नमस्कार दोस्तों, आप सभी लोग जानते हैं कि पूरे साल में महाशिवरात्रि के बाद एक फुलेरा दूज का दिन आता है जो दिन पूरे साल में एक बार ही आता है और इस दिन का महत्व भी बहुत ही ज्यादा बड़ा होता है। फुलेरा दूज के दिन भगवान शिव जी को हम बहुत आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं और इस दिन उनको प्रसन्न करने के लिए हम आपको कुछ ऐसे तरीके या उपाय बताएंगे जिन उपाय को अगर आप लोग फुलेरा दूज के दिन करोगे तो आपकी जो भी मनोकामना होगी वह जरूर पूर्ण होगी। अगर आपके जीवन में किसी भी तरह की समस्या चल रही होगी तो वह भी दूर हो जाएगी।
फुलेरा दूज का दिन इतना बड़ा होता है कि आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते क्योंकि फुलेरा दूज का ही वह दिन था जिस दिन भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर पहला धतूरा चढ़ाया गया था और फुलेरा दूज के दिन किया गया कोई भी दान पुण्य या उपाय का फल कभी खत्म नहीं होता वह आपको निरंतर मिलता ही रहता है।
आज इस लेख में हम आप लोगों को फुलेरा दूज के दिन किए जाने वाले सारे विशेष उपाय बताएंगे जिन उपाय को करके आप भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
फुलेरा दूज का पहला उपाय
फुलेरा दूज का पहला उपाय आप लोगों के घर परिवार सेक र्ज को दूर कर देगा। मतलब अगर आपके ऊपर बहुत सारा कर्जा है या घर में धन की परेशानी है तो आप लोगों को फुलेरा दूज का यह वाला उपाय जरूर करना चाहिए।
इस उपाय को किसको करना है
यह उपाय घर का कोई एक बड़ा मुख्य व्यक्ति कर सकता है जिसके घर परिवार पर कर्ज हो।
यह उपाय किस समय करना है
यह उपाय आपको सुबह के समय करना है।
इस उपाय की सामग्री क्या है
इस उपाय में आप लोगों को मात्र एक धतूरा और थोड़ी सी हल्दी और एक रुमाल की आवश्यकता होगी।
यह उपाय कहां पर करना है
यह उपाय आपको अपने घर के पास में जो भी एक बड़ा बेलपत्र का पेड़ हो उसके नीचे जाकर करना है।
इस उपाय को करने की विधि
इस उपाय में आप लोगों को फुलेरा दूज के दिन सुबह-सुबह स्नान करके शुद्ध होकर उपाय की सामग्री अपने साथ में रखकर किसी भी बेलपत्र के पेड़ के नीचे जाना है। वहां पर जाकर सबसे पहले आपको उस बेलपत्र के पेड़ के नीचे बैठ जाना है और वहां पर एक छोटे से शिवलिंग का निर्माण करना है, वह शिवलिंग आप बेलपत्र के पेड़ के नीचे पड़ी हुई मिट्टी से ही बना सकते हैं और अगर उस बेलपत्र के पेड़ के नीचे मिट्टी उपस्थित ना हो तो आप उस बेलपत्र के पेड़ के नीचे पड़े हुए कोई भी कंकर या पत्थर को भी शिवलिंग मान सकते हैं और यह उपाय वहां पर कर सकते हैं।
इस उपाय को करने के लिए सबसे पहले आप जो अपने 7 धतूरा लेकर आए हो, उस धतूरे को आप हल्दी के अंदर डुबो दें। मतलब थोड़ी सी हल्दी में पानी मिलाकर उस हल्दी को इस धतूरे के ऊपर पूरे में लगा लो और इस धतूरे को हल्दी में डुबोकर आपने जो शिवलिंग बनाया है या जिस पत्थर, कंकड़ को शिवलिंग माना है उसके ऊपर इस धतूरे को चढ़ा दो और भगवान से प्रार्थना कर ले, विनती कर ले आपकी जो भी मनोकामना हो वह मनोकामना आप वहीं पर बैठकर भगवान शिव जी से बोल दे।
