प्रदीप मिश्रा मासिक शिवरात्रि उपाय || Pradeep Mishra Masik Shivratri Upay

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नमस्कार दोस्तों आज हम आपको खूब पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताए गए शिव महापुराण कथा के ऐसे उपाय बताने वाले हैं जिनको आप को हर महीने पढ़ने वाली मासिक शिवरात्रि के दिन करना हैं।

आप सभी लोग जानते हैं कि साल में एक बार महाशिवरात्रि होती है जो साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि होती है पर दोस्तों हर महीने भी एक शिवरात्रि आती है जिससे मासिक शिवरात्रि के नाम से जानते हैं‌।

आज इस लेख में हम आपको मासिक शिवरात्रि जो हर महीने आती हैं। उसके कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जो पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी शिव महापुराण कथा में बताएं हैं जिन उपाय को करके आपके जीवन में आ रही दुख और परेशानियां दूर होंगी, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी, साथ ही में आपके बिगड़े हुए काम बन जाएंगे और रोग और बीमारियां भी ठीक होंगी।

पहला उपाय

आज हम आपको जो पहला उपाय बताएंगे इस उपाय को आप अपने किसी भी प्रकार की दुख और समस्या के लिए कर सकते हैं। भले ही आपके जीवन में दुख परेशानियां हो, धन की समस्या हो, रोग और बीमारियों ने परेशान कर रखा हो, किसी भी परेशानी के लिए आप इस उपाय को कर सकते हैं।

इस उपाय की सामग्री

इस उपाय को करने के लिए आपको दो बेलपत्र की आवश्यकता होगी और एक लोटा जल की आवश्यकता होगी।

इस उपाय को करने की विधि

इन दोनों चीजों को लेकर आपको किसी भी मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः काल सुबह सुबह भगवान शिव जी के मंदिर पहुंचना हैं। मंदिर पहुंचने के बाद आपको भगवान शिव जी के पास में आकर बैठ जाना हैं और याद रखिए कि यह जल आप उपाय के लिए लाए हैं ना कि आपको सीधा जाकर भगवान शिवजी पर चढ़ा देना हैं।

आपको भगवान शिव जी के पास में बैठकर दोनों बेलपत्र को निकाल लेना हैं। जिसमें से सबसे पहली बेलपत्र को आपको भगवान शिव जी की जलधारी पर समर्पित करना हैं। जब आप बेलपत्र को जलाधारी पर समर्पित कर रहे हो तो उस समय ध्यान रखिए कि जो बेलपत्री आप जलाधारी पर समर्पित करेंगे, वह जलाधारी के आखिरी भाग में मतलब जहां से चल नीचे गिरता हैं। उस तरफ आप को समर्पित करना है और जो बेलपत्र की डंडी का मुख होगा वह आपको जलाधारी के तरफ, जहां से जल नीचे गिरता है उस तरफ करके रखना है और बीच वाली बड़ी पत्ती का मुख भगवान शिव जी की तरफ करके रखना हैं।

अब जब आप दूसरी बेलपत्र चढ़ाएंगे तो इसे आपको भगवान शिव जी की शिवलिंग पर चढ़ाना हैं। जब आप इस दूसरी बेलपत्र को भगवान शिव जी की शिवलिंग पर चढ़ा रहे हो तो उस समय ध्यान रखिए कि जो बेलपत्र की बीच वाली बड़ी पत्ती का मुख हैं। वह आपको अपनी तरफ करके समर्पित करना है जिस तरफ से आप बेलपत्र चढ़ रहे हैं उस तरफ इस बीच वाली बड़ी पत्ती का मुख होना चाहिए और उस पर बेलपत्र की डंडी का मुख भगवान शिव जी की शिवलिंग के पीछे होना चाहिए।

अब इन दोनों बेलपत्र को इस प्रकार से चढ़ाने के बाद आपको इन दोनों ही विपत्ति पर पंच जल समर्पित करना हैं।

पंच जल शिवलिंग के ऊपर कैसे समर्पित करते हैं

पंच जल नाम में ही समझ आ रहा है कि इसमें आपको 5 बार जल चढ़ाना होगा। जिन दो स्थानों पर आपने इन दोनों बेलपत्र को समर्पित किया है उन दोनों ही स्थानों पर आपको अपने उस एक लोटा जल से 5 बार थोड़ा-थोड़ा जल करके समर्पित कर देना हैं।

पहले आपको जलाधारी के ऊपर उस बेलपत्र के ऊपर पांच बार थोड़ा-थोड़ा जल समर्पित कर देना हैं। उसके बाद में भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर पांच बार थोड़ा-थोड़ा चल करके समर्पित कर देना हैं।

