शीतला अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि | Sheetala Ashtami, Sheetala Shaptami Kab hai 2024

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

नमस्कार दोस्तों, आप सभी लोग जानते हैं की 2 अप्रैल 2024 को शीतला अष्टमी है, यह दिन माता शीतला जी के भक्तों के लिए बहुत ही विशेष होता है, इस दिन माता शीतला को मीठे चावलों का भोग लगता है, इस दिन विशेष रूप से बासी पकवानों का भोग भी लगाया जाता है। इसी के साथ खुद भी बासी और ठंडा भोजन करना चाहिए।

हर साल चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होली के 8 दिन बाद शीतलाष्टमी का पर्व आता है और इस दिन माता शीतला की पूजन आराधना का विधान है, इस दिन माताएं बहने शीतलाष्टमी का व्रत भी रखती हैं। शीतला अष्टमी को बसौड़ा अष्टमी से भी जाना जाता है। माता शीतला जी के भक्तों के लिए यह पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, इस दिन पूजा के समय माता शीतला को मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है और विशेष रूप से बासी पकवानों का भोग भी लगाया जाता है और इस दिन परिवार जन भी बासी और ठंडा भोजन ही ग्रहण करते हैं। मान्यता यह भी है कि शीतला अष्टमी के दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से घर में रोग और बीमारियों से मुक्ति मिलती है तथा सभी का जीवन सुख और शांति से बना रहता है।

शीतला अष्टमी कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी है जो की 1 अप्रैल को रात 09:09 मिनट से शुरू होगी और 2 अप्रैल को रात 08:08 मिनट तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार यह शीतला अष्टमी 2 अप्रैल को मनाई जाएगी।

शीतला सप्तमी कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी है, जो की 1 अप्रैल 2024 के दिन पड़ रही है।

शीतला अष्टमी का शुभ मुहूर्त

शीतला अष्टमी 2 अप्रैल को मनाई जाएगी जिसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:10 मिनट से शुरू होकर शाम 6:40 मिनट तक रहेगा, इस बीच के समय में आप शीतला माता की पूजन आराधना कर सकती हैं।

शीतला माता की पूजन विधि

इस दिन व्रत रखने वालों को विशेष रूप से पूजन विधि का ध्यान रखना चाहिए।

  • शीतला अष्टमी के दिन सुबह-सुबह स्नान करके नए और धुले हुए वस्त्र धारण करने चाहिए।
  • पूजा के समय हाथ में फूल, अक्षत, जल और दक्षिण लेकर ही इस व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
  • शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए दही, रबड़ी, चावल आदि चीजों का भोग भी लगाया जाता है।
  • इसी के साथ मीठे चावल और बासी पकवानों का भोग भी अवश्य लगाएं।
  • शीतला माता की पूजन के समय शीतला स्त्रोत का पाठ करें और पूजा के बाद माता शीतला जी की आरती भी जरूर करें।
  • पूजन संपन्न होने के बाद माता शीतला को लगाया हुआ भोग ही खाएं और अपने व्रत को खोलें।

शीतला माता कौन है

ज्योतिष आचार्य के अनुसार शीतला माता ठंडकता प्रदान करती हैं और इस दिन मां शीतला की पूजन करने से कई तरह की रोग और बीमारियों से भक्तों को मुक्ति मिलती है। इसी के साथ अगर किसी व्यक्ति को चर्म रोग एवं चेचक जैसी बीमारियां भी है तो उन्हें भी इस दिन राहत मिलती है।

माता शीतला की पूजन में क्या भोग लगाएं

इस दिन माता शीतला को पूजा की थाली में दही, पुआ, रोटी, बाजरा, सप्तमी को बने मीठे चावल और बासी पकवान जरूर रखें, इसी के साथ एक पूजन की थाली में आटे के दीपक होली वस्त्र अक्षत हल्दी मौली होली वाले बड़गुले की माला सिक्के और मेहंदी आदि रखें।

माता शीतला की पूजन कैसे करें

माता शीतला की पूजन करने के लिए सबसे पहले आप मंदिर चले जाएं और मंदिर में पहले माता को जल चढ़ाएं, उसके बाद में रोली और हल्दी का टीका करें और आटे के दीपक बिना जलाए रखें और माता को अर्पित करें। आखिर में वापस से जल चढ़ाएं और थोड़ा सा जल बचाकर उसे अपने घर लाकर घर के सभी सदस्यों को आंखों में लगाने को कहें। इसके बाद होलिका दहन वाली जगह पर भी पूजा जरूर करें वहां भी थोड़ा जल और पूजन सामग्री जरुर चढ़ाएं। 

इसी के साथ दोस्तों माता शीतला की पूजन विधि पूजन सामग्री भोग सामग्री आदि सभी हमने आपको बता दी हैं, अगर आपको शीतला अष्टमी से जुड़ा हुआ कोई भी प्रश्न है तो उसे आप कमेंट करके पूछ सकते हैं।

धन्यवाद

यह सारी जानकारी ज्योतिषाचार्य के अनुसार हैऔर धार्मिक पुराने के अनुसार है इसमें हमारा कोई उल्लेखनीय नहीं हैकिसी भी प्रकार की जानकारी पर विश्वास करने से पहले अच्छी तरह से जांच कर ले।

Leave a Comment

Amavasya Kab Hai 22024 masik shivratri january 2024 date Pradosh Vrat 2024 January Kab Hai vinayak chaturthi 2024 in hindi Safla Ekadashi Kab Hai 2024