मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत के दिन करें जाने वाली सारे विशेष उपाय

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नमस्कार दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक ही साथ, एक ही दिन पड़ रही हैं इसलिए इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

हम आखिरी इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि यह अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से साल की आखिरी शिवरात्रि और प्रदोष व्रत है अन्यथा हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह आखरी नहीं हैं।

हम जो आपको उपाय बताने वाले हैं वह masik shivratri और pradosh vrat दोनों के रहेंगे, तो आप अपने अनुसार अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी उपाय को कर सकते हैं।

सबसे पहला जो उपाय है वह आपके घर में धन संपदा को बढ़ाने के लिए है

इस उपाय में सबसे पहले आपको पांच बेलपत्री लेनी है पांच बेलपत्री में से चार बेलपत्री पर आपको पूरे में पीला चंदन लगाना है। एक बेलपत्री जो बचेगी उस पर आपको शुद्ध देसी गाय का घी लगाना है। अब इन पांचों बेलपत्री को कुछ इस प्रकार से जमाना है कि जो घी वाली बेलपत्री है वह बीचो-बीच आ जाए। मतलब पहले दो बेलपत्री आपको चंदन वाली रखनी है और उसके ऊपर घी वाली रखनी है फिर उसके ऊपर दो जो चंदन वाली है वो रखनी है इस प्रकार से पांच बेलपत्री जमा लेनी है।

अब यह जो काम है आपको 21 दिसंबर को प्रातः काल सुबह सुबह करना है और इन 5 बेलपत्र को आपको किसी एक कटोरी में या किसी बाटकी में रखकर अपने घर के रसोई घर में या अपने घर के पूजन घर में या जहां से व्यापार चलता हो उस स्थान पर जाकर रख देना है।

अब इस काम को आपको सुबह करना है और शाम के समय मतलब प्रदोष काल में आपको इस कटोरी की इन पांच बेलपत्र को उठाना जिस पात्र में भी आपने इन 5 बेलपत्र को रखा हुआ है वो पात्र को लेकर आपको शिवजी के मंदिर पहुंच जाना है। शिवजी के मंदिर पहुंचने के बाद इन पांचों बेलपत्र को आपको शिव जी की शिवलिंग के ऊपर समर्पित कर देना है। आप लोगो को यह पांच बेलपत्र एक साथ ही जैसी जमी हुई रखी हुई है ना वैसे ही आपको समर्पित करना है और कुंदकेश्वर महादेव के नाम के समय करते हुए पांचों बेलपत्र को शिवलिंग के ऊपर समर्पित कर दो और भगवान से प्रार्थना कर लो अपने घर में धन संपदा के लिए और भगवान से आशीर्वाद लेकर अपने घर वापस आ जाओ।

पहला उपाय पूरा हो जाता है इस उपाय को करने से आपके घर में धन संपदा लक्ष्मी जी की कभी कमी नहीं आएगी।

दूसरा उपाय भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है।

यह उपाय बहुत ही आसान है और इस उपाय को करने से भगवान शिव जी का आपको आशीर्वाद प्राप्त होगा इस उपाय में आपको 21 दिसंबर के दिन प्रातः काल सुबह सुबह एक लोटा जल भर रहा है उसे एक लोटा जल के अंदर आपको थोड़ा सा पीला चंदन मतलब एक चुटकी पीला चंदन डाल देना है। इस एक लोटा जल को लेकर आपको जाना है शिव मंदिर में और इसे शिवजी के ऊपर चढ़ा देना है और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करना है।

इसके बाद आपको अपने घर से ही 108 चावल के दाने लेकर जाना है। 108 चावल के दाने टूटे हुए नहीं होना चाहिए पूरे आखा होना चाहिए मतलब पूरे पूरे होना चाहिए और शिव मंदिर पहुंचकर 108 चावल के दाने अपने सीधे हाथ की हथेली में रखकर भगवान शिव जी के शिवलिंग के ऊपर समर्पित कर दो अपनी मनोकामना को करते हुए।

इससे भगवान शिव आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।

तीसरा उपाय मनोकामना पूर्ति का है।

इस उपाय को आपको 21 दिसंबर को शाम के समय मतलब प्रदोष काल में करना है। आपको एक लोटा लेना है उसमें थोड़ा सा जल भरना है उस जल के अंदर आपको एक बेलपत्री डालनी है अगर आपके पास पांच बेलपत्री है तो पांच डाल सकती है। उसके बाद एक शमी पत्र डालना है और कुछ हरे मूंग के दाने लेकर आपको उसी जल के अंदर डाल देना है। आखरी में आपको एक छोटा सा गुण का टुकड़ा लेना है उसे भी उस जल के अंदर डाल देना है और इस लौटे को लेकर आपको जाना है शिव मंदिर में प्रदोष काल में शिव मंदिर पहुंचकर इस लोटे को शिव जी की शिवलिंग के ऊपर उड़ेल देना है मतलब चढ़ा देना है और भगवान शिव जी से अपनी मनोकामना बोल देना है।