जैसे ही आप पंच जल इन स्थानों पर समर्पित कर देते हैं उसके बाद आपको भगवान शिव जी से अपने मन की कामना बोलनी है या जिस काम के लिए आप यह उपाय कर रहे हैं वह काम आप को भगवान शिव जी से बोलना हैं।

जहां पर यह उपाय पूरा हो जाता हैं।

दूसरा उपाय

अगर आपकी कोई विशेष मनोकामना हैं, जिसके लिए आपने बहुत उपाय और व्रत करके देख लिए हैं। जब भी आपकी वह मनोकामना पूर्ण नहीं हो रही हो तो उस स्थान पर आपको यह वाला उपाय करना चाहिए।

इस उपाय की सामग्री

इस उपाय में आपको दो चीजों की आवश्यकता होगी।

  1. एक काली मिर्ची
  2. सात काली तिल के दाने

इस उपाय को करने की विधि

इस उपाय में आपको मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः काल सुबह-सुबह एक काली मिर्ची और सात काले तिल के दानों को लेकर भगवान शिव जी के मंदिर पहुंचना हैं। उसके बाद अपनी सीधे हाथ की हथेली में इन दोनों सामग्रियों को रखकर भगवान शिव जी की शिवलिंग के पास बैठकर अपनी सीधे हाथ की हथेली से से भगवान शिव जी के ऊपर समर्पित कर देना हैं।

इन दोनों सामग्रियों को भगवान शिव जी पर समर्पित करने के बाद हाथ छोड़कर अपनी मनोकामना भगवान शिव की से बोल दीजिए।

कुछ ही दिनों में आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी और यह उपाय यहां पर पूरा हो जाता हैं।

तीसरा उपाय

इस उपाय को करने से भगवान शिव जी का आशीर्वाद आपके ऊपर और आपके घर परिवार के ऊपर हमेशा बना रहेगा और आपके ऊपर आने वाली दुख और समस्या पहले ही भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से दूर हो जाएगी।

इस उपाय की सामग्री

इस उपाय में आपको 3 गोल बाती का शुद्ध देसी गाय के घी का दीपक तैयार करना हैं, वह दीपक आपको आटे के बनाकर तैयार करना हैं।

इस उपाय को कहां पर करना हैं

इस उपाय को आपको तीन वृक्षों के नीचे करना है क्योंकि हमने 3 घी के दीपक तैयार किए हैं।

इस उपाय को किन तीन वृक्षों के नीचे करना हैं

इस उपाय को आपको तीन वृक्षों के नीचे करना हैं

  1. बेलपत्री का वृक्ष
  2. पीपल का वृक्ष
  3. आंवले का वृक्ष

इस उपाय को करने की विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन शाम की समय प्रदोष काल में आपको अपने घर में यह तीन आटे के शुद्ध देसी गाय के घी के दीपक तैयार करना हैं।

उसके बाद एक थाली में आपको इन तीनों दीपक को तैयार करके अपने घर से निकलना है और सबसे पहले किसी बड़े बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाना है जो आपके घर के पास में हो।

बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाकर वहां पर बैठकर अपना पहला दीपक उठाकर वहां पर जलाइए और जलाकर भगवान के सामने झोली फैलाकर आपकी जो मनोकामना हो, जो आप भगवान से मांगना चाहते हो वह बोल दीजिए।

अब आप बेलपत्र के नीचे दीपक लगाकर पीपल के वृक्ष के नीचे जाना हैं। पीपल के वृक्ष की नीची हुई अब कोई है दूसरा दीपक जलाकर भगवान शिव जी से प्रार्थना करना हैं।

पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक लगाकर आंवले के वृक्ष के नीचे जाना हैं। वहां पर भी आपको दीपक जलाकर भगवान से प्रार्थना कर लेना है और धोक दे लेना हैं।

इन तीनों ही जगहों पर दीपक लगाकर आपको अपने घर वापस आ जाना है और इस उपाय को हर महीने की आने वाली मासिक शिवरात्रि को करना हैं।

जब आप अपने पूरे मन और विश्वास से भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करके यह उपाय करेंगे तभी यह उपाय काम करेंगे।

अगर आप कोई उपाय करने में कोई भी समस्या आती है या आपके अन्य कोई सवाल आता है तो उसे आप हम से कमेंट करके पूछ सकते हैं आपको जवाब मिल जाएगा।

धन्यवाद

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