श्री शिवाय नमस्तुभ्यं दोस्तों, आप सभी लोग जानते हैं कि सावन का महीना शुरू हो गया है और इस सावन के महीने में बहुत सारे लोग पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करते हैं और उसकी पूजन अर्चना कर उसका विसर्जन करते हैं। इसी चीज को लेकर दोस्तों लोगों के मन में बहुत सारी दुविधा होती है कि हमें जो सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग बनाना है वह कैसे बनाना है, उसकी विधि क्या है, उसकी पूजन कैसे करना है और उसका विसर्जन कैसे करना है। यह सारी जानकारी आपको आज के इस लेख में मिल जाएगी इसलिए अगर आप लोग भी सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करते हैं तो आप लोग इस लेख को जरुर पढ़े ताकि अगर आप लोग पार्थिव शिवलिंग बनाने में कोई गलती भी कर रहे होंगे तो आपकी वह गलती आपकी पकड़ में आ जाएगी और आप उसे गलती को सुधार कर भगवान शिव जी की पूर्ण कृपा का लाभ ले सकेंगे।
सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग आप प्रतिदिन बना सकते हैं और भगवान शिव जी की कृपा का लाभ उठा सकते हैं। इसमें जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ सावन सोमवार के दिन ही शिवलिंग बनाएं आप लोग सावन के हर दिन में पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसका पूजन करके उसका विसर्जन कर सकते हैं।
पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कैसे करते हैं
- पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करने के लिए सबसे पहले आपको मिट्टी लानी होगी जो कि आप लोग स्वच्छ जगह की इतनी मिट्टी लेंगे जीतने में आपका एक पार्थिव शिवलिंग बन जाए और अगर आप लोग बहुत सारी पार्थिव शिवलिंग अपने हिसाब से बनाना चाहते हैं तो उस हिसाब से फिर उस स्वच्छ जगह की मिट्टी को लेकर आए। पार्थिव शिवलिंग की मिट्टी अगर काले रंग की होगी तो वह ज्यादा अच्छा रहेगा।
- पार्थिव शिवलिंग की मिट्टी अपने घर पर लाने के बाद आपको उस मिट्टी को किसी अच्छी जगह पर रखकर उस मिट्टी के ऊपर गंगाजल का छिड़काव कर देना है जिससे वह मिट्टी शुद्ध हो जाए।
- इसके बाद आपको पार्थिव शिवलिंग बनाने के कुछ समय पहले ही एक लोटा जल अपने घर में जहां पर आपका रसोई घर होता है और पीने का पानी रखा जाता है उस जगह पर पहले से एक लोटा जल भर के रख देना है और हो सके तो उस लोटा को ढककर उसके ऊपर एक चावल का दाना आप लोग रख दें।
- उसके बाद जब आप पार्थिव शिवलिंग बनाना शुरू करें तो अपना वह जल का पात्र लेकर आ जाएं जो आपने अपने घर के रसोई घर में कुछ समय पहले रख दिया था। अब इसी जल की मदद से आप लोगों को अपनी मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करना है।
- सबसे पहले आपको एक बड़ा सा पात्र या कोई थाली लेना है जिसके अंदर आप पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करेंगे और जिस जगह पर आप पार्थिव शिवलिंग बनाने वाले हैं सबसे पहले वहां पर आप अपनी एक बेलपत्र को रख दें। बेलपत्र को आपको सीधा करके रखना है, उसके बाद में अपनी कुछ मिट्टी का हिस्सा उठाकर बेलपत्र की बीच वाली बड़ी पत्ती के ऊपर रखकर आपको शिवलिंग का आकार देना है। पहले शिवलिंग बनाना है उसके बाद में जलधारी बनाना है।
- अब जैसे ही आपका शिवलिंग बन जाता है उसके बाद में आप जराधारी को भी बना लेंउसके बाद में जैसे ही आपका पूर्ण रूप से शिवलिंग बन जाता है उसके बाद में आप अपनी इस पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना करें।
