प्रदीप मिश्रा जी की फीस कितनी हैं? कथा करवाने के लिए क्या करना होगा

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नमस्कार दोस्तों आज हम आप लोगों को यह बताएंगे कि पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कथा करवाने के लिए कितनी फीस ली जाती है और आपको कौन-कौन सी व्यवस्थाएं देखनी पड़ती है। यह सारी जानकारी अगर आप लोग जानना चाहते हैं तो आज पूरी जानकारी जरूर पढ़िए।

सबसे पहली बात दोस्तों आप लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि पंडित जी की कथा करवाने के लिए फीस कितनी लगती है या पंडित प्रदीप मिश्रा जी की बिठिलेश सेवा समिति एक कथा करवाने के लिए कितना पैसा लेती है तो दोस्तों इसका जवाब है एक भी रुपए पंडित प्रदीप मिश्रा जी अपनी कथा को करने का नहीं लेते हैं।

अब यहां पर आप लोग कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय कथाकार कोई पैसा नहीं ले रहे हैं तो फिर सब कोई कथा क्यों नहीं कराते? तो दोस्तों इसका जवाब है कि पंडित प्रदीप मिश्रा जी आज एक अंतरराष्ट्रीय कथाकार हैं, उनकी छवि और उनके प्रति विश्वास लोगों के मन में बहुत ज्यादा है जिसके कारण उनकी लोकप्रियता भी बहुत ज्यादा हैं।

अभी आप लोगों ने देखा होगा पंडित जी की जहां पर भी कथा होती है वहां पर लाखों की संख्या में भक्तगण आते हैं और उन लाखों भक्त गणों की व्यवस्था कौन देखता है क्या आप लोगों को पता है? तो दोस्तों जो वह कथा करा रहा होता है वही वहां की सारी व्यवस्थाएं देखता है जैसे कि जिस जगह कथा हो रही है वहां पर टेंट लगाने की व्यवस्था वहां पर भोजन की व्यवस्था और भी बहुत सारी ऐसी व्यवस्थाएं होती हैं जो वही व्यक्ति करता है जो पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कथा कराता है।

अब आप लोगों को हम बताते हैं कि पंडित जी अपनी शिव महापुराण कथा करने के लिए कितनी फीस लेते हैं तो दोस्तों पंडित जी अपनी शिव महापुराण कथा कराने के लिए एक भी रुपए नहीं लेते हैं। पंडित जी की कथा कराने के लिए आपको वहां की व्यवस्थाएं करनी पड़ती है और वहां की व्यवस्थाएं कोई छोटी मोटी नहीं होती है। लाखों लोगों के रुकने की व्यवस्था, लाखों लोगों के भोजन की व्यवस्था, लाखों लोगों के नहाने धोने की व्यवस्था करने में बहुत मेहनत लगती है और बहुत पैसा भी खर्च होता है तो इसका सीधा सा जवाब यह है कि पंडित जी अपनी कथा करने के लिए कोई पैसा नहीं लेते हैं बस जो व्यक्ति कथा कराता है। वहां की जो व्यवस्था होती है वह उसे अपनी तरफ से बनानी पड़ती है क्योंकि इस कथा के मुख्य यजमान ही यह सारी व्यवस्थाएं देखते हैं। पंडित जी की फीस की बात करें तो पंडित जी आपसे या कथा कराने वाले से किसी भी प्रकार का शुल्क या फीस नहीं लेते हैं। यह बात कई बार पंडित जी ने न्यूज़ मीडिया के सामने बोली है और साफ-साफ उनसे भी पूछा है जो यह कथा करवाते हैं। उनका भी यही कहना है कि पंडित जी ने एक भी रुपए कथा कराने के लिए नहीं लिया है।

पंडित प्रदीप मिश्रा जी से शिव महापुराण कथा कराने के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं करनी पड़ती हैं?

