Guru Gobind singh jayanti 2024 | गुरु गोबिंद सिंह जयंती क्यों मनाते है, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती कब है

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नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको बताने जा रहे हैं गुरु गोविंद सिंह जी के बारे में प्रत्येक वर्ष पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है। गुरु गोविंद सिंह जी सिख समुदाय के 10 वे गुरु थे, गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म बिहार के पटना में पौष माह शुक्ल सप्तमी तिथि (संवत 1723) अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 22 दिसंबर 1666 को हुआ था। गुरु गोविंद सिंह जी के बचपन का नाम गोविंद राय था, 1670 में गुरु गोविंद सिंह जी का परिवार पंजाब आ गया था। गुरु गोविंद सिंह जी बचपन से ही एक महान योद्धा थे। योद्धा के साथ-साथ वह कवि, भक्त एवं आध्यात्म मार्ग के नेता भी थे। गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की यह दिन सिक्कों के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। सिख धर्म में गुरु गोविंद सिंह का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है और गुरु गोविंद सिंह जी ने सिख धर्म के लिए कई नियम बनाए थे। 2024 में गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती 17 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। गुरु गोविंद सिंह जी के बारे में और जानने के लिए आप अंत तक हमारे साथ बने रहिए। 

नाम गुरू गोविंद सिंह (गोविंद राय)
जन्म स्थानबिहार, पटना 
जन्म तिथिपौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि
पिता का नामश्री गुरु तेग बहादुर जी
माता का नाममाता गूजरी 
पत्नियों के नाममाता जीतो, माता सुंदरी, माता साहिब देवन
पुत्रों के नामजुझार सिंह, फतेह सिंह, जोरावर सिंह, अजीत सिंह
प्रसिद्धिसिखों के अंतिम गुरु, खालसा संस्थापक 
मृत्यु 7 अक्टूबर 1708

गुरू गोविंद सिंह जी कौन थे

गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के 10 वे और अंतिम गुरु थे, उन्होंने साल 1699 में सिक्ख धर्म में खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा बनाए गए सिख के धर्म के नियमों को आज भी पालन किया जाता है। गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को हुआ था, जिन्हें बचपन में गोविंद राय नाम से जाना जाता था। गोविंद सिंह जी हमेशा दमन और भेदभाव के खिलाफ खड़े होते थे इसलिए लोगों के लिए एक महान प्रेरणा के रूप में उभरे। गुरु गोविंद सिंह जी सिख धर्म के नवे गुरु तेग बहादुर सिंह जी के पुत्र थे। गुरु गोविंद सिंह जी पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में जन्मे थे बाद में वह अपने परिवार के साथ पंजाब आ गए थे। गुरु गोविंद सिंह जी अपने बचपन से ही महान योद्धा माने जाते थे साथ में उन्हें भक्ति और आध्यात्मिक मार्ग का नेता भी कहा जाता था। सिख समुदाय के लिए गुरु गोविंद सिंह जी बहुत महत्वपूर्ण माने जाते थे। गुरु गोविंद सिंह जी हमेशा से ही भेदभाव के खिलाफ खड़े होते थे इसलिए वह लोगों में एक महान प्रेरणा के रूप में उभरे थे।

गुरू गोदिंव सिंह जयंती कब है

प्रत्येक वर्ष पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है। गुरु गोविंद सिंह जयंती हर वर्ष अलग-अलग तारीख को होती है क्योंकि यह तिथि अनुसार मनाए जाने वाली जयंती है और 2024 में गुरु गोविंद सिंह जयंती 17 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। 

गुरू गोविंद सिंह जी का जन्म कब और कहां हुआ 

सिख समुदायों के दसवें और आखिरी गुरु गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना में हुआ था बाद में वह अपने परिवार के साथ पंजाब आ गए थे। सिक्ख समुदाय के द्वारा गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म उनकी जन्म तिथि के अनुसार मनाया जाता है। तिथि अनुसार गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था अगर हम संवत के अनुसार बात करें तो उनका जन्म  1723 में हुआ था। बिहार के पटना में जन्मे गुरु गोविंद सिंह जी बहुत ही महान कवि थे और वह हमेशा सच्चाई का साथ देते थे।

गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा बनाए पांच ककार 

ओके आखिरी गुरु गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा पांच ककार को धारण करने का आदेश दिया था, सबसे मानता है कि सिक्के समुदाय द्वारा इन पांच चीजों को धारण करना अनिवार्य रहता है हम आपको उन पांच ककार के बारे में बताएंगे।

  • केश – बिना कटे हुए वाला
  • कंघा – लड़की की
  • कारा – कलाई पर पहने जाने वाला कड़ा
  • कृपान –  एक तलवार
  • कचेरा – छोटी जांघिया 

गुरू गोविंद सिंह जी के पुत्रों का नाम

गुरू गाइड सिंह जी के 4 पुत्र है,जिनके नाम को जिस प्रकार है।

  • अजीत सिंह
  • जुझार सिंह
  • फतेह सिंह
  • जोरावर सिंह

गुरू गोविंद सिंह जी के पुत्रों का इतिहास 

गुरु गोविंद सिंह जी के 4 बच्चे थे जो उनके जीवन काल के दौरान ही मारे गए जिन्हें इतिहास के पन्नों में चार साहिबजादे नाम से पुकारा जाता है। 

गुरू गोविंद सिंह जी का इतिहास 

गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म बिहार के पटना में हुआ था, वह 4 वर्ष तक पटना रहने के बाद 1670 में अपने परिवार के साथ पंजाब वापस लौट आए थे। पटना में उनके जन्म स्थान वाले घर को आज भी तख्त श्री हरिमंदर की पटना साहिब के नाम से जाना जाता है। 1672 मार्च में वह अपने परिवार के साथ हिमालय के शिवालिक पहाड़ियों में स्थित चक्क नानकी स्थान पर पहुंचे। कहा जाता है इस शहर की स्थापना उनके पिता श्री गुरु तेग बहादुर जी ने की थी जिसे श्री आनंदपुर साहिब के नाम से जाना जाता है। इसी स्थान पर गुरु गोविंद सिंह जी ने अपनी शिक्षा संपन्न की, उन्होंने संस्कृत, फारसी, मुगल, पंजाबी और ब्रजभाषा जैसी अनेक भाषाएं सीखी। शिक्षा लेने के साथ-साथ योद्धाओं की भांति सैन्य, कौशल, अस्त्र-शस्त्र चलाने की विद्या, गुड सावरी, मार्शल आर्ट और तीरंदाजी की शिक्षा प्राप्त की। गुरु गोविंद सिंह जी के पिता गुरु श्री तेग बहादुर जी ने कश्मीरी पंडितों द्वारा धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम बनाए जाने पर खुलकर विरोध किया था तथा उन्होंने स्वयं भी मुस्लिम धर्म स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। 

गुरू गोविंद सिंह जी की पत्नियां

गुरु गोविंद सिंह जी ने तीन विवाह किए थे, गुरु गोविंद सिंह जी की पहली पत्नी माता जीतो थी। गुरु गोविंद सिंह जी की दूसरी पत्नी का नाम माता सुंदरी था, और उनकी तीसरी पत्नी साहेब देवन थी। 

गुरू गोविंद सिंह जी की विशेष बाते

  • गुरु गोविंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर जी को जब औरंगजेब द्वारा धोखे से मार दिया गया था तब गुरु गोविंद सिंह जी की उम्र मात्र 9 वर्ष थी।
  • गुरु गोविंद सिंह जी ने अपना पहला युद्ध 19 वर्ष की आयु में लड़ा था जिसमें उन्हे विजय प्राप्त हुई थी।
  • गुरु गोविंद सिंह जी को 9 वर्ष की आयु में सिक्कों का सरदार चुन लिया गया था।
  • गुरु गोविंद सिंह जी की हत्या धोखे से की गई थी।
  • गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब को अंतिम रूप दिया था तथा दशम ग्रंथ की स्थापना की।

गुरु गोविंद सिंह जी की मृत्यु कब हुई

वजीत खान नाम का मुगल गुरु गोविंद सिंह जी को मारना चाहता था और वह अपनी मंशा में कामयाब भी हुआ। 7 अक्टूबर 1708 में गुरु गोविंद सिंह जी को नांदेड़ साहिब में करने की कोशिश हुई और गुरु गोविंद सिंह जी दिव्या ज्योति में लीन हो गए। वजीत खान के साथ युद्ध करते समय गुरु गोविंद सिंह जी के सीने में काफी गहरी चोट लगी जी चोट के चलते का मात्र 42 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। 

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