श्री शिवाय नमस्तुभ्यं महाराज! इस लेख में हम 2025 की शारदीय नवरात्रि में दुर्गा नवमी की तिथि, कन्या पूजन का सही समय और व्रत पारण से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां आपके साथ साझा कर रहे हैं।
दुर्गा नवमी 2025: तिथि और समय
महानवमी तिथि विवरण
- तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर 2025, शाम 06:07 बजे
- तिथि समापन: 1 अक्टूबर 2025, रात 07:01 बजे
- उदया तिथि के अनुसार: 1 अक्टूबर 2025 (महत्वपूर्ण)
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
सबसे शुभ समय: सुबह से दोपहर 12:00 बजे तक
कन्या पूजन की सम्पूर्ण विधि
कन्याओं की संख्या और आयु
- संख्या: कम से कम 9 कन्याएं (नवदुर्गा का प्रतीक)
- आयु: छोटी कन्याएं (2-10 वर्ष) सर्वोत्तम
- लंगूर का महत्व: 9 कन्याओं के साथ एक छोटा लड़का (4-7 वर्ष) अवश्य बुलाएं
पूजन की मुख्य विधि
- सुबह का समय: कन्या पूजन सुबह के समय करें
- शुद्ध भोजन: खीर-पूरी अवश्य बनाएं, लहसुन-प्याज वर्जित
- श्रृंगार: कन्याओं का श्रृंगार करें, पैरों में माहुर लगाएं
- भेंट और विदाई: भोजन के बाद भेंट दें, पैर छूकर आशीर्वाद लें
व्रत पारण और विसर्जन
व्रत समापन
- नवमी रात्रि तक: व्रत का पालन
- दशमी को: व्रत पारण (2 अक्टूबर 2025)
विसर्जन तिथि
- दुर्गा विसर्जन: 2 अक्टूबर 2025 (विजयदशमी)
- कलश विसर्जन: समान दिन
कन्या पूजन के विशेष टिप्स
ध्यान रखने योग्य बातें
- कन्याओं को खुशी-खुशी विदा करें
- भोजन सात्विक और स्वादिष्ट बनाएं
- छोटी कन्याओं को प्राथमिकता दें
- लंगूर (छोटे लड़के) का पूजन न भूलें
आशीर्वाद के लिए
- कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें
- परिवार के सभी सदस्य आशीर्वाद लें
- “बेटा, आते रहना” कहकर विदा करें
निष्कर्ष
महाराज, 1 अक्टूबर 2025 को महानवमी का पावन पर्व है। इस दिन सुबह से दोपहर 12:00 बजे तक कन्या पूजन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सही विधि से पूजन करके आप नवरात्रि का पूर्ण फल प्राप्त कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: क्या 9 से कम कन्याओं का पूजन कर सकते हैं?
कम से कम 9 कन्याएं होनी चाहिए, अधिक होने पर कोई समस्या नहीं।
Q2: लंगूर क्यों बुलाना चाहिए?
9 कन्याओं के साथ एक लड़का (लंगूर) बुलाना आवश्यक है, नहीं तो पूजन अधूरा माना जाता है।
Q3: व्रत कब तक रखना है?
नवमी रात्रि तक व्रत रखें, दशमी (2 अक्टूबर) को पारण करें।