नमस्कार दोस्तों, अगर आप लोग भी अपना कोई व्यापार या कोई धंधा करते हैं तो उस स्थान पर आपको उसमें सफलता नहीं मिल रही हैं या ऐसे स्थिति बन रही हैं कि आपका व्यापार बंद होने वाला हैं और आपने उसमें बहुत सारा पैसा लगा दिया हैं और आप चाहते हैं कि आपका व्यापार चल जाए, आपका पैसा बर्बाद ना हो तो उस स्थान पर आपको यह वाला उपाय करना चाहिए।
इस उपाय को करने के लिए आपको तीन जगहों पर नियम के साथ बेलपत्र को समर्पित करना होगा।
इस उपाय को आपको रविवार के दिन पढ़ने वाली प्रदोष के दिन करना हैं।
इस उपाय को आपको रविवार के दिन पढ़ने वाली प्रदोष को प्रातः काल सुबह-सुबह करना हैं।
इस उपाय को उस व्यक्ति को खुद अपने हाथों से करना हैं जिस व्यक्ति का व्यापार नहीं चल रहा हो या वह नुकसान में जा रहा हो।
आपको तीन बेलपत्री तीन जगहों पर नियम से चलानी हैं। वह कौन-कौन सी जगह हैं आप वह समझ लीजिए उसके बाद तीन बेलपत्री को इन 3 जगहों पर चढ़ाएं।
- सबसे पहली बेलपत्र आपको माता अशोक सुंदरी जी वाले स्थान पर समर्पित करना हैं जो स्थान भगवान शिव जी की शिवलिंग की जलाधारी के बिल्कुल बीचो-बीच में होता हैं। वहां पर आपको पहली बेलपत्र चढ़ाना हैं और डंडी का मुख भगवान शिव जी की शिवलिंग की तरफ करके समर्पित कर देना हैं।
- दूसरी बेलपत्र को समर्पित करने से पहले आपको शिवजी की 5 बेटियों का स्थान देखना होगा जो शिवलिंग के ऊपर जिस पात्र से बूंद बूंद करके जल गिरता हैं वह होता हैं शिवजी की 5 बेटियों का स्थान
- शिवजी की 5 बेटियों का नाम हैं
- जया
- विशहरा
- शामलीबारी
- दाऊतली
- देव
- शिवजी की इन पांच बेटियों का नाम लेकर और शिवलिंग के ऊपर लगे हुए पात्र को अपनी वह दूसरी बेलपत्र को स्पर्श करके आपको इसे भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर समर्पित करना हैं जब आप यह बेलपत्र शिव जी की शिवलिंग पर चढ़ाएंगे तो बीच वाली बड़ी पत्ती का मुख आपकी तरफ होना चाहिए जिस तरफ से आप यह बेलपत्र को समर्पित कर रहे हैं और उस बेलपत्र की डंडी का मुख्य आपकी विपरीत दिशा में होना चाहिए
- तीसरी बेल पत्र को आपको भगवान शिव जी के कटी भाग को स्पर्श कराना हैं। मतलब जहां जलाधारी पर शिवलिंग रखा हुआ हैं उसको गोलम गोल भाग पर कहीं पर भी आपको एक बार तीसरी बेलपत्र को छुआना हैं।
- उसके बाद इस बेलपत्र को लेकर आपको किसी भी बड़े वाले बेलपत्र के वृक्ष के नीचे लेकर जाना हैं और उस बेलपत्री के नीचे कोई भी कंकड़ को शंकर मानना हैं या उस बेलपत्री के नीचे की मिट्टी को थोड़ा सा वहीं के वहीं उठाकर एक लिंग का या शिवलिंग का आकार दे देना हैं और उसके ऊपर यह बेलपत्र को समर्पित कर देना हैं। इस बेलपत्री की डंडी का मुख्य बेलपत्र के वृक्ष की जड़ की तरफ होना चाहिए। मतलब बेलपत्र के वृक्ष की तरफ इस बेलपत्री का डंडी का मुख करके आपको समर्पित करना हैं।
यहां पर यह उपाय पूर्ण हो जाता हैं और इस उपाय को करने से अगर आपका कहीं पर धन चला गया हैं और वह आपको वापस नहीं मिल रहा हैं तो वह भी धन आपको वापस मिल जाता हैं।
इस उपाय को करने के बाद जो आपका व्यापार चलेगा वह कभी भी बंद नहीं होगा।
यह उपाय सिर्फ आपको रविवार के दिन पढ़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन ही करना है इसके अलावा किसी और दिन नहीं करना हैं।
इस उपाय को करने में अगर आपको कोई भी परेशानी आती है तो उसे आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
धन्यवाद