बागेश्वर धाम के कथा वाचक का क्या नाम हैं || बागेश्वर धाम सरकार दिव्य दरबार

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नमस्कार दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से आप सभी के बीच में एक नाम बागेश्वर धाम सरकार बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हो रहा हैं।

आज हम आपको बागेश्वर धाम सरकार जी के पूरे जीवन परिचय के बारे में बताएंगे। साथ ही में बागेश्वर धाम के कथा वाचक का क्या नाम हैं, बागेश्वर धाम सरकार कहां पर स्थित हैं, बागेश्वर धाम सरकार कैसे जाएं और भी बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर आपको आज मिल जाएंगे।

सबसे पहले हम आपको यह बता दें कि बागेश्वर धाम सरकार स्वयं बालाजी का नाम है और यह नाम आज से प्रसिद्ध नहीं हैं यह कई पीढ़ियों से प्रसिद्ध हैं। आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से आप सभी लोगों के बीच में बालाजी का नाम आ रहा है यह नाम सदियों से प्रसिद्ध है पर आपको इनके बारे में नहीं पता था।

Table of Contents

बागेश्वर धाम सरकार कौन है

बागेश्वर धाम सरकार स्वयं बालाजी का नाम है मतलब हनुमान जी का एक स्वरूप हैं। जिनके आशीर्वाद से जीवन के सारे दुख कष्ट मिट जाते हैं।

बागेश्वर धाम के कथावाचक का क्या नाम है

बागेश्वर धाम के कथा वाचक का नाम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी है। जिन्हें आज हम बागेश्वर धाम सरकार जी के नाम से जानते हैं।

बागेश्वर धाम सरकार कहां पर स्थित हैं

बागेश्वर धाम सरकार जी का एक भव्य मंदिर है जो कि छतरपुर के एक छोटे से गांव ग्राम गडा में स्थित है। जो मंदिर कई पीढ़ियों पुराना है और यहां पर बागेश्वर धाम सरकार बालाजी की पूजन भी बहुत पहले से की जाती हैं।

बागेश्वर धाम छतरपुर किस राज्य में आता है

बागेश्वर धाम सरकार जी का मंदिर छतरपुर में स्थित है और छतरपुर मध्य प्रदेश राज्य में आता हैं और छतरपुर अपनी पुरानी कलाकृतियों के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।

बागेश्वर धाम सरकार क्या करते है

बागेश्वर धाम सरकार मतलब हनुमान जी सब के जीवन से दुख और कष्ट को दूर करते हैं और बागेश्वर धाम की कथा वाचक जो कि इस पीढ़ी के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी हैं। वह बागेश्वर धाम सरकार जी के माध्यम से श्रीराम कथाएं श्रीमद् भागवत कथाएं करते हैं। साथ ही में वह अपना एक भव्य दिव्य दरबार भी लगाते हैं जो कि स्वयं बागेश्वर धाम सरकार बालाजी की प्रेरणा से लगता हैं।

बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार में क्या होता हैं

बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार में भक्तगणों की अर्जियां लगाई जाती है और बागेश्वर धाम सरकार जी का यह दिव्य दरबार पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ही लगाते हैं जोकि बालाजी की प्रेरणा से चलता है। इस दरबार में जिस व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार का ऐसा दुख होता है जिससे उसको छुटकारा नहीं मिलता है या कोई ऐसी परेशानी होती है जो कि मात्र भगवान के आशीर्वाद से ही दूर हो सकती हैं। वह सारी दुख और परेशानियों को दूर करने के लिए यह दिव्य दरबार लगता है और इस दिव्य दरबार में इस तरीके की दुख और समस्याएं दूर होती है और आपके जीवन में आने वाली सारी दुख और समस्याओं के लिए आप दिव्य दरबार में आ सकते है।

सन्यासी बाबा कौन होते हैं

सन्यासी बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के दादा गुरु हैं मतलब पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के दादा जी भी हैं और गुरु जी भी है जिसकी वजह से यह दादा गुरु जी हैं।

जैसा कि हमने आपको बताया कि यह दिव्य दरबार पीढ़ियों से चल रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण सन्यासी बाबा है जो बालाजी की इतनी भक्ति करते थे इतना तप करते थे कि बालाजी ने उनको अपने पास बुला लिया और आज भी सन्यासी बाबा के प्रभाव से और बालाजी की शक्ति से बागेश्वर धाम सरकर जी का यह दिव्य दरबार चलता हैं।

सन्यासी बाबा पहले बागेश्वर धाम सरकार जी के मंदिर में बैठकर ही कठोर तप किया करते थे बाला जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत कठिन भक्ति करते थे जिस कारण बागेश्वर धाम सरकार जी उनसे हमेशा प्रसन्न रहते थे और उस प्रसन्नता के कारण ही आज बागेश्वर धाम सरकार जी की शक्ति पूरा देश विदेश देख रहा हैं।