उसके बाद में आप जो अपने साथ एक रुमाल लेकर लाए हुए हो, उस रुमाल के ऊपर आपको हल्दी की एक बिंदी लगा लेना है, वह हल्दी की बिंदी आप उस धतूरे के ऊपर से ही लोगे मतलब एक उंगली उस धतूरे के ऊपर लगा लेना। धतूरे को आपको बेलपत्र के पेड़ के नीचे शिवलिंग के ऊपर चढ़ना है फिर उस उंगली को अपने उस खाली रुमाल के ऊपर लगा लेना और आपकी एक बिंदी उस रुमाल पर लग जाएगी। इस रुमाल के अंदर अब भगवान शिव जी का आशीर्वाद आ जाएगा और इस रूमाल को लेकर भगवान से आशीर्वाद लेकर आप सीधा घर पर चले जाएं। इस रुमाल को आप अपने घर में व्यापार, बिजनेस वाली जगह पर या अपनी दुकान में जाकर रख सकते हैं। यह रुमाल जहां पर भी रहेगा वहां पर कभी भी धन की समस्या नहीं होगी और अगर उस जगह पर कर्ज भी होगा तो वह कुछ ही दिनों के अंदर चुकना शुरू हो जाएगा और आप कर्ज से मुक्त हो जाएंगे।
फुलेरा दूज का दूसरा उपाय
फुलेरा दूज के इस दूसरे उपाय को करने से अगर आपके घर में किसी लड़का या लड़की का विवाह नहीं हो रहा है तो वह कुछ ही दिनों के अंदर हो जाएगा।
इस उपाय को किसको करना है
इस उपाय को उस लड़का या लड़की को करना है जिसका विवाह नहीं हो रहा है।
इस उपाय को किस समय करना है
इस उपाय को करने का मुख्य समय सुबह का है और आप इस उपाय को शाम के समय भी कर सकते हैं।
इस उपाय की सामग्री
इस उपाय में आप लोगों को 5 बेलपत्र, 1 धतूरा, 5 शमी पत्र की आवश्यकता पड़ेगी।
इस उपाय को करने की विधि
इस उपाय को करने के लिए आपको फुलेरा दूज के दिन सुबह के समय या दोपहर के समय शुद्ध होकर स्नान करके अपने उपाय की सामग्री को अपने साथ रख के भगवान शिव जी के मंदिर जाना है और वहां पर जाकर बैठना है। बैठने के बाद आप शिवलिंग के ऊपर अशोक सुंदरी जी वाला स्थान देख लीजिए। उस स्थान पर आप लोगों को यहां 5 बेलपत्र, 1 धतूरा, 5 शमीपत्र अपने सीधे हाथ की हथेली से समर्पित कर देना है और भगवान से अपने शादी विवाह के लिए प्रार्थना कर लेना है यहां पर आपका यह उपाय पूरा हो जाता है।
फुलेरा दूज का तीसरा उपाय
फुलेरा दूज के तीसरे उपाय को करने से अगर किसी व्यक्ति की सांस फूलती है, हाफड़ी भराती है तो उसको यह वाला उपाय करना चाहिए।
इस उपाय को किसको करना है
इस उपाय को उस व्यक्ति को करना है जिसको सांस फूलती हो या हाफड़ी भराती हो।
इस उपाय को किस समय करना है
इस उपाय को आपको फुलेरा दूज के दिन सुबह के समय करना है।
इस उपाय की सामग्री क्या है
इस उपाय में आप लोगों को धतूरे की जड़ निकालकर धोकर, घिसकर उपाय में प्रयोग करना है और एक लोटा जल लेकर जाना है
इस उपाय को करने की विधि
इस उपाय को करने के लिए आपको अपने घर से शुद्ध होकर स्नान करके उपाय की सामग्री को अपने साथ में रखकर भगवान शिव जी के मंदिर पहुंच जाना है। अब आपको मंदिर पहुंचकर धतूरे की जड़ को धोकर, घिसकर उसका लेपन भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर करना है और थोड़ी सी धतूरे की जड़ शिवलिंग के ऊपर चढ़ना है फिर शिवजी की शिवलिंग के ऊपर एक लोटा जल चढ़ाना है और भगवान से प्रार्थना करना है अपने स्वास्थ्य के लिए और आपका यह उपाय यहां पर पूरा हो जाता है।
फुलेरा दूज का चौथा उपाय
फुलेरा दूज का चौथा उपाय आप किसी भी प्रकार की बड़ी या छोटी रोग और बीमारी के लिए कर सकते हैं जिससे कि आपकी वह रोग और बीमारी दूर हो जाएगी।
इस उपाय को किसको करना है
इस उपाय को मुख्य रूप से उस व्यक्ति को करना है जिसको रोग बीमारी है, अगर वह व्यक्ति उपाय को करने में सक्षम नहीं है तो उसके लिए उसके घर परिवार का कोई भी एक व्यक्ति उपाय कर सकता है।
