Pongal Festival Kya Hai, pongal kyo manate hai | पोंगल कब मनाया जाएगा 2024

आज हम बात करेंगे पोंगल के बारे में पोंगल एक दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है यह मुख्य रूप से तमिलनाडु आंध्र प्रदेश कर्नाटक और केरल में मनाया जाता है। पोंगल को दक्षिण भारत के लोगों में नए साल के रूप में मनाया जाता है, जिस समय उत्तर भारत में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है, ठीक उसी समय दक्षिण भारत में पोंगल का पर्व मनाया जाता है।

Makarsankranti 2024 Date and Time | मकर संक्रांति पर हमें क्या करना चाहिए, तिथि और महत्व

मकरसंक्रांति 2024 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसी प्रवेश प्रक्रिया को संक्रांति कहा जाता है। हमारे हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत ही महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान धर्म करने का बहुत महत्व है मकर संक्रांति हर बार जनवरी के महीने की 14 या 15 तारीख को मानते हैं मतलब इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी या 15 जनवरी को मनाई जाती है।

Mokshada Ekadashi Kab Hai 2023 | मोक्षदा एकादशी का व्रत कब है

हमारे हिंदू धर्म ग्रंथो में तो दो पक्ष चलते हैं पहला शुक्ल पक्ष और  दूसरा कृष्ण पक्ष  और दोनों पक्षों में एकादशी तिथि आती है। प्रत्येक माह में दो एकादशी आती हैं और इन एकादशी तिथि को अलग-अलग नाम से संबोधित किया गया है। इस प्रकार 1 वर्ष में 24 एकादशी तिथियां होती हैं, हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। जिस वर्ष अधिकमास आता है तब एकादशी तिथि की संख्या बढ़कर 26 हो जाती है, 2023 में अधिकमास था।

Nag Diwali kab hai 2023 | Vivah Panchami kab hai | नाग दीपावाली पूजा विधि

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से नाग दिवाली के बारे में बताएंगे, प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह (अगहन मास) के शुक्ल पक्ष की आने वाली पंचमी तिथि को नाग दिवाली के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष नाग दिवाली 17 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी।

Utpanna ekadashi kab hai | उत्पन्ना एकादशी व्रत कब है, उत्पत्ति एकादशी की कथा

हमारे हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत ही अत्यधिक महत्व माना जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन पूजा करने पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। अगर हम बात करें हिंदू पंचांग की पंचाग अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष को पढ़ने वाली तिथि को उत्पन्ना एकादशी नाम से जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है, उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत करने से भक्तों के जीवन से पापों का नाश होता है और मां लक्ष्मी की असीम कृपा बरसती है जिससे भक्तों के घर में सुख समृद्धि का वास होता है।

देव दीपावली का 7 फुल 7 दीपक वाला उपाय कैसे करें | pradeep mishra dev deepawali upay

इसी देव दीपावली का पंडित जी ने अपनी देव दीपावली शिव महापुराण कथा में 7 फूल और 7 दीपक वाला नया उपाय बताया है, जिसे आज हम आपको आज किस लेख में समझने वाले हैं।

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