रोज की पूजा में कौन सी आरती करें? जानें सही विधि, समय और 1 मिनट की आरती

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राधे राधे! अक्सर हमारे मन में सवाल आता है कि रोज की पूजा में कौन सी आरती करनी चाहिए? समय की कमी होने पर भी भगवान की आराधना कैसे करें? इस लेख में हम आपके इन सभी सवालों के जवाब देंगे और बताएंगे कि कैसे आप व्यस्त दिनचर्या में भी नियमित पूजा कर सकते हैं।

क्या रोज आरती करना जरूरी है?

हाँ! रोज सुबह-शाम भगवान की आरती करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और भगवान की कृपा बनी रहती है। अगर आपके पास समय कम है तो भी आप संक्षिप्त आरती या दीपक दिखाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सकते हैं।

व्यस्त लोगों के लिए Quick पूजा टिप्स

  • दीपक और अगरबत्ती से आरती: अगर आरती गाने का समय नहीं है तो दीपक और अगरबत्ती जलाकर भगवान के सामने 7 बार घुमाएँ।
  • मंत्र या नाम जप: आरती घुमाते समय “ॐ नमः शिवाय” या “श्री राम जय राम” जैसे मंत्र बोलें।
  • छोटी आरती: “ॐ जय जगदीश हरे” की आरती के केवल प्रारंभिक शब्द गाकर 1 मिनट में आरती पूरी करें।

पूजा का सही समय और विधि

  • सुबह का समय: सूर्योदय के बाद, ideally सुबह 8 बजे से पहले पूजा पूरी कर लें।
  • शाम का समय: सूर्यास्त से पहले दीपक जलाएँ। अंधेरा होने से पहले पूजा करना श्रेष्ठ है।
  • शुद्धता: साफ वस्त्र पहनकर, स्नान के बाद ही पूजा करें।

किन देवताओं की पूजा जरूरी है?

अगर आपके पूजा घर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं तो रोज सभी की पूजा करना जरूरी नहीं। पंचदेव की पूजा करने से सभी देवताओं को भाव समर्पित हो जाता है:

  • गणेश जी – विघ्नहर्ता
  • सूर्य देव – ऊर्जा के देवता
  • दुर्गा माता – शक्ति की देवी
  • विष्णु भगवान – पालनहार
  • शिव जी – संहारक

रोज कौन सी आरती गाएँ?

  • सर्वश्रेष्ठ विकल्प: “ॐ जय जगदीश हरे” की आरती – इसमें सभी देवताओं का भाव निहित है।
  • वैकल्पिक: अपने इष्ट देवता की छोटी आरती गाएँ (जैसे – “आरती कुंजबिहारी की”, “श्री हनुमान जी की आरती”)।
  • कपूर आरती: अगर दीपक न जला पाएँ तो कपूर जलाकर आरती करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q: क्या दिन के अनुसार अलग-अलग देवता की आरती करनी चाहिए?

A: नहीं! रोज एक ही आरती करें। विशेष दिनों (जैसे – सोमवार, मंगलवार) पर अतिरिक्त पूजा कर सकते हैं।

Q: आरती के बाद दीपक कहाँ रखें?

A: दीपक को जमीन पर न रखें। किसी आसन या थाली पर रखें।

Q: शाम की आरती कब करें?

A: सूर्यास्त से ठीक पहले, संध्या के समय दीपक जलाएँ।

निष्कर्ष

भगवान की पूजा में भाव सबसे महत्वपूर्ण है। चाहे 1 मिनट की संक्षिप्त आरती हो या पूर्ण विधि, नियमित रूप से पूजा अवश्य करें। “ॐ जय जगदीश हरे” की आरती सभी के लिए उपयुक्त है और इसे रोज गाया जा सकता है।

अगर आपके मन में कोई सवाल है तो कमेंट में जरूर पूछें। इस जानकारी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर करें। राधे राधे!

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