इस उपाय को किस समय करना है
इस उपाय को आप मुख्य रूप से सुबह के समय करें।
इस उपाय की सामग्री
इस उपाय की सामग्री में आपको 1 धतूरा, 5 बेलपत्र लेनी है।
उपाय को करने की विधि
इस उपाय में आपको फुलेरा दूज के दिन सुबह के समय शुद्ध होकर स्नान करके अपने घर के पास में जो शिव मंदिर है वहां पर जाना है और वहां पर जाकर भगवान के दर्शन करके सबसे पहले आपको एक धतूरा शिवलिंग के ऊपर चढ़ाना है और पांच बेलपत्र नंदी बाबा के ऊपर चढ़ना है। उसके बाद में आपको भगवान से रोग और बीमारी के लिए प्रार्थना करना है और आपका यह वाला उपाय यहां पर पूरा हो जाता है।
फुलेरा दूज का पांचवा उपाय
फुलेरा दूज के पांचवें उपाय को करने से अगर आपके शरीर में दाद, खाज, खुजली है तो वह ठीक हो जाएगी।
इस उपाय को किसको करना है
इस उपाय को मुख्य रूप से वह व्यक्ति करें जिसको दाद, खाज, खुजली हो रही हो या अगर वह व्यक्ति नहीं कर पाए तो उसकी जगह उसके लिए घर परिवार का कोई एक सदस्य भी उपाय कर सकता है।
इस उपाय को किस समय करना है
इस उपाय को आपको सुबह के समय करना है।
इस उपाय की सामग्री
इस उपाय में आपको 1 लोटा जल, 1 धतूरा और थोड़ा से चंदन की आवश्यकता पड़ेगी।
उपाय को करने की विधि
इस उपाय को करने के लिए सबसे पहले आपको शुद्ध होकर स्नान करके एक लोटा जल भरना है, उसके अंदर एक धतूरा डालना है और थोड़ा सा पीला चंदन डालना है। फिर इस एक लोटे जल को लेकर आपको अपने घर के पास में जो भी शिव मंदिर हो वहां पर जाना है और शिवलिंग के ऊपर इस जल को चढ़ाना है।
जल को चढ़ाने के बाद इसी जल को आपको कुछ मात्रा में जलधारी से वापस अपने लोटे में लेकर आना है और भगवान से प्रार्थना कर लेना है।
जब यह जल आप अपने घर पर वापस लेकर आ जाएं तो जिस व्यक्ति को दादा, खाज, खुजली हो रही हो उसके शरीर पर आप इसे लगा दें। जब इस जल को वह अपने शरीर पर लगा रहा हो तो उसके शरीर पर कोई भी वस्त्र न हो इस बात का आप लोग ध्यान रखिए और यहां पर यह वाला उपाय पूरा हो जाता है ढाई से तीन महीने के अंदर आपको इस उपाय का फल मिल जाएगा।
फुलेरा दूज का छठवां उपाय
फुलेरा दूज के छठवें उपाय को करने से अगर आपका व्यापार, बिजनेस, दुकानदारी अच्छी नहीं चल रही है या आपके घर में पैसों की समस्या आ रही है तो आपको यह वाला उपाय करना चाहिए।
इस उपाय को किसको करना है
इस उपाय को उस व्यक्ति को करना है जिसका व्यापार, धंधा या दुकानदारी अच्छी नहीं चल रही हो या जिसके घर में धान की समस्या आ रही हो।
इस उपाय को किस समय करना है
इस उपाय को आपको सुबह के समय करना है
इस उपाय की सामग्री
इस उपाय में आप लोगों को 7 अमर बेल के टुकड़े, 7 कमलगट्टे, गाय का दूध, 7 बेलपत्र, 7 शमी पत्र और एक गोल बाती का शुद्ध देसी गाय की घी का दीपक और अपनी पूजन की थाली की आवश्यकता पड़ेगी।
इस उपाय को करने की विधि
इस उपाय को करने के लिए आपको सुबह शुद्ध होकर स्नान करके उपाय की सामग्री को लेकर अपने घर के पास में जो बेलपत्र का पेड़ हो उस बेलपत्र के बड़े पेड़ के नीचे आपको चले जाना है और बेलपत्र के पेड़ के नीचे आपको एक शिवलिंग का निर्माण करना है जो कि आप बेलपत्री के पेड़ के नीचे पड़ी मिट्टी से भी कर सकते हैं। अगर मिट्टी ना हो तो आप फिर वहां पर कोई कंकर, पत्थर को भी शिवलिंग मान सकते हैं।