 दोस्तों अगर आप लोग पंडित जी से अपने तय किए हुए स्थान पर शिव महापुराण कथा कराना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको सीहोर कुबरेश्वर धाम जाना होगा। वहां पर कुबरेश्वर धाम की विट्ठलेश सेवा समिति से संपर्क करना होगा। वहां से आपको सभी बातें पूछना होगा और आप जो कथा कराना चाहते हैं। उसकी तारीख समिति आपको बता देगी। उस तारीख के हिसाब से आपको अपनी वहां की व्यवस्थाएं बनानी होंगी।

जैसे ही आपको आपके स्थान पर शिव महापुराण कथा की तारीख मिल जाती हैं। उसके बाद सबसे पहला काम आपका यह रहता है कि आपको एक बड़ा सा स्थान देखना पड़ता है जहां पर लाखों लोगों के बैठने की व्यवस्था हो सके, लाखों लोगों के आने की व्यवस्था हो सके।

जगह को देखने के बाद आपको वहां पर टेंट कितना बड़ा लगाना है इसके बारे में सोचना है तो जो बड़े टेंट होते हैं उन के मालिकों से आपको बात करना होगा और वहां पर अपने अनुसार लाखों लोगों के लिए टेंट लगवाना होगा।

टेंट लगवाने के बाद आपको वहां पर  शबिजली की सुविधा भी देखनी पड़ेगी कि आप इस कथा पंडाल के लिए जो बिजली लेंगे वह एमपीबी से लेंगे या फिर डीजल जनरेटर से लेंगे यह सभी बातें भी आपको करनी पड़ेगी।

आप सभी लोग जानते हैं कि पंडित प्रदीप मिश्रा जी की शिव महापुराण कथा की व्यासपीठ भी बहुत ही भव्य तरीके से बनाई जाती है तो उसके लिए भी आपको एक अलग से स्टेज तैयार करना होगा। जिसके पीछे आपको कुछ अद्भुत कलाकृति दिखानी होगी। जिससे कि वहां पर आए हुए भक्त गणों के मन में एक जिज्ञासा उत्पन्न हो।

उसके बाद आप सभी लोग जानते हैं कि पंडित जी बहुत आगे बैठे हुए होते हैं जिसकी वजह से पीछे वाले भक्तों को उनके दर्शन नहीं हो पाते हैं तो इसके लिए आपको कथा पंडाल के अंदर और बाहर बड़ी-बड़ी एलईडी भी लगवानी पड़ेगी, जिसे आप लोग टीवी भी कह सकते हैं।

उसके बाद में दोस्तों आप सभी लोगों को यह बात मालूम होगी कि पंडित जी की जिस स्थान पर शिव महापुराण कथा होती है उस स्थान पर बहुत दूर-दूर से भक्तगण आते हैं और 7 दिन के लिए शिव महापुराण कथा के लिए वहीं पर कथा पंडाल के अंदर ही रुकते हैं तो उनके लिए सारी व्यवस्थाएं भी आपको करनी होंगी।

जैसे कि आपको सबसे पहले तो उनके भोजन की व्यवस्था करनी होगी, उनके नहाने धोने की व्यवस्था करनी होगी और जो आप अपनी श्रद्धा से करना चाहे आप वह अलग से भी कर सकते हैं।

भोजन के लिए आपको अलग से पंडाल बनाना होगा जिस स्थान पर आप लोग बाहर से आए हुए भक्त गणों के लिए भोजन करवाएंगे।

जब आप वहां पर कथा कराएंगे तो आपको अपने जिले के सभी बड़े-बड़े लोगों से परमिशन लेनी पड़ेगी, साथ ही में सरकारी सुविधा जैसे कि एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और चिकित्सा सुविधा और भी जो आपको आपकी यहां की नगरपालिका की तरफ से मिले वह सारी व्यवस्थाएं आपको वहां पर करना होगा क्योंकि जब भारी मात्रा में भक्तगण आते हैं तो उनकी तबीयत भी खराब होती हैं। उनके स्वास्थ्य में भी गड़बड़ी होती है तो उसके लिए आपको यह व्यवस्था भी देखनी होगी।

