21 सितंबर सूर्य ग्रहण 2025: भारत में नहीं दिखेगा, सूतक काल मान्य नहीं | पूरा समय और सटीक जानकारी

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आज हम आपके लिए लेकर आए हैं 21 सितंबर के सूर्य ग्रहण से जुड़ी संपूर्ण और सटीक जानकारी। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं, इसका सही समय, सूतक काल के नियम और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानियां।

क्या 21 सितंबर का सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा? | Surya Grahan 2023 Visibility in India

सबसे पहले आपके मन में यह सवाल होगा कि क्या यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा? इसका सीधा और सरल उत्तर है — नहीं।

21 सितंबर को लगने वाला यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) है। यह ग्रहण मुख्य रूप से पश्चिमी अफ्रीका, दक्षिणी यूरोप और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। चूंकि भारत में ग्रहण के समय रात होगी (सूर्यास्त हो चुका होगा), इसलिए यहाँ यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

सूर्य ग्रहण 2025 का सही समय और अवधि | Surya Grahan 2023 Time and Duration

जानना जरूरी है कि हमारे समयानुसार यह ग्रहण कब लगेगा:

  • ग्रहण प्रारंभ: 21 सितंबर की रात 10:59 बजे (IST)
  • ग्रहण समाप्ति: 22 सितंबर की सुबह 03:24 बजे (IST)
  • कुल अवधि: ग्रहण की कुल अवधि लगभग 4 घंटे 25 मिनट रहेगी।

क्या मान्य होगा सूतक काल? | Sutak Kaal Rules for India

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल के दौरान शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चूंकि यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं है, इसलिए इसका सूतक काल (Sutak Kaal) भारत में मान्य नहीं होगा। इसका अर्थ है कि आप सामान्य दिन की तरह अपने सभी कार्य कर सकते हैं। मंदिरों के पट भी बंद नहीं होंगे और पूजा-पाठ में कोई रुकावट नहीं आएगी।

ग्रहण का विशेष संयोग: सर्वपितृ अमावस्या | Coincidence with Sarvapitri Amavasya

इस सूर्य ग्रहण की एक विशेष बात यह है कि यह सर्वपितृ अमावस्या के दिन पड़ रहा है। इस दिन पितरों को श्रद्धांजलि देने और तर्पण करने का विशेष महत्व है। ग्रहण के कारण भले ही सूतक मान्य न हो, लेकिन अमावस्या के दिन पितरों के लिए किए जाने वाले दान-पुण्य और श्राद्ध कर्म का महत्व बना रहेगा।

गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियाँ | Precautions for Pregnant Women

भले ही सूतक काल मान्य नहीं है, लेकिन गर्भवती माताएं (Pregnant Women) सूर्य ग्रहण के समय कुछ सामान्य सावधानियां बरत सकती हैं ताकि मानसिक शांति बनी रहे:

  • ग्रहण की अवधि (रात 10:59 बजे से 03:24 बजे तक) के दौरान घर के अंदर ही रहें।
  • इस दौरान कैंची, चाकू, छुरी आदि नुकीली चीजों के इस्तेमाल से बचें।
  • ग्रहण काल के समय भगवान के मंत्रों का जाप करें या प्रसन्नता से कोई पौराणिक कथा सुनें।
  • तनाव न लें और सकारात्मक विचार बनाए रखें।

ग्रहण के बाद क्या करें? | What to Do After the Eclipse?

चूंकि ग्रहण रात में होगा और आप सोएंगे, इसलिए अगली सुबह उठकर आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

  • सुबह स्नान करें।
  • यदि संभव हो तो पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • घर के मंदिर को साफ करें और भगवान की मूर्तियों पर शुद्ध जल चढ़ाएं।
  • दान-पुण्य करने का यह दिन शुभ है, खासकर पितरों के लिए।

निष्कर्ष: चिंता की कोई बात नहीं | Conclusion: No Need to Worry

निष्कर्ष यह है कि 21 सितंबर का सूर्य ग्रहण भारत में न दिखने के कारण यहाँ इसका धार्मिक प्रभाव नगण्य है। आप अपने दैनिक कार्यों और सर्वपितृ अमावस्या के शुभ कर्मों को निर्विघ्न पूरा कर सकते हैं। बस ग्रहण के समय थोड़ी सी सावधानी रखना आपकी मानसिक शांति के लिए लाभदायक हो सकता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

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