साल की अंतिम अमावस्या के सारे उपाय सुमझ लीजिए !! दुख समस्या रोग मुक्ति मनोकामना सब पूर्ण होगी

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नमस्कार दोस्तों आज हम आप लोगों साल की अंतिम अमावस्या कि सारे विशेष उपाय बताने वाले हैं जिन उपायों को आप अपनी इच्छा अनुसार करके अपने जीवन से दुख समस्याओं को दूर कर सकते हैं, रोग मुक्ति पा सकते हैं, मनोकामनाओं को भी पूर्ण करा सकते हैं तो दोस्तों यह बात आप सभी लोग जानते हैं कि साल की अंतिम अमावस्या 23 दिसंबर 2022 शुक्रवार को पड़ रही है और यह अमावस्या का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है जब यह साल की अंतिम अमावस्या हो।

सबसे पहले उपाय से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा

इस उपाय में आपको 23 दिसंबर 2022 अमावस्या के दिन प्रातः काल उठ कर स्नान करके अपने घर के रसोईघर में जाकर अपने परिंडे से जल को निकालकर जहां पर आप का पीने का पानी रखा जाता है उस स्थान से एक गिलास जल को लेकर अपने घर के मुख्य द्वार पर उस जल को छिड़क देना है।

दूसरा उपाय आपके घर की सारी दुख समस्याओं के लिए है।

इस उपाय में आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि इस उपाय का बहुत ही विशेष वाला पोगो को देखने के लिए मिलेगा। अगर आपके घर में किसी को भी पितृदोष कालसर्प दोष वास्तु दोष है तो आप इस उपाय को करें और अगर दुख समस्याएं आपके घर परिवार में बहुत सारी चल रही है तो भी आप इस उपाय को कर सकते हैं।

इस उपाय में आपको बेलपत्र के फल की आवश्यकता होगी मेलपत्ति के वृक्ष में फल लगता है उसे आपको लेकर आना है। उस बेलपत्र के फल के अंदर से पूरे गुर्दे को निकाल लेना है। मतलब जो बेलपत्र के फल के अंदर जो भी चीज है उसको आपको बाहर निकाल लेना है। अब आपको अपने घर की रसोई घर में जाकर पंजीरी बनानी है आटे को सेख कर उस आटे में शक्कर मिलाकर आपको पंजीरी बनानी है।

अब इस पंजीरी को आपको इसी बेलपत्र के फल के अंदर रख देना है। आपने जब गुर्दा निकाला है अंदर का तो अंदर की जगह खाली हो गई हो कि उस खाली जगह में आपको इस पंजीरी को डाल देना है।

अब इस बेलपत्र के फल को उठाकर आपको अपने पूरे घर में घूमना है। उसके बाद जिसको भी कालसर्प दोष पितृ दोष या वास्तुदोष हो उसके हाथ से इस बेलपत्र के फल को छुआ लेना है और अपने घर के सभी सदस्यों से इस बेलपत्र के फल को छुआ कर आपको अमावस्या के दिन प्रातः काल सुबह 10:00 बजे से पहले आपको यह सभी काम करके किसी भी बड़े वाले पीपल के वृक्ष के नीचे जाना है। पीपल के वृक्ष के नीचे आपको एक गड्ढा खोद रहा है उस घंटे के अंदर आपको यह बेलपत्र का फल गार्ड देना है और ऊपर से मिट्टी डाल देना है यह काम आप को सुबह 10:00 बजे के पहले कर लेना है।

इस उपाय को करने से आपके घर में आ रही सभी दुख समस्याएं दूर होती हैं और यह उपाय सिर्फ अमावस्या के दिन का ही और सुबह 10:00 बजे से पहले ही करना है।

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तीसरे उपाय भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए है।

यह उपाय बहुत ही विशेष है और इस उपाय को कोई भी कर सकता है और जो व्यक्ति इस उपाय को करेगा उसके घर में कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी उसके पितरों का उसके पूर्वजों का आशीर्वाद से प्राप्त होगा।

इस उपाय को आपको अमावस्या के दिन शाम के समय मतलब प्रदोष काल में करना है। इसके लिए सबसे पहले आपको एक घी का दीपक तैयार करना है एक मिट्टी का दीप लेकर उसमें लंबी बाती रखकर, उसमें घी डालकर इस तरीके का दीपक आपको तैयार कर लेना है।