सन्यासी बाबा के पहले भी इनके दादा, परदादा भी यहां पर बैठकर तप किया करते थे। इसका सीधा मतलब यह है कि आज जो हम बालाजी की शक्ति का स्वयं प्रमाण देखते हैं वह आज का प्रभाव नहीं है वह कई पीढ़ियों के संत जनों ने बालाजी का तप किया है, हनुमान जी को प्रसन्न ने किया हैं। उसी का फल आज पूरी दुनिया दिव्य दरबार के माध्यम से और कथाओं के माध्यम से ले रही हैं।

दिव्य दरबार की मुख्य चीज क्या हैं

हमने आपको बता ही दिया है कि दिव्य दरबार में आपके जीवन की दुख और समस्याओं का निराकरण होता है जो आप भी नहीं जानते वह बालाजी की प्रेरणा से आपको पता लग जाता हैं पर इसके लिए आपको अर्जी लगानी होती है जिस अर्जी के माध्यम से ही बालाजी प्रेरणा देते हैं कि आप उनके नाम का जाप कर रहे हैं, आप राम नाम का स्मरण कर रहे हैं और तब आपकी अर्जी लगती है उसके बाद स्वयं गुरुदेव पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी आपको अपने दिव्य दरबार में बुलाते हैं और आपकी समस्या का समाधान करते हैं।

अर्जी क्या होती हैं

अर्जी एक ऐसी चीज होती है जिसके माध्यम से आप भगवान तक अपनी प्रार्थना को पहुंचा सकते हैं और बागेश्वर धाम सरकार जी के दिव्य दरबार में अपनी अर्जी लगवाने के लिए आपको दिव्य दरबार में बैठना होता है या आप अपनी अर्जी घर पर बैठकर भी लगा सकते हैं।

अर्जी एक माध्यम है जिस माध्यम से आप स्वयं बालाजी से जुड़ सकते हैं और अपने जीवन के दुख और कष्टों को दूर कर सकते हैं।

दिव्य दरबार में अर्जी कैसे लगाते हैं।

अपनी अर्जी लगवाने के लिए आपको अपने हाथ में एक नारियल रखना होता है उस नारियल को लाल कपड़े में बांधकर अपने हथेली में रखकर बालाजी के नाम का जाप करना होता है या राम नाम का जाप करना होता हैं। उसके बाद बालाजी तक आपकी अर्जी पहुंचती हैं। अगर आप सच्चे मन से भगवान के नामों का जाप करते हैं तो ही आपकी अर्जी स्वीकार होती है अन्यथा नहीं होती हैं।

जब आपकी अर्जी स्वीकार हो जाती है, उसके बाद बागेश्वर धाम सरकार जी के दिव्य दरबार में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी बालाजी की प्रेरणा से आपको बुलाते हैं अगर आप सच्चे मन से अपनी अर्जी को बालाजी के चरणों में रख रहे हैं।

दिव्य दरबार में अर्जी लगने के बाद क्या होता है

दिव्य दरबार में आपकी अर्जी लगने के बाद आपको स्टेज पर बुलाया जाता है और वहां पर आपकी अर्जी स्वीकार होती है और बागेश्वर धाम सरकार जी की प्रेरणा से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी आपके लिए एक पर्चा लिखते हैं जिस पर्चे में आपकी समस्या पहले से वह लिख लेते हैं और उसके बाद आपसे वह प्रश्न करते हैं कि आप किस समस्या को लेकर इस दिव्य दरबार में आए हैं। उसके बाद वह आपकी समस्याओं को पहले से लिखकर आपको बाद में उस पर्ची में लिखी हुई चीजों को पढ़ाते हैं। साथ ही में उस समस्या का समाधान भी बताते हैं और बालाजी का आशीर्वाद वह उस पर्ची के साथ में आपको दे देते हैं।

अर्जी लगने के बाद पर्चे का क्या करना होता है

जब आपकी अर्जी बागेश्वर धाम सरकार जी के दिव्य दरबार में लग जाती है। उसके बाद आपको बागेश्वर धाम सरकार जी के मंदिर में आकर पेशी करनी होती हैं। मतलब अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी होती है कि आपका पर्चा बन गया है और आप बालाजी का आशीर्वाद लेने के लिए पेशी करने आ रहे हैं क्योंकि देवी दरबार में दिया गया आशीर्वाद तभी काम करता है जब आप बागेश्वर धाम सरकार जी के मंदिर में पेशी करते हैं।

पेशी किस दिन करनी होती हैं

पेशी करने के लिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने 2 दिन बताए हैं जिसमें से पहला दिन है मंगलवार का और दूसरा दिन है शनिवार के यह दोनों ही दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित है और इन दोनों ही दिनों पर भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाती हैं।