चौथा उपाय अगर आपके घर में पैसा रुकता नहीं है टिकता नहीं है तो यह उपाय करें।

यह उपाय आपको प्रातः काल सुबह-सुबह करना है इस उपाय में आपको एक लोटे के अंदर गंगाजल भरना है उस गंगाजल के अंदर आपको सात बेलपत्र डालना है। गंगाजल के अंदर सात बेलपत्री डालकर इसे शिवजी के मंदिर लेकर जाना है। शिवजी के मंदिर में जैसे ही प्रवेश करेंगे तो सबसे पहले शिव जी की शिवलिंग के सामने जो नंदी बाबा बैठे हुए होंगे और नंदी बाबा के चरणों में आपको इस गंगा के जल को समर्पित कर देना है बेलपत्री को नहीं चढ़ाना है। गंगा के जल को नंदी के चरणों में समर्पित करके शिवजी के पास आना है और अपने कलश से सातों बेलपत्र निकालकर शिवजी के ऊपर समर्पित कर देना है और भगवान से प्रार्थना करना है कि आपके घर में पैसा रुकने लगे।

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पांचवा उपाय आपके जीवन से दुख समस्याओं को दूर करने का है।

यह उपाय आप अपने घर में भी कर सकते हैं और चाहे तो मंदिर जाकर भी कर सकते हैं इस उपाय में आपको एक घी के दीपक की जरूरत पड़ेगी। घी का दीपक लेकर उसमें आपको दो बाती रखनी है मतलब दो तरफ से आपको उस दीपक को जलाना है आप चाहे तो लंबी बातें भी रख सकते हैं चाहे गोल बातें भी रख सकते हैं पर दो जगह से आपको इस दीप को जलाना है बाती रखने के बाद आपको इसमें शुद्ध देसी गाय का घी डालना है और दीपक को तैयार करके आपको अपने घर के मंदिर में बैठ जाना है आप चाहे तो शिव मंदिर भी जा सकते हैं।

अब आपको इस दीपक कि दोनों बाती को जलाकर दारिद्र्य दुख दहन स्त्रोत का पाठ करना है अब यह पाठ की एक किताब आती है या आप इसे अपने मोबाइल में देख कर भी पढ़ सकते हैं।

छठवां उपाय भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए है।

इस उपाय में आपको एक सिद्ध रुद्राक्ष लेना है। उस रुद्राक्ष के ऊपर आपको पीला चंदन लपेटना है इतना लपेटना है कि वह रुद्राक्ष दिखना बंद हो जाए। रुद्राक्ष के ऊपर पीला चंदन लपेटने के बाद अपने साथ एक लोटा जल भरकर शिवजी के मंदिर पहुंच जाना है। आप सबसे पहले शिवलिंग के ऊपर आपको इस चंदन लगाए हुए रुद्राक्ष को रखना है शिवलिंग के ऊपर इस रुद्राक्ष को रखने के बाद इसी रुद्राक्ष के ऊपर शिवलिंग के ऊपर आपको एक धारा से थोड़ा-थोड़ा करके तन समर्पित करना है जिससे कि जो आपने रुद्राक्ष के ऊपर चंदन लगाया है वह चंदन घुलकर के शिवलिंग के ऊपर आता जाए। आपको जल जब तक चढ़ाना है जब तक वह पूरा चंदन रुद्राक्ष के ऊपर से ना निकल जाए। इससे आपके जीवन में आपको ही आनंद की प्राप्ति होगी।

सातवां उपाय आपकी मनोकामना पूर्ति का है।

इस उपाय में आपको एक शमीपत्र की जरूरत पड़ेगी एक शमीपत्र को लेकर उस पर आपको हल्दी लगाना है और इसे शाम के समय मतलब प्रदोष काल में या तो रात्रि के 9:00 बजे के बाद आपको इसे शिव मंदिर जाकर शिवलिंग के ऊपर समर्पित करना है अपनी मनोकामना को करते हुए।

आठवां उपाय भगवान शिव जी से बिना बोले बहुत कुछ प्राप्त करने का है।

इस उपाय में आपको सफेद फूलों की आवश्यकता होगी मतलब आपको इस दिन सफेद फूल तोड़कर या खरीद कर लाना है और सफेद फूलों की पंखुड़ियों को तोड़कर इकट्ठा कर लेना है पंखुड़ियों को तोड़कर आपको 21 दिसंबर को शाम के समय शिवजी के मंदिर जाना है और इन सफेद फूलों की पंखुड़ियों से आपको शिव जी की शिवलिंग का पूरा शृंगार करना है जैसे की शिव जी की शिवलिंग, जलाधारी और शिव जी के आस पास की पूरी जगह का आपको श्रंगार करना है, सजा देना है इसमें आपको भगवान शिव जी की चौखट पर 2 मिनट बैठना है भगवान शिव जी के मंत्र का जाप करना है और भगवान शिव जी से आशीर्वाद लेकर अपने घर वापस आ जाना है। इस उपाय को करने से आपको भगवान शिव बिना मांगे बहुत कुछ दे देंगे।

