अमावस्या एक दीपक वाला उपाय प्रदीप मिश्रा | Pradeep Mishra Amavasya Upay

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

नमस्कार दोस्तों, आप सभी लोग जानते हैं कि हर महीने अमावस्या आती है और अमावस्या के दिन पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया एक ऐसा उपाय है, जिस उपाय को करने से आपके जीवन में आ रही सारी दुख और परेशानियां दूर होती हैं, आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अगर आप लोग भी अमावस्या के दिन कोई ऐसा उपाय करना चाहते हैं जिस उपाय को करने से आपके जीवन की सारी दुख और परेशानियां दूर हो जाए तो आपको यह वाला उपाय हर महीने की अमावस्या के दिन जरूर करना चाहिए।

कई बार हमारे घर में बहुत तरह की परेशानियां आती हैं और हमें पता नहीं चलता है कि यह परेशानियां क्यों आ रही हैं और हम सोचते हैं कि हम कोई उपाय करेंगे और हमारी यह परेशानियां ठीक हो जाएगी। चाहे आपकी धन की समस्या, रोग और बीमारी की समस्या या घर में लड़ाई, झगड़ा और भी बहुत तरह की परेशानी आती हैं। इसका एक सबसे बड़ा कारण यह भी होता है कि आपके घर के पितृ आपसे प्रसन्न नहीं है तो अमावस्या का दिन पितरों के लिए ही होता है। इस दिन हम हमारे पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं और यह वही उपाय है जिस उपाय से आपके पितृ आपसे प्रसन्न होंगे और आपके जीवन में अपने आप खुशी आना शुरू हो जाएगी।

यह उपाय कब करना है

यह उपाय आप किसी भी महीने में पढ़ने वाली अमावस्या के दिन कर सकते हैं।

यह उपाय किसको करना है

इस अमावस्या के उपाय को घर की जो बड़ी माताएं बहने हो, उनमें से कोई भी एक माता बहन इस वाले उपाय को कर सकती है।

यह उपाय किस समय करें

इस उपाय को करने का सिर्फ एक ही समय है जो की शाम का या प्रदोष काल का समय है। शाम के 6 बजे से लेकर 7 बजे के बीच के समय में आप इस उपाय को कर सकते हैं। अगर थोड़ा बहुत लेट भी हो जाते हैं तो आप 7:30 बजे या रात 8:00 बजे तक भी आप इस उपाय को करेंगे तो आपको इस उपाय का फल जरुर मिलेगा।

इस उपाय की सामग्री क्या है

इस उपाय में आपको एक दीपक तैयार करना है जो दीपक मुख्य रूप से मिट्टी का नया दीपक हो या अगर पुराना मिट्टी का दीपक भी है तो उसे धोकर आप इस्तेमाल में ले सकते हैं और अगर आपके पास ना मिट्टी का नया दीपक है और ना पुराना है तो उस जगह पर आप अपने घर में ही आटे का 1 दीपक बना सकते हैं।

दीपक को कैसे तैयार करें

अमावस्या के दिन इस दीपक को तैयार करने के लिए आपको शाम के समय अपना वह दीपक लेना होगा, जिससे आप यह उपाय करने वाले हैं। अगर आपके पास मिट्टी का दीपक है तो आप मिट्टी का ले सकते हैं अन्यथा आप अपने घर में ही आटे का दीपक बनकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस दीपक को तैयार करने के बाद आप इस दीपक के अंदर लंबी बत्ती रखेंगे।

इस दीपक के अंदर आप मुख्य रूप से शुद्ध देसी गाय का घी डालेंगे। इस उपाय में आप भैंस का घी ना आप बाजार का मिलावटी घी इस्तेमाल करेंगे। आपको कोशिश करनी है की आपको शुद्ध देसी गाय का घी मिल जाए और इसी दीपक के अंदर आप यही घी डालें।

