरा करने के लिए आपको इन पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन भी करना पड़ेगा।

आपने जो वह दीपक जलाया है वह दीपक जब तक पूरा ना जल जाए या ठंडा ना हो जाए जब तक आप लोगों को वहां से कोई भी चीज नहीं उठानी है। उपाय को करने के कुछ समय बाद जब वह दीपक अपने आप बुझ जाए या ठंडा हो जाए तो आप लोगों को वह दोनों पार्थिव शिवलिंग को उठाकर और उन पार्थिव शिवलिंग पर चढ़ाए गए 9 लाल फूल और 5 सफेद फूलों को अपने पास रखकर इन्हें किसी भी नदी, बावड़ी या तालाब के पास में जाकर विसर्जन कर देना है।

अगर आप इन पार्थिव शिवलिंग, फूलों और दीपक को किसी भी नदी बावड़ी या तालाब के पास विसर्जन नहीं कर सकते तो आप किसी भी वृक्ष के नीचे जाकर भी इन सब सामग्री का विसर्जन कर सकते हैं।

जैसे ही आप इस पूजन सामग्री का विसर्जन कर देते हैं तो आपका यह उपाय पूरा हो जाता हैं।

उपाय को करते समय ध्यान में रखने वाली बातें

  • इस उपाय को तुलसी जी के गमले में नहीं करना है ना ही तुलसी जी के क्यारे के पास करना हैं।
  • उपाय को करने के बाद आपको पूजन सामग्री का विसर्जन भी करना है।
  • उपाय को गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में कभी भी कर सकते हैं।
  • इस उपाय को सुबह से लेकर दोपहर के समय के बीच में ही कर लें।
  • यह उपाय विशेष रूप से घर की माताएं बहनें ही करें।

इस उपाय को करने के बाद निश्चित ही आपकी मनोकामना या आपने जिस भी काम के लिए यह वाला उपाय किया होगा आपका वह काम भी जरूर पूर्ण होगा। यह उपाय पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी 2 दिन की शिव चर्चा में से दूसरे दिन की शिव चर्चा कथा में बताया हुआ हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

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