2023 साल के पहले प्रदोष व्रत के तीन विशेष उपाय? Pradosh Vrat Upay

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नमस्कार दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं कि 2023 नए साल का पहला प्रदोष व्रत आने वाला है जो कि 4 जनवरी 2023 को आने वाला है।

यह बात भी आप सभी लोग जानते ही होंगे कि प्रदोष का व्रत जो होता है वह भगवान शिव जी का होता है और यह दिन भी भगवान शिव जी को बहुत प्रिय होता है साथ ही में प्रदोष व्रत के दिन का शाम के समय का जो वक्त रहता है वह भी भगवान शिव जी को बहुत ही प्रिय होता है।

इसीलिए भगवान शिवजी को प्रसन्न करने का यह बहुत ही उत्तम दिन माना जाता है।

आज हम आपको साल के पहले प्रदोष व्रत को किए जाने वाले तीन विशेष उपायों के बारे में बताने वाले हैं जिनसे आपकी मनोकामना की पूर्ति भी होगी। साथ ही में आपका धन व्यापार सब कुछ चलने लगेगा और अगर आप लोग अपनी परीक्षा यह नौकरी के लिए सफलता पाना चाहते हैं तो उसके लिए भी आप यह उपाय कर सकते हैं।

पहला उपाय

इस उपाय को आप अपनी मनोकामना पूर्ति या भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं इस उपाय को आप को प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में ही करना है मतलब शाम के समय में करना है।

इस उपाय को करने के लिए आपको एक कलश लेना है उसमें आधा लोटा जल भरना है उसके बाद आपको इसी कलश के अंदर एक बेलपत्री डालना है, एक शमी पत्र डालना है, थोड़े से हरे मूंग के दाने डालना है और थोड़ा सा गुड़ का टुकड़ा डाल देना है।

अब आपको इस जल की कलश को लेकर प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय प्रदोष काल में शिवजी के मंदिर जाना है। मंदिर में जाने के बाद शिवजी के ऊपर आपको इस लोटे के अंदर जो आपने जल और जो सामग्रियां डाली है वह एक साथ शिवजी के ऊपर उंडेल देना है क्योंकि आपको इस कलश के अंदर से अलग-अलग कोई सामग्री नहीं चलानी है एक साथ जल के साथ ही शिव जी के ऊपर चढ़ा देनी है।

इस उपाय को आपको पांच प्रदोष तक करना चाहिए।

यह जल चढ़ाने के बाद भगवान शिव जी से आशीर्वाद लेकर आप अपने घर आ सकते हैं और यहां पर यह उपाय पूरा हो जाता है। इस उपाय को करने के बाद आपके सभी काम सफल हो जाएंगे। आपका जो काम रुका हुआ होगा अटका हुआ होगा आपको उसमें सफलता जरूर मिल जाएगी।

दूसरा उपाय

यह उपाय आप अपने घर में धन की समस्या के लिए कर सकते हैं यह आप अपने व्यापार के लिए भी कर सकते हैं इस उपाय को करने से आपके घर में धन की कभी भी कमी नहीं होगी।

यह उपाय भी आपको प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में ही करना है इस उपाय में आपको पांच बेलपत्र की जरूरत होगी।

पांच बेल पत्री में से चार बेल पत्री पर आपको पीला चंदन लगा देना है मतलब बेलपत्री की जो पत्तियां होंगी उनमें पूरे में आपको पीले चंदन लगा देना है चार बेलपत्री पर आपको पीला चंदन लगाना है और एक बेलपत्री पर आपको शुद्ध देसी गाय का घी लगाना है।

अब आपको जो घी वाली बेलपत्र है उसे इन चंदन वाली बेलपत्र के बीचो-बीच रखना है मतलब पहले एक के ऊपर एक दो चंदन वाली बेलपत्र रख लीजिए उसके बाद यह घी वाली रख लीजिए फिर 2 चंदन वाली बेलपत्र भी इसी वाली बेलपत्र के ऊपर रख लीजए और इन पांचों बेलपत्र को इस तरह से जमाकर किसी एक छोटी सी कटोरी या पात्र में रख लीजिए।

