श्री शिवाय नमस्तुभयम दोस्तों
दोस्तों श्री पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी सीहोर की नारद शिवमहापुराण कथा जो कि कुबरेश्वर धाम सीहोर में चल रही है। उस कथा में श्री पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने एक बहुत ही बड़ा उपाय बताया है जिस उपाय का बहुत ही बेसब्री से कई सारी माताएं बहने इंतजार कर रही होंगी।
यह उपाय रजस्वला धर्म से जुड़ा हुआ है जिस माता बहन को रजस्वला धर्म मतलब महीने की दिक्कत में किसी भी प्रकार की कोई समस्या आती है तो उसके लिए आप इस उपाय को कर सकते हैं।
रजस्वला धर्म से जुड़ी हुई आपकी किसी भी प्रकार की समस्या हो जैसे कि उधर से जुड़ी हुई या कोई गठान बन गई है या डॉक्टर ने बोल दिया है कि ऑपरेशन करना पड़ेगा तो उससे पहले आप यह उपाय जरूर करके देखें आपको रजस्वला धर्म से जुड़ी समस्या में निश्चित ही सुधार देखने को मिलेगा।
इस उपाय को आपको उस समय करना है जब आपको रजस्वला धर्म आ रहा हो और इस उपाय को आप को खुद नहीं करना है अपने घर के किसी और व्यक्ति से करवाना है जो कि शुद्ध हो।
आपको अपने घर के किसी भी व्यक्ति को किसी भी दिन जिस समय आपको समस्या हो रही हो उस दिन प्रातः काल सुबह सुबह एक बेल पत्री लेकर और एक लोटा जल लेकर किसी भी बड़े बेलपत्री के पेड़ के नीचे जाकर बैठ जाना है।
बेलपत्र का वृक्ष बड़ा होना चाहिए जिसकी छाया में आप लोग बैठ सके तो आपको करना क्या है उसी बड़े बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाकर बैठना है पर किस जगह पर बैठना है वह आप सुनिए।
जहां पर उस बड़े बेलपत्री वृक्ष की जड़ होगी उस जड़ के पास जाकर आपको बैठ जाना है।
वहां पर बैठने के बाद जो आप अपने साथ एक बेलपत्री लेकर गए हैं उस बेलपत्री को आपको उसी बड़े बेलपत्री के वृक्ष की जड़ के पास रखना है मतलब जड़ से लगाकर रखना है पर ध्यान दीजिए कि जो बेलपत्र की जो बीच वाली बड़ी पत्ती होगी। बीच वाली बड़ी पत्ती का जो मुख है वह आपको बेलपत्री के जड़ की तरफ करके रखना है।
उसके बाद अब आपको इसी बेल पत्री के ऊपर 7 बार कुंद केश्वर महादेव के नाम से जल चढ़ाना है।
अब आप कहेंगे कि हम तो एक लोटा जल लेकर आए हैं हम 7 बार जल कैसे चढ़ाएंगे तो दोस्तों आपको उस बेलपत्री के ऊपर थोड़ा थोड़ा करके 7 बार जल चढ़ाना है कुंद केश्वर महादेव के नाम का स्मरण करते हुए।
जैसे कि आपने थोड़ा सा जल चढ़ा दिया उसी बेलपत्री के ऊपर फिर थोड़ा रुक गए, फिर दूसरी बार चढ़ा दिया, फिर थोड़ा रुक गए फिर तीसरी बार चढ़ा दिया ऐसे करते-करते आपको पूरे 7 बार उसी बेलपत्र के ऊपर कुंदकेश्वर महादेव के नाम का स्मरण करते हुए जल को चढ़ाना है।
सात बार जल चढ़ाने के बाद कुंदकेश्वर महादेव के नाम का स्मरण करते हुए उस बेलपत्री को वहां से उठाइए और अपने घर वापस ले जाइए।
अपने घर वापस आने के बाद अब इस बेलपत्री को उस महिला यह स्त्री को दीजिए जिसको रजस्वला धर्म से जुड़ी हुई कोई समस्या हो रही हो।
उनसे कहिए कि आप इस बेलपत्री को खा लीजिए जिस समय आपको समस्या हो रही हो आपको इस बेलपत्री को उस समय खा लेना है।
इस बेलपत्री को खाने के बाद निश्चित ही आपकी जिस भी प्रकार के रजस्वला धर्म से जुड़ी हुई समस्या चल रही होगी वह पूरी तरीके से दूर हो जाएगी।
इस उपाय को आपको उस समय करना है जिस समय आपको समस्या हो रही हो और इस उपाय को आपको अपने घर की किसी और सदस्य से करवाना है आपको खुद नहीं करना है।
इस उपाय को करने में आपको कोई भी समस्या आ रही हो तो उसे आप कमेंट करके पूछ सकते हैं।
ओम नमः शिवाय
Meri umar 42 sal hai muzhe low amh and period irregular hai to achuk upay bataye panditji
ye upay kgea