- अगर आप लोग एक से ज्यादा पार्थिव शिवलिंग बना रहे हैं तो फिर आपको उसमें जलधारी बनाने की आवश्यकता नहीं है। आप मात्र शिवलिंग बनाकर ही बहुत सारी पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर सकते हैं।
- पूजन करने के लिए आप लोग यह समझ सकते हैं कि जब आप भगवान शिव जी के मंदिर जाते हैं तो आप उनके लिए क्या-क्या पूजन सामग्री लेकर जाते हैं वैसे ही पूजन सामग्री तैयार करके आपको अपनी पार्थिव शिवलिंग का पूजन करना है। जैसे की सबसे पहले आप लोगों को जल चढ़ाना है, पंचामृत चढ़ता है, फिर जल चढ़ाना है। उसके बाद में फूल, बेलपत्र अभीर, गुलाल, चंदन वगैरा जितनी चीज आप लोग समर्पित करना चाहते हैं वह सारी चीज आप समर्पित कर दीजिए। उसके बाद में शुद्ध देसी गाय का गोल बाटी का घी का दीपक जलाकर भगवान की आरती कीजिए। आरती करके भगवान के सामने 2 मिनट बैठकर भगवान शिव जी के किसी भी एक मंत्र का जाप कीजिए। जाप करने के बाद भगवान से प्रार्थना और विनती करके भगवान को धूप देकर वहां से उठ जाइए और आपकी यह पार्थिव शिवलिंग की पूजन पूरी हो जाती है।
पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन कैसे करना है
अब आपको इस बात का ध्यान रखना है कि जो पार्थिव शिवलिंग का निर्माण आपने अभी किया हुआ है इस पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन रात्रि होने से पहले कभी भी आप लोगों को कर देना है।
अगर कोई विशेष दिन है जैसे की शिवरात्रि का, हरतालिका तीज या सावन के महीने में कोई विशेष दिन है तो आप लोग इस पार्थिव शिवलिंग को पूरी रात भर रख सकते हो।
पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन कहां करना है
पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन आप लोग किसी भी बहते हुए जल में कर सकते हैं जैसे की कोई भी पवित्र नदी अगर आपके घर के पास में है तो आप उस जगह पर जाकर इस शिवलिंग का विसर्जन कर सकते हैं या कोई सरोवर या तालाब है तो वहां पर जाकर भी आप इस शिवलिंग का विसर्जन कर सकते हैं और अगर आप लोग घर के बाहर नहीं जाना चाहते तो अपने ही घर में किसी भी वृक्ष के नीचे या गमले में आप इस शिवलिंग का विसर्जन कर सकते हैं।
पार्थिव शिवलिंग विसर्जन करते समय किस बात का ध्यान रखें
जब आप पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन जल में करने जा रही हो या जहां पर आपका मन है वहां पर करने जा रही हो तो उस बात का ध्यान दीजिएगा कि जो आपके पार्थिव शिवलिंग की जलधारी है जो जलधारी से जहां से जल बहता हुआ नीचे गिरता है उस चलाधारी का मुख आपकी तरफ होना चाहिए और आपकी तरफ मुख करके ही आपको इस शिवलिंग का विसर्जन करना है। मतलब जब आप इस शिवलिंग का विसर्जन कर रहे हो तो वह जलधारी का आखिरी का भाग आपको देखते हुए ही शिवलिंग का विसर्जन करना है और उसके बाद में आपने जिस भाव से यह पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया है जो मनोकामना से किया है अपनी वह मनोकामना उसे समय आपको भगवान से बोल देनी है।
पार्थिव शिवलिंग सावन के महीने में कब-कब बनना चाहिए
सावन के महीने में आप किसी भी दिन या सावन के पूरे महीने में आप पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर सकते हैं और उसकी पूजन अर्चना कर उसका विसर्जन भी कर सकते हैं।
इस तरीके से आप लोगों को सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करके उसकी पूजन अर्चना कर उसका विसर्जन करना है। अगर आप लोगों को पार्थिव शिवलिंग से जुड़ी हुई कोई भी चीज समझ नहीं आई है तो उसे आप उनसे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
ओम नमः शिवाय