अब आपको इस उपाय को शाम के समय से कुछ समय पहले करना शुरू कर देना है। अब आपको इन बेलपत्र को लेकर अपनी रसोई घर में या अपने घर के पूजन वाले स्थान पर जाना है और इस बेलपत्र के पात्र को वहां पर रख देना है। के बाद आपको एक गोल बाती का घी का दीपक तैयार करना है जो कि आपको इन्हीं बेलपत्र के सामने लगा देना है।

अब आपको प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय में इस 5 बेलपत्र के पात्र को उठाना है और शिवजी के मंदिर पहुंच जाना है। शिव जी के मंदिर पहुंचने के बाद आपको कुंदकेश्वर महादेव के नाम का स्मरण करते हुए इन बेलपत्र को शिव जी के शिवलिंग के ऊपर पांचों की पांचों एक साथ जमाकर ही समर्पित कर देना है।

उसके बाद भगवान से अपनी मनोकामना या दुख समस्या आप बोल सकते हैं जिससे कि भगवान शिव जी का आपको आशीर्वाद प्राप्त होगा।

इस उपाय को आपको दो प्रदोष करना चाहिए। अगर हो जाए तो 5 प्रदोष भी आप इस उपाय को कर सकते हैं।

तीसरा उपाय

यह उपाय उन लोगों को करना है जो लोग अपने नौकरी की तैयारी कर रहे हैं या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाने वाले हैं।

इस उपाय में आपको एक तांबे का लोटा लेना है उस तांबे के लोटे के अंदर आपको जल भरना है जल भरने के बाद उसी तांबे के लोटे के जल के अंदर 11 बेल पत्री डालनी है और 11 सफेद फूल डालने हैं।

उसके बाद आपको लाल चंदन लेकर अपने हाथों में घिसकर एक पात्र में इकट्ठा करके रख लेना है।

अब आप को प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय शिवजी के मंदिर पहुंच जाना है। मंदिर पहुंचने के बाद सबसे पहले जो आप लाल चंदन घिस कर ले गए हैं उस लाल चंदन को आपको शिवजी की जलाधारी पर पूरे में लगा देना है। मतलब जलाधारी में पूरे मैं आपको यह लाल चंदन फेर देना है पर शिवजी के ऊपर यह लाल चंदन नहीं लगाना है।

अब आप जो जल का लोटा तैयार करके लाए हैं उस जल के लोटे को आपको शिव जी की शिवलिंग के ऊपर इस प्रकार से चढ़ाना है कि वह जो जल है चढ़ता हुआ आपको दिखे। मतलब जो जल की धार होगी वह आपको देखती रहे जब वह जल शिवजी पर चढ़ रहे हो।

जैसे ही आप यह है जल शिवजी पर चढ़ा दें उसके बाद शिव जी का दर्शन करके आपको अपने सीधे हाथ की हथेली को शिवजी की जलाधारी पर जहां पर आपने लाल चंदन लगाया है वहां पर स्पर्श कराना है और स्पर्श कराने के बाद इस हाथ को बिना कहीं पर लगाए हुए सीधे अपने घर के मुख्य द्वार पर आ जाना है और वहां पर आने के बाद इस हाथ का स्पर्श आपको अपने घर के मुख्य द्वार या दरवाजे पर कर देना है। मतलब अपने हाथ की हथेली को वहां पर अपनी दीवार पर दरवाजे पर छुआ देना है।

जिसके बाद आप जब भी अपने परीक्षा या नौकरी के लिए जाएंगे तो आप अपने घर के मुख्य दरवाजे से होकर जाएंगे तो उस स्थान को आपको उस समय जरूर स्पर्श करना है जिस स्थान पर आपने अपने हाथ का स्पर्श इस उपाय को करते समय किया था।

जहां पर यह उपाय पूरा हो जाता है।

यह सभी वह उपाय हैं जो कि आप लोग इस साल के पहले प्रदोष व्रत के दिन कर सकते हैं और आप अपनी इच्छा अनुसार अपने मनोकामना फल की प्राप्ति कर सकते हैं।

अगर आपको इन उपायों को समझने में कोई भी समस्या आ रही हो तो उसे आप हम से कमेंट करके पूछ सकते हैं।

अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

ओम नमः शिवाय

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