इस उपाय को कहां पर जाकर करना है

इस उपाय को आप बताई गई किसी भी एक जगह पर जाकर कर सकते हैं।

  • पवित्र नदी का घाट
  • बावड़ी या कुआं
  • तालाब या सरोवर
  • बेलपत्र का पेड़
  • पीपल का पेड़
  • आवाले का पेड़
  • शमी का पेड़
  • रसोई घर में परिंडे के पास

इस उपाय को करने की विधि

इस उपाय में सबसे पहले आप लोगों को अपना वह दीपक तैयार कर लेना है, दीपक तैयार करने के बाद आपको शाम के समय प्रदोष काल में अपने घर से निकलना है और आपके घर के आसपास बताई गई जगह में से जो जगह सबसे पास हो आपको वहां पर जाना है पर मुख्य रूप से आपको किसी पवित्र नदी के घाट पर या बावड़ी या कुआं या तालाब या सरोवर के पास ही जाना है। इसके अलावा अगर आप यहां पर नहीं पहुंच सकते तो बेलपत्री, पीपल, आंवला या शमी के पेड़ के नीचे भी जाकर आप इस उपाय को कर सकते हैं। अगर यहां पर भी ना जा पाए तो फिर अपने ही घर के रसोई घर में जाकर पीने के परिंडे के पास में इस उपाय को कर सकते हैं।

अब आप जिस भी स्थान पर इस उपाय को करने के लिए जा रही हो उस स्थान पर जाकर इस बात का ध्यान रखिए कि इस दीपक को आपको जल के अंदर प्रवाहित नहीं करना है, इस दीपक को आपको वही नदी के घाट पर ही रखना है। जैसे ही आप इस दीपक को रखने वाली जगह पर पहुंच जाते हैं तो आपको वहां पर सबसे पहले दक्षिण दिशा देख लेना है क्योंकि इस दीपक को हमें दक्षिण दिशा में ही रखना है। दक्षिण दिशा देखने के बाद आप अपना वह दीपक जो आप घर से तैयार करके लेकर आए हैं उसे अपनी माचिस से जला लीजिए। किसी और की माचिस इस उपाय में प्रयोग मत कीजिए। दीपक को जलाने के बाद आप दक्षिण बत्ती का मुख करके जिस तरफ से वह दीपक जल रहा है, दीपक की बत्ती जल रही है वह मुख आप लोगों को दक्षिण दिशा में करके समर्पित कर देना है या उस दीपक को उस घाट पर रख देना है। उसके बाद में आपको भगवान शिव जी का नाम लेते हुए या अपने पितरों का स्मरण करते हुए भगवान से प्रार्थना करना है, निवेदन करना है, अपने घर की सुख और शांति के लिए या आपकी कोई मनोकामना है या कोई दुख और परेशानी है तो अपनी जो भी प्रकार की समस्या है उसको आप भगवान शिव जी से अपने पितरों के स्मरण करते हुए बोल सकते हैं।

उपाय की ध्यान में रखने वाली बातें

  • इस उपाय में आप मुख्य रूप से मिट्टी का ही दीपक ले अगर ना हो तो फिर आटे का दीपक ले सकते हैं।
  • इस दीपक में आपको लंबी बत्ती ही रखती है।
  • इस दीपक के अंदर आपको शुद्ध देसी गाय का घी डालना है।
  • इस दीपक को जलाने के लिए आपको अपनी माचिस घर से लेकर जाना है।
  • इस दीपक को मुख्य रूप से आप किसी पवित्र नदी, कुआं या तालाब के घाट पर रख सकते हैं।
  • इस दीपक को आपको दक्षिण बाती का मुख करके ही रखना है।
  • दीपक जलाने के बाद अपने पितरों का स्मरण करना है और भगवान शिव जी से भी प्रार्थना करना है।
  • यह उपाय शाम के समय प्रदोष काल में ही होगा।

अगर आपको अमावस्या के दिन इसे एक दीपक वाले उपाय को करने में कोई भी दिक्कत या परेशानी आती है तो उसे आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

Leave a Comment

Amavasya Kab Hai 22024 masik shivratri january 2024 date Pradosh Vrat 2024 January Kab Hai vinayak chaturthi 2024 in hindi Safla Ekadashi Kab Hai 2024