अब इस दीपक को लेकर आपको अपने घर के पास वाली नदी बावडी या तालाब में जाकर इस दीप को जलाना है। जब आप दीप को जला रहे हो तो उस समय आपको बाती का मुख दक्षिण की तरफ करके रखना है मतलब दक्षिण दिशा की तरफ आपको बाती का मुंह करके रखना है और इस दीपक को आप को प्रवाहित नहीं करना है जो भी नदी, बावड़ी या तालाब होगा उसके घाट पर जाकर इस दीपक की बाती का मुख दक्षिण की तरफ करके रख देना है और जला देना है।

अगर आपके घर के आसपास नदी, बावड़ी या तालाब ना हो तो इस दीपक को लेकर आप पीपल के वृक्ष के नीचे या तो बेलपत्र के वृक्ष नीचे या बट के वृक्ष के नीचे जाकर भी इस दीपक को शाम के समय जला सकते हैं। दीपक की बाती का मुख दक्षिण की तरफ करके ही आपको इस दीपक को इन तीनों वृक्षों में से किसी एक वृक्ष के नीचे जलाकर आना है।

अब जिनके घर के आस-पास यह वृक्ष भी ना हो तो वह अपने घर के रसोईघर में जहां पर उनका पीने का पानी रखा जाता है उस स्थान पर जाकर शाम के समय इस दीपक को जला सकते हैं और दीपक की बाती का मुख दक्षिण की तरफ करके ही रखना है।

जब आप इस दीपक को इन तीनों में से किसी भी स्थान पर जला रहे हो तो उस समय आपको अपने पितरों के नाम का स्मरण करना है शादी में भगवान शिव जी के नाम का भी स्मरण करते हुए आपको इस दीपक को प्रज्ज्वलित करना है।

चौथा उपाय बच्चों के दिमाग को बढ़ाने के लिए है।

कई सारी माताएं बहने परेशान रहती है कि उनके बच्चों का दिमाग सही नहीं है उन्हें पढ़ा हुआ याद नहीं रहता है यह किसी भी व्यक्ति का विवेक या दिमाग सही नहीं है तो उसके लिए भी आप यह उपाय अमावस्या के दिन कर सकते हैं।

यह आपको साल की आखिरी अमावस्या के दिन दोपहर के 12:00 बजे यह उपाय करना है। इस उपाय को करने के लिए आपको किसी डेरी पर जाना पड़ेगा। जहां पर शुद्ध देसी गाय हो और उसका बच्चा हो। जब गाय अपने बच्चे को दूध पिला रही हो तो उस बच्चे के मुंह पर जो फेन आ रहा हो उस फेर को आपको अपने किसी पात्र में ले लेना है और उसे अपने घर ले आना है। घर लाने के बाद उस फेन को अमावस्या की दोपहर के 12:00 बजे उस व्यक्ति को पिलाना है जिसका दिमाग सही नहीं रहता है विवेक सही नहीं है या अगर आप अपने बच्चों के लिए इस उपाय को कर रहे हैं तो अपने बच्चे को भगवान शिव जी के नाम का स्मरण करते हुए इस फे को पिला दीजिए।

यह उपाय आप चाहे तो दो-तीन अमावस्या करके देखें निश्चित आपके बच्चे या जिसके लिए आप यह उपाय कर रहे होंगे उसका दिमाग सही हो जाएगा।

यह वह सारे उपाय थे जो कि आप लोगों को साल की आखिरी अमावस्या के दिन करना है इसमें से कोई भी एक उपाय आप अपनी इच्छा अनुसार कर सकते हैं।

अब हम बात करते हैं आपको अमावस्या के दिन क्या-क्या करना चाहिए।

अमावस्या के दिन प्रातः का सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।

अमावस्या को आपको अपने पितरों के नाम से दान करना चाहिए।

इस दिन तुलसी के पौधे में दीपक भी लगाना चाहिए।

इस दिन भगवान शिव जी के मंदिर जाकर एक लोटा जल जरूर चढ़ाना चाहिए।

यह सभी वह बातें थी जो कि आपको साल की आखिरी अमावस्या के दिन करना है आप अपनी इच्छा अनुसार यह सभी उपायों और बातों को अपने जीवन में उतार सकते हैं।

यह सारी जानकारी पुराणों और शास्त्रों के अनुसार है। इसमें हमारा कोई उल्लेखनीय नहीं है।

अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

ओम नमः शिवाय

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