राधे राधे! नवरात्रि का पावन पर्व हम सभी भक्तों के लिए माँ दुर्गा की आराधना और आशीर्वाद पाने का सबसे श्रेष्ठ अवसर होता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025, सोमवार से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। अगर आप भी घर में ही माता रानी का कलश स्थापित करके उनकी कृपा पाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है! यहाँ हम आपको कलश स्थापना की सरल, सटीक और वैदिक विधि बता रहे हैं।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (2025)
इस बार नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025, सोमवार को हो रही है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक है। इस दौरान कलश स्थापना करने से माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कलश स्थापना की तैयारी: सामग्री और स्थान
- एक छोटी चौकी या पाटा
- लाल कपड़ा
- माँ दुर्गा की फोटो या मूर्ति
- पीतल, तांबे या मिट्टी का कलश (लोटा) – स्टील का नहीं
- गंगाजल, शुद्ध जल, फूल
- कलावा, रोली, हल्दी की गाँठ, दूर्वा
- आम के पत्ते (9), सुपारी, पंचरत्न
- एक रुपये का सिक्का, नारियल
- गेहूँ या चावल, दीपक
- कलश स्थापना की स्टेप बाय स्टेप विधि
1. पूजा स्थल की तैयारी
सबसे पहले एक साफ़ जगह पर चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएँ। माँ दुर्गा की फोटो या मूर्ति स्थापित करें।
2. कलश की स्थापना
- माँ की तस्वीर के दाएँ हाथ की ओर कलश रखें।
- चावल से अष्टदल कमल बनाएँ या चावल की ढेरी लगाएँ।
- कलश में पहले गंगाजल डालें, फिर शुद्ध जल भरें और फूल डालें।
- कलश पर कलावा बाँधें और स्वास्तिक बनाएँ।
- अब इसमें रोली, हल्दी की गाँठ, दूर्वा, सुपारी, पंचरत्न और एक रुपये का सिक्का डालें।
- आम के 9 पत्ते कलश के ऊपर सजाएँ।
3. नारियल की स्थापना (सही क्रम)
- पहले चावल/गेहूँ की कटोरी रखें: कलश के ऊपर गेहूँ या चावल से भरी एक कटोरी रखें।
- फिर नारियल रखें: उस कटोरी के ऊपर एक नारियल (जिसमें पानी हो) को लेटा कर रखें। नारियल को कलावा या लाल कपड़े से लपेटें और उसका मुँह अपनी तरफ रखें।
4. दीपक की स्थापना
- माँ के बाएँ हाथ की ओर चावल का आसन बनाकर दीपक जलाएँ।
- अब माँ दुर्गा की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएँ।
नवरात्रि में पूजा का महत्व
चाहे आप व्रत रखें या नहीं, नवरात्रि के नौ दिन नियमित सुबह-शाम माँ की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q: कलश स्थापना के लिए स्टील का लोटा क्यों नहीं ले सकते?
A: वैदिक मान्यताओं के अनुसार, पीतल, ताँबा या मिट्टी के कलश को शुभ माना जाता है। स्टील में सात्विक ऊर्जा कम होती है।
Q: अगर अष्टदल कमल न बनाएँ तो क्या करें?
A: चावल की ढेरी बनाकर उस पर कलश रख दें।
Q: नारियल को खड़ा क्यों नहीं रखना चाहिए?
A: नारियल को लेटा कर रखने से माँ की कृपा स्थिर रहती है।
निष्कर्ष
यह सरल विधि अपनाकर आप घर पर ही कलश स्थापना कर सकते हैं और नवरात्रि का पूरा लाभ उठा सकते हैं। माँ दुर्गा आप सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें!
अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो कमेंट में जरूर पूछें। हमारी इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। राधे राधे! 🙏