नवा उपाय आपकी मनोकामना पूर्ति का है।

इस उपाय में आपको 21 दिसंबर के दिन प्रातः काल सुबह सुबह जब अपनी शिव जी की पूजन करने के लिए जाएंगे तो उस समय आपको अपने घर से एक काली मिर्ची और साथ काली तिल के दाने को लेकर जाना है और शिव मंदिर पहुंचकर अपने सीधे हाथ की हथेली में एक काली मिर्ची और 7 खाली दिल के दानों को रखकर अपनी मनोकामना को मन ही मन बोलकर भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर इन दोनों चीजों को समर्पित कर देना है और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त कर लेना है।

दसवां उपाय सात धतूरे वाला रोग मुक्ति के लिए है।

इस उपाय में आपको साथ धतूरे की जरूरत पड़ेगी साथ धतूरे को अपने घर लाकर इन सातों धतूरा पर आपको यह सामग्री लगानी है।

सबसे पहले वाले धतूरे पर आपको मौली लपेट लेना है मतलब जो लाल धागा आता है उसे लपेटना है। जब आप इस तरह की को लपेट रहे हो तो चंद्रमोली महादेव का नाम का स्मरण करना है।

अब दूसरे से लेकर सातवें वाले नंबर के धतूरे के ऊपर आपको हल्दी लपेट नहीं है।

अब इन सातों धतूरे को लेकर आपको शिव मंदिर पहुंचना है और शिव जी की शिवलिंग के ऊपर साथ धतूर को अलग-अलग स्थानों पर समर्पित करना है।

सबसे पहला जो धतूरा रहेगा जिस पर आपने मूली लपेटी है उसको आपको शिवलिंग के ऊपर समर्पित करना है।

दूसरा हल्दी लगा हुआ धतूरा आपको जलाधारी के ऊपर गणेश जी वाले स्थान पर समर्पित करना है।

तीसरा हल्दी लगा हुआ धतूरा आपको जलाधारी के ऊपर कार्तिके जी के स्थान पर समर्पित करना है।

चौथा हल्दी लगा हुआ धतूरा आपको जलाधारी के बीचों-बीच अशोक सुंदरी वाले स्थान पर समर्पित करना है।

पांचवा हल्दी लगा हुआ धतूरा आपको मां जगदंबा के हस्त कमल मतलब जलाधारी के ऊपर ही शिवजी के कटी भाग के पास में समर्पित करना है।

छठवां धतूरा आपको शिवजी के पांच बेटियों का नाम लेकर जया, विषहरा, शामली वारी, दओतली और देव का नाम लेकर इसे जलाधारी पर ही समर्पित करना है।

सातवा धतूरा जलाधारी की बिल्कुल आखरी कोने पर समर्पित करना है जहां से जल नीचे गिरता है इस धतूरे को आपको नीचे नहीं रखना है जहां से जल गिरता है उस स्थान के आखिरी कोने पर रखना है।

अब आपको एक से 2 मिनट भगवान शिव जी की शिवलिंग के आस-पास बैठकर भगवान शिव जी का ध्यान करना है।

उसके बाद आपको सभी धतूरे को चढ़े रहने देना है। आखरी वाला जो सातवें नंबर का धातूरा है जो आपने जलाधारी के बिल्कुल आखरी कोने पर समर्पित किया था इस धतूरे को आपको अवधूतेश्वर महादेव के नाम का स्मरण करते हुए उठा लेना है उठाकर अपने घर आ जाना है।

अब इस सातवें वाले धतूरे को आपको उस व्यक्ति से स्पर्श कराना है जिसके ऊपर बहुत बड़ी रोग बीमारी हो अगर खुद के लिए कर रहे हैं तो खुद से इस दूरी को स्पर्श करा लीजिए या तो उस व्यक्ति के ऊपर से इसे एक बार घुमा लीजिए और इस धतूरे को रोगी व्यक्ति या बीमार व्यक्ति से स्पर्श कराने के बाद किसी भी बड़े वाले बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाइए और उस वृक्ष के नीचे इस धतूरे को छोड़ कर आ जाइए और बेलपत्र के वृक्ष के नीचे ही आपको भगवान से रोग मुक्ति के लिए प्रार्थना कर लेना है।

यहां पर यह उपाय पूरा हो जाता है।

यह सारे उपाय 21 दिसंबर जिस दिन शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ पड़ रहा है उस दिन के हैं। इन उपायों में से आप अपनी इच्छा अनुसार कोई भी उपाय कर सकते हैं।

यह उपाय शिव महापुराण कथा में लिखे हुए हैं इसीलिए यह पूरी जानकारी वहीं से ली गई है।

इन उपयोग करने में आपको कोई भी समस्या आती है कुछ समझ नहीं आता है तो उसे आप हम से कमेंट करके पूछ सकते हैं।

ओम नमः शिवाय

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