आपके यहां के आपको कुछ वॉलिंटियर्स भी इकट्ठा करने होंगे जो कि इस कथा को देखने के लिए अपनी सेवा देंगे। जैसे कि भक्तगण जब आएंगे तो कोई भी भक्तगण धक्का-मुक्की ना करें, किसी के बीच में लड़ाई ना हो, यह सभी बातों को संभालने के लिए आपको पुलिस व्यवस्था भी देखनी होगी। साथ ही में अपनी तरफ से जो लोग सेवा देना चाहते हैं उनको भी वहां पर रखना होगा जिससे कि आपकी जो कथा है वह अच्छे से हो सके।

यह वह बात हो गई जब पंडित प्रदीप मिश्रा जी के आने से पहले आपने यह सारी तैयारियां करी होनी चाहिए। उसके बाद में जब आप पंडित जी का आगमन इस शिव महापुराण कथा के पंडाल में करेंगे उनके लिए भी आपको बहुत सारी व्यवस्थाएं करनी होगी।

जैसे कि पंडित जी के साथ पहले से सिक्योरिटी होती है पर आपको अपनी तरफ से पंडित जी को सुरक्षा प्रदान करना होगा। साथ ही में पंडित जी के रुकने की व्यवस्था और उनके साथ में जो भी लोग आते हैं जैसे कि गाने बजाने वालों के लिए भी आपको सारी व्यवस्था करनी होंगी। कहने का तात्पर्य है पंडित जी के साथ में आए हुए हर एक व्यक्ति की आपको अच्छे से सुरक्षा और देखरेख करनी होगी।

उसके बाद आप अपनी तरफ से जितना हो सके। बाहर से आए हुए भक्तों गणों को सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं। पंडित जी की सेवा कर सकते हैं और आपके मन में जो अच्छा भाव है वह आप कर सकते हैं।

अब आप सभी लोगों को यह बात भी जरूर पता होगी कि पंडित जी की शिव महापुराण कथा आस्था चैनल पर भी आती है तो वह आस्था चैनल की जो गाड़ी आती है या उस गाड़ी के साथ में जो व्यक्ति आते हैं जिनकी वजह से लाखों लोग आस्था चैनल पर पंडित जी की शिव महापुराण कथा सुनते हैं उनकी भी आपको व्यवस्थाएं देखनी होंगी। साथ ही में दोस्तों आपको आस्था चैनल पर इस शिव महापुराण कथा दिखाने का भी पैसा आस्था चैनल वालों को देना पड़ेगा क्योंकि इस कथा को कराने वाले आप हैं तो सारे खर्चे आपको ही उठाने पड़ते हैं।

अब हमें लगता है कि आपके मन से यह प्रश्न निकल गया होगा कि पंडित जी फीस नहीं लेते तो हर कोई कथा करा लेता। हर कोई कथा इसीलिए नहीं करा सकता क्योंकि यह सारी व्यवस्था सभी लोग नहीं जमा सकते। इन व्यवस्थाओं को बनाने के लिए बहुत सारे लोग चाहिए होते हैं, बहुत सारी व्यवस्थाएं करनी होती है और इसमें खर्चा भी बहुत सारा आता हैं।

इसमें से पंडित जी का एक रुपए भी नहीं होता है यह सिर्फ आप भक्त गणों के रूकने के लिए और अपनी तरफ से आप शिव महापुराण कथा करा रहे हैं उसका यह खर्चा होता हैं।

हम आशा करते हैं आपको आपके प्रश्नों का जवाब मिल गया होगा कि पंडित जी अपनी कथा की फीस कितनी लेते हैं और कोई व्यक्ति अगर शिव महापुराण कथा कराना चाहता है तो उसको क्या व्यवस्थाएं देखनी होती हैं।

अगर आपके मन में इस जानकारी से जुड़ा हुआ कोई प्रश्न है तो उसे आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं आपको जवाब मिल जाएगा।

धन्यवाद

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