नमस्कार दोस्तों आज हम आपको पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा कुंडेश्वर धाम में शिव महापुराण कथा में बताए गए दो नए विशेष उपाय बताने वाले हैं जिन उपायों को करने से आपकी जो भी विशेष मनोकामना होगी वह पूर्ण हो जाएगी साथ ही में अगर आपके घर में बहुत दरिद्रता होगी तो उसके लिए भी यहां उपाय बताया गया है तो इन दोनों ही उपायों को समझकर आप जरूर करें।
सबसे पहला उपाय आप लोगों की मनोकामना पूर्ति के लिए हम बताने जा रहे हैं आपकी कोई ऐसी मनोकामना है जो कि लंबे समय से पूरी नहीं हो रही है आपने बहुत सारे उपाय और व्रत करके देख लिए हैं तो उसके बाद आप यह उपाय करके देख लीजिए।
सबसे पहला उपाय शमी पत्र का है?
इस उपाय को करने के लिए आपको शिवजी के मंदिर जाना होगा आप किसी भी दिन इस उपाय को कर सकते हैं और प्रातः काल सुबह सुबह आपको सुबह को करना है। मंदिर जाने से पहले आपको शमी पत्र अपने साथ में रखकर ले जाना होगा साथ ही में आप शिवजी की पूजा अर्चना के लिए एक थाली भी तैयार करके लेकर जाइएगा। साथ ही में एक लोटा जल भी तैयार कर लीजिएगा क्योंकि इस उपाय को आपको तब करना है जब शिवजी की पूरी पूजन अर्चना हो जाए उनका श्रंगार हो जाए उसके बाद ही आपको यह उपाय करना है।
जब शिवजी का पूरा श्रंगार हो जाए तो अपनी सीधे हाथ की हथेली में जो शमी पत्र आप अपने साथ लेकर आए हैं उपाय को करने के लिए वह अपने हाथ में रख लीजिए उस शमी पत्र को अपने सीधे हाथ की हथेली से भगवान शिव जी की जलाधारी के बिल्कुल बीचो-बीच आप समर्पित करें। कहने का मतलब है कि उस शमी पत्र को आपको जलाधारी पर स्पर्श मात्र कराना है।
जलाधारी पर इस शमी पत्र को स्पर्श कराने के बाद इसी शमी पत्र को अब आपको शिव जी की शिवलिंग के ऊपर अपनी मनोकामना को करते हुए भगवान भोलेनाथ के नाम का स्मरण करते हुए शिवजी पर समर्पित कर देना है।
मुख्य था इस उपाय में एक शमी पत्र ही उपयोग होगी पर इस उपाय को आपको शिवजी की पूरी पूजन अर्चना और श्रंगार करने के बाद ही करना है।
इस उपाय को करने से आपकी जो भी मनोकामना होगी भगवान भोलेनाथ उसे जरूर पूरा करेंगे।
उपाय को जवाब करे तो मन में पूरा विश्वास और भाव मन में रखते हुए ही करें।
दूसरा उपाय दो बेलपत्र और सात शमी पत्र का है?
इस उपाय को करने से दरिद्रता दूर होती है। सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि दरिद्रता क्या होती है?
दरिद्रता वह चीज होती है जो आपके जीवन में आपको बहुत कष्ट देती है जैसे कि आपके घर में पैसा नहीं आता है अब बहुत मेहनत करते हैं पर आप कुछ मेहनत का फल नहीं मिलता है आपके घर में कुछ भी अच्छा नहीं होता है लड़ाई झगड़ा बहुत होता है प्रेम बिल्कुल भी नहीं है इस तरीके की समस्या अगर आपके घर में चल रही है तो आप समझ गए कि आपके घर में दरिद्रता पास कर रही है तो इसी दरिद्रता को दूर करने के लिए आप इस उपाय को कर सकते हैं।
इस उपाय में आपको दो बेल पत्री और सात शमी पत्र की आवश्यकता होगी और इस उपाय को भी आप किसी भी दिन कर सकते हैं पर जो हम आपको उपाय बता रहे हैं इन सभी उपायों को करते समय मन में विश्वास जरूर रखें तभी उपाय काम करते हैं।
इस उपाय को करने के लिए आपको प्रातः काल सुबह सुबह भगवान भोलेनाथ के मंदिर अपनी एक पूजन की थाली तैयार करके एक लोटा जल भर के शिव जी के मंदिर जाना है साथ ही में दो बेल पत्री और साथ शमी पत्र अपने उपाय के लिए भी लेकर जाना है क्योंकि यह जो उपाय होने वाला है यह भी आपको तब करना है जब भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना और श्रृंगार हो चुका हो उसके बाद आपको यह उपाय करना है।
अब आपको अपने हाथों में दो बेलपत्र और सात शमी पत्र अपने साथ में रख लेनी हैं। सबसे पहले अपनी एक बेलपत्र को निकाले उस बेलपत्र को निकालकर आपको भगवान शिव जी की शिवलिंग के सामने जलाधारी के ऊपर इसे समर्पित करना है और दूसरी बेलपत्र को आपको इस जलाधारी पर चढ़ाई हुई बेलपत्र के विपरीत दिशा मतलब शिवलिंग के पीछे की जो जलाधारी का हिस्सा होता है उस स्थान पर आपको दूसरी बेलपत्र समर्पित कर देनी है।
अब आपके पास सात शमी पत्र जो रखे हुए हैं उन्हें एक-एक करके भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर आप को समर्पित कर देना है।
मतलब दो बेलपत्र वैसे 1 बेलपत्र को आपने भगवान शिव जी के सामने जो जलाधारी होती है वहां पर समर्पित करें दूसरी बेलपत्र को भगवान शिव जी की शिवलिंग के पीछे का जो थोड़ा जलाधारी का हिस्सा होता है वहां पर समर्पित किया उसके बाद में जो साथ शमी पत्र हैं उन्हें आपने एक-एक करके भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर समर्पित किया।
जब आप यह बेल पत्ती और शमी पत्र भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग पर समर्पित कर रहे हो तो उस समय आपको भगवान भोलेनाथ के नाम का जाप भी जरूर करना है।
इन उपायों को आप किसी भी दिन कर सकते हैं और किसी विशेष दिन भर भी कर सकते हैं और उपायों को सुबह के समय करना उत्तम रहेगा।
इन उपायों को करने में आपको कोई भी समस्या आती है तो उसे आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं आपको जवाब मिल जाएगा।
इस जानकारी को यहां तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
श्री शिवाय नमस्तुभयम