इसमें विशेष पेशी का दिन है मंगलवार और अगर किसी कारणवश आप मंगलवार की पेशी ना कर पाते हैं तो उस स्थान पर आप शनिवार की भी पेशी कर सकते हैं।

मंगलवार का दिन स्वयं हनुमान जी का ही होता है इसीलिए इस से बागेश्वर धाम सरकार जी के मंदिर में लाखों की संख्या में भक्तगण अपनी पेशी करने आते हैं तो इसीलिए मंगलवार के दिन वहां पर बहुत भीड़ होती हैं।

शनिवार का दिन भी भगवान शनि देव जी के साथ में भगवान हनुमान जी का भी होता है इसीलिए इस दिन बागेश्वर धाम सरकार जी के मंदिर में भी लाखों की संख्या में भक्तगण अपनी पेशी लगाने आते हैं पर मंगलवार के मुकाबले शनिवार के दिन भीड़ कम होती हैं।

इसमें मंगलवार की पेशी का विशेष महत्व होता है और शनिवार की पेशी का भी होता हैं।

अर्जी लगने के बाद कितनी पेशी करनी होती है

जब आपकी दिवय दरबार में पेशी लग जाती है तो उसके बाद आपको 11 या 21 पेशी छतरपुर में भगवान बागेश्वर धाम सरकार जी के मंदिर में जाकर करनी होती है।

समस्या का समाधान कब हो जाता है

जब आपके दिव्य दरबार में अर्जी लगती है तो तुरंत ही आपकी समस्या का समाधान नहीं होता हैं। आपको आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है पर उसके बाद भी आपको 11 या 21 पेशियां करनी होती है और पेशियों के बीच में ही आपकी समस्या का समाधान धीरे-धीरे करके हो जाता है और आपकी समस्या जड़ से खत्म हो जाती हैं।

बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार कब लगता है

बागेश्वर धाम सरकार जी का दिव्य दरबार कथाओं के बीच में एक निश्चित तारीख को लगता हैं। उदाहरण के लिए वह 7 दिन की राम कथा या श्रीमद् भागवत कथा करते हैं और इन 7 दिनों के बीच में एक या 2 दिन ऐसे होते हैं जिस दिन दिव्य दरबार भी होता है और कथा भी होती हैं।

पहले बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी श्री राम कथा 9 दिन की किया करते थे पर भक्त गणों का ज्यादा स्थानों से बुलावा आने के कारण यह 7 दिनों की कथा कर दी गई थी पर इसके बाद भी भक्त गणों का बुलावा बहुत ज्यादा आ रहा था तो अब यह कथाएं 5 दिनों की या 3 दिनों की या 2 दिनों की कर दी गई है पर इसमें 1 दिन का दिव्य दरबार विशेष रूप से होता हैं।

बागेश्वर धाम सरकार ने कितने लोगों की जिंदगी को बदला है

बागेश्वर धाम सरकार ने आज लाखों लोग की जिंदगी को पूर्ण रूप से बदल दिया है क्योंकि इन लोगों के जीवन में बहुत सारी दुख और समस्याएं थी। जिनका निराकरण कोई नहीं कर सकता था पर बालाजी के आशीर्वाद से उनके जीवन से आज दुख और समस्या दूर है और वह अपना जीवन बहुत खुशहाली से जी रहे हैं।

बागेश्वर धाम सरकार बालाजी की नजर में कोई बड़ा नहीं है, कोई छोटा नहीं है, कोई उच्च नीच नहीं हैं। सब एक बराबर हैं और बालाजी के दिव्य दरबार में कोई भी आ सकता है किसी भी प्रकार की रोक-टोक नहीं है।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का उद्देश्य क्या है

बागेश्वर धाम सरकार जी के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का यह दिव्य दरबार लगाने का कथाओं को करने का मात्र एक ही उद्देश्य है कि हमारा यह भारत हिंदू राष्ट्र बने और सभी लोगों को सनातन धर्म से जोड़ना हैं।

सभी सनातनी के माथे पर तिलक हो गले में माला हो और भगवान की भक्ति में लीन हो ऐसा भारत बनाने का उद्देश्य लेकर बागेश्वर धाम सरकार जी के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी लगे हुए हैं।

क्या आप सनातनी हैं हमें कमेंट में जरूर बताएं।

बागेश्वर धाम सरकर जी के बारे में कई सारी बातें बताना अभी बाकी है तो इसीलिए हम आपको अगली जानकारी में और भी नई रोचक जानकारियां देंगे।

अगर आपके मन में बागेश्वर धाम सरकार जी को लेकर या बागेश्वर धाम सरकार जी के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी को लेकर या बागेश्वर धाम सरकार जी के दिव्य दरबार को लेकर कोई भी मन में सवाल है तो उसे आप उनसे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

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