पितरों की फोटो लगाने के सही नियम: जानिए कैसे बचें पितृ दोष से
बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि माता-पिता या परिवार के बुजुर्गों की मृत्यु के बाद उनकी फोटो घर में कहाँ लगानी चाहिए? क्या उन्हें लगाने के कोई नियम हैं? अगर हाँ, तो क्या हैं वो नियम? इस लेख में, हम आपको पितरों की फोटो लगाने के सही तरीके और गलतियों से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
गलत जगह फोटो लगाने के नुकसान
अक्सर लोग मृत्यु के बाद अपने पितरों की फोटो फ्रेम में बनवाकर घर की किसी भी दीवार पर टाँग देते हैं। यह गलती आपके जीवन में समस्याएँ ला सकती है, जैसे:
- पैसों की तंगी
- काम में बाधाएँ
- पितृ दोष का प्रभाव
- घर में अशांति
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मृत्यु के बाद व्यक्ति पितृ बन जाता है और उनकी फोटो को लगाने के कुछ विशेष नियम होते हैं। इन नियमों की अनदेखी करने पर पितर नाराज हो जाते हैं।
इन जगहों पर न लगाएँ पितरों की फोटो
- पूजा घर में नहीं: भगवान और पितरों की पूजा अलग-अलग मानी जाती है। पूजा घर में पितरों की फोटो लगाने से देवी-देवताओं की कृपा प्रभावित हो सकती है।
- बेडरूम में नहीं: सोने के कमरे में फोटो लगाने से नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है।
- बाथरूम या रसोई के पास नहीं: इन स्थानों पर फोटो लगाना अशुभ माना जाता है।
- सीढ़ियों के ऊपर या नीचे नहीं: इससे पितरों का सम्मान नहीं होता।
पितरों की फोटो लगाने की सही जगह और दिशा
पितरों की फोटो लगाने के लिए दक्षिण दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। दक्षिण दिशा पितरों की दिशा कहलाती है। फोटो लगाते समय इन बातों का ध्यान रखें:
- फोटो को दक्षिण दिशा की दीवार पर लकड़ी के स्टैंड या अलमारी पर टिकाकर रखें, कील या खूँटी से न टाँगें।
- फोटो ऐसी जगह रखें जहाँ बाहरी लोगों की नजर न पड़े।
- रोज साफ कपड़े से फोटो की सफाई करें।
अन्य महत्वपूर्ण नियम
- घर में एक ही पितर की फोटो रखें। अगर जरूरी हो, तो दादा-दादी या नाना-नानी की संयुक्त फोटो रख सकते हैं।
- जीवित लोगों की फोटो पितरों की फोटो के साथ न रखें।
- रोज अगरबत्ती लगाना शुभ होता है, लेकिन अगर संभव न हो तो अमावस्या के दिन दीपक जलाएँ और पितरों से प्रार्थना करें।
निष्कर्ष
पितर हमारे कल्याण के लिए होते हैं, लेकिन गलतियों की वजह से वे नाराज हो सकते हैं। अगर आपने भी अपने घर में पितरों की फोटो गलत जगह लगा रखी है, तो इन नियमों का पालन करके उन्हें सही जगह पर लगाएँ। इससे आपके जीवन की समस्याएँ दूर होने लगेंगी और पितरों का आशीर्वाद बना रहेगा।
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श्री शिवाय नमस्तुभ्यं महाराज