जैसे ही आपकी वह शिवलिंग बनाकर तैयार हो जाती है तो आपको सबसे पहले अपना वह घी का दीपक अपनी माचिस से जलाना है। उस दीपक को शिवलिंग के पास में जलाकर आप भगवान शिव जी की पूजन अर्चना करें जो आप अपने साथ पूजन थाली लेकर आई हुई हैं। इसके बाद में आप लोगों को, 7 अमर बेल के टुकड़े, 7 कमलगट्टे, 7 बेलपत्र, 7 शमीपत्र शिवलिंग पर चढ़ा देना है।
उसके बाद में आपने जो घी का दीपक जलाया है जब तक वह घी का दीपक बुझ नहीं जाता या ठंडा नहीं हो जाता है।आपको वहां से उठाना नहीं है जैसे ही वह दीपक ठंडा हो जाता है उसके बाद में आप लोगों को अपने साथ में जो 7 कमलगट्टे आपने चढ़ाया हैं उन्हें उठा लेना है और 7 अमर बेल के टुकड़े भी उठा लेना है और यह जो शिवलिंग आपने बनाई हुई थी इसका वहां पर विसर्जन कर देना है।
7 अमर बेल के टुकड़े और 7 कमलगट्टे आपको अपने घर पर लाकर इन दोनों ही सामग्रियों को एक लाल कपड़े में बांध देना है और इस लाल कपड़े को आप अपने घर पर भी बांध सकते हैं, अपने दुकान में भी बन सकते हैं या अपने व्यापार, बिजनेस वाली जगह पर भी बांध सकते हैं क्योंकि इस लाल कपड़े के अंदर भगवान का आशीर्वाद है और यह जहां पर भी रहेगा वहां पर कभी धन की समस्या नहीं होगी और आपका काम अच्छा चलता रहेगा।
इस उपाय में पहले आपको शिवलिंग का विसर्जन करना है उसके बाद ही शिवलिंग पर चढ़ी हुई दो सामग्री आपको अपने घर वापस लाना है और यहां पर आपका यह उपाय पूरा हो जाता है। ढाई से 3 महीने के अंदर आपको इस उपाय का फल मिल जाएगा।
फुलेरा दूज का सातवां उपाय
फुलेरा दूज के सातवें उपाय को करने से रोग और बीमारी दूर होती है।
यह उपाय किसको करना है
यह उपाय उस व्यक्ति को करना है जिसको रोग बीमारी है या अगर वह व्यक्ति उपाय को ना कर पाए तो उसके घर परिवार में से उसके लिए कोई भी एक सदस्य यह उपाय कर सकता है।
इस उपाय को किस समय करना है
इस उपाय को आपको सुबह के समय करना है।
इस उपाय की सामग्री
इस उपाय में आप लोगों को एक लोटा जल, थोड़ा सा शुद्ध देसी गाय का दूध, थोड़ा से शहद की आवश्यकता पड़ेगी।
इस उपाय को करने की विधि
इस उपाय को करने के लिए फुलेरा दूज के दिन सुबह प्रातः काल आप शुद्ध होकर स्नान करके एक लोटा जल तैयार करें। उसके अंदर थोड़ा सा शुद्ध देसी गाय का दूध डालें, थोड़ा सा शहद डालें फिर आप अपने घर के पास में जो भी शिव मंदिर है वहां पर जाकर थोड़ा सा जल शिवलिंग के ऊपर समर्पित करना है, उसके बाद में थोड़ा सा जल नंदी बाबा के ऊपर समर्पित करना है और आखरी में आपको बचा हुआ जल लेकर किसी भी बड़े वाले बेलपत्र के पेड़ के नीचे आना है और वहां पर इस जल का आपको सीचन करना है। इस जल को वहां पर चढ़ना नहीं है इस जल को आपको बेलपत्र के पेड़ के नीचे वहां पर छिड़कना है और आपको भगवान से प्रार्थना कर लेना है अपनी रोग और बीमारी को दूर करने के लिए और यहां पर आपका यह वाला उपाय पूर्ण हो जाता है।
हमने आपको फुलेरा दूज के दिन किए जाने वाले सारे विशेष उपाय बता दिए हैं आप अपने अनुसार इन उपाय को कर सकते हैं और यह उपाय खुद पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी शिव महापुराण कथा में बताए हैं और यह उपाय बिल्कुल वैसे ही है जैसे पंडित जी ने बताए हुए हैं इसलिए आप इन उपाय को करके इन उपायों का लाभ ले सकते हैं। इन उपाय करने में अगर आपको कोई भी दिक्कत या परेशानी आती है तो फिर उनसे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं