पितृपक्ष की अमावस्या, जिसे सर्वपितृ अमावस्या या मोक्ष अमावस्या भी कहा जाता है, वह दिन है जब हमारे पूर्वज इस धरती से विदा होकर अपने लोक की ओर प्रस्थान करते हैं। इस दिन किया गया एक छोटा सा उपाय आपके पितरों को प्रसन्न करके आपके जीवन से दुख और परेशानियों को दूर कर सकता है। आइए जानते हैं इस विशेष दीपक उपाय की पूरी विधि।
उपाय का महत्व और समय
- यह उपाय सिर्फ 21 सितंबर 2025, पितृपक्ष अमावस्या के दिन ही किया जाना चाहिए।
- सर्वोत्तम समय: शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे के बीच।
- अन्य समय: यदि संभव न हो, तो शाम 7:00 बजे से 8:00 बजे तक कर सकते हैं।
कौन कर सकता है यह उपाय?
- घर की बड़ी महिलाएं (माता या बहन) इसे करें तो अत्यधिक शुभ माना जाता है।
- यदि महिलाएं उपस्थित न हों, तो घर का बड़ा पुरुष भी कर सकता है।
सामग्री की तैयारी
- मिट्टी का नया दीपक: प्लास्टिक या धातु का नहीं।
- लंबी बत्ती: रुई की बनी हुई (गोल बत्ती नहीं)।
- शुद्ध देसी गाय का घी: भैंस का घी या मिलावटी घी नहीं।
- विकल्प: यदि गाय का घी न मिले, तो तिल का तेल use कर सकते हैं।
विधि: Step-by-Step Guide
1. दीपक तैयार करना (शाम से पहले)
- शुद्धता का ध्यान रखें (स्नान करें या हाथ-मुंह धो लें)।
- मिट्टी के दीपक में लंबी बत्ती रखें।
- उसमें शुद्ध देसी गाय का घी भरें।
2. दीपक जलाने की सही जगह
- सबसे अच्छी जगह: किसी पवित्र नदी के घाट पर (क्योंकि पितृ इस दिन नदी में जल पीने आते हैं)।
- विकल्प: – बावड़ी, कुआं, तालाब या सरोवर के पास।
- बेलपत्र, शमीपत्र या आंवले के पेड़ के नीचे।
- यदि बाहर न जा सकें, तो घर के रसोईघर में पीने के पानी वाली जगह पर।
3. दीपक जलाने का सही तरीका
- दीपक को एक थाली में रखकर नदी घाट पर ले जाएं।
- दक्षिण दिशा का पता लगाएं (पितृों की दिशा)।
- दीपक जलाएं और उसकी बत्ती का मुख दक्षिण दिशा की ओर करें।
- दीपक को अपने दाएं हाथ की हथेली पर रखें।
- आंखें बंद करके अपने पितरों का स्मरण करें, उनसे माफ़ी मांगें और आशीर्वाद मांगें।
- दीपक को घाट पर साफ़ जगह पर रख दें और बिना पीछे मुड़के घर वापस आ जाएं।
विशेष सुझाव
- दीपक जलाते समय शांत और एकाग्र रहें।
- यदि नदी पर न जा सकें, तो घर पर ही दक्षिण दिशा की ओर मुख करके दीपक जलाएं।
- इस दिन पितरों का नाम लेकर दान करना भी अत्यंत शुभ होता है।
इस उपाय के लाभ
- पितरों की कृपा: पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
- दुखों से मुक्ति: जीवन की बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं।
- मोक्ष की प्राप्ति: पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है।
निष्कर्ष
पितृपक्ष अमावस्या का यह दीपक उपाय अत्यंत शक्तिशाली और फलदायी है। इसे सही विधि और श्रद्धा से करने पर अवश्य ही लाभ मिलता है। इस अवसर का लाभ उठाएं और अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
राधे राधे