विषम परिस्थिति में किया जाने वाला अचूक उपाय Pradeep Misra Katha Upay

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नमस्कार दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं कि पंडित प्रदीप मिश्रा जी की शिव महापुराण कथा के उपाय करने से कितने साले लोगों के जीवन से दुख और समस्याएं दूर हुई हैं किसी की मनोकामना पूर्ण हुई है किसी का कोई काम पूरा हुआ है तो आप लोग भी इन उपायों को कर सकते हैं। आज हम आप लोगों को पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया भिलाई छत्तीसगढ़ की एकांतेश्वर महादेव शिव महापुराण कथा में बताया गया विषम परिस्थिति में किया जाने वाला विशेष उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं।

विषम परिस्थिति कहने का मतलब है कि जब आपके जीवन में बहुत सारी दुख और समस्याएं आ जाए, बहुत सारे दुख आ जाए, मेहनत करने के बाद भी फल ना मिल रहा हो, परिश्रम कर कर के थक गए हो तो उस स्थान पर आपको यह उपाय करना चाहिए।

यह उपाय पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी तीसरे दिन की भिलाई छत्तीसगढ़ की एकांतेश्वर महादेव शिव महापुराण कथा में बताया था।

यह उपाय आप दो स्थानों पर कर सकते हैं।

पहले तो आप इस उपाय को किसी भी शिव मंदिर में जाकर कर सकते हैं जिस शिव मंदिर में इस उपाय को करते समय कोई उपस्थित ना हो।

दूसरा आप इस उपाय को किसी भी वृक्ष के नीचे जाकर बैठ कर कर सकते हैं। अगर आप किसी वृक्ष के नीचे इस उपाय को करने वाले हैं तो वहां पर आपको एक पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करना पड़ेगा।

यह उपाय दोनों में से आप किसी भी स्थान पर करें पर जब आप यह उपाय कर रहे हो तो उस समय पर उस स्थान पर कोई उपस्थित ना हो क्योंकि यह एकांतेश्वर महादेव का उपाय है यह उपाय एकांत में अकेले में ही किया जाता है।

अब हम जानते हैं इस उपाय को करने के लिए आपको कौन-कौन सी सामग्रियों की जरूरत होगी।

एक चावल का दाना

एक बेलपत्र

एक सफेद पुष्प

एक शमी पत्र

एक आटे का गोल बाती का शुद्ध देस गाय का घी का दीपक

एक दूर्वा जिसमें दो छड़ी हो। मतलब दूर्वा एक ही हो पर उसमें से दो छड़ी निकली हुई हो।

अब आप लोग ऐसे समय पर शिव मंदिर जाएं या किसी वृक्ष के नीचे जाएं जिस समय उस स्थान पर कोई भी उपस्थित ना हो जहां पर आप यह उपाय करने वाले हैं और इस उपाय को अब किसी भी दिन कर सकते हैं जब आपके जीवन में कोई भी ऐसी परिस्थितियां बन जाए।

अगर आप शिव मंदिर में जाकर इस उपाय को कर रहे हैं तो वहां पर जाकर आपको कोई भी अलग से शिवलिंग बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि वहां पर शिवजी पहले से ही विराजित होंगे पर अगर आप लोग इस उपाय को किसी वृक्ष के नीचे जैसे कि पीपल आवले या बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाकर इस उपाय को कर रहे हैं तो वहां पर जाकर आपको एक पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करना होगा तो इसके लिए आप अपने साथ मिट्टी लेकर जा सकते हैं।

अब आप लोग जहां पर भी जाकर इस उपाय को कर रहे हो वहां पर शिवजी की पूजा अर्चना कर लीजिए और उनके पास में एक गोल बाती का घी का दीपक जला दीजिए।

उसके बाद अब आप जो अपने साथ सामग्रियां लेकर आए हैं उसको इस क्रम से शिवजी पर चढ़ाते जाना है जैसे हम आपको बता रहे हैं।

सबसे पहले आप शिव जी के ऊपर दूर्वा समर्पित कीजिए।

दूसरे नंबर पर सफेद पुष्प समर्पित कीजिए।

तीसरे नंबर पर एक शमी पत्र समर्पित कीजिए।

चौथे नंबर पर एक चावल का दाना समर्पित कीजिए।

पांचवे और आखिरी नंबर पर एक बेलपत्र शिवजी के ऊपर समर्पित कीजिए।

यह सारी सामग्रियां भगवान शिव जी पर समर्पित करने के बाद भगवान से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें अपनी मनोकामना बोले जो आपके जीवन में दुख हर समस्या हो वह बोल दीजिए।

उसके बाद आप लोगों को कुछ समय भगवान शिव जी के मंदिर में बैठकर ही भगवान शिव जी के मंत्र का जाप कर रहा है यश शिव महापुराण के मूल मंत्र श्री शिवाय नमस्तुभयम का जाप करना है।

अब यहां पर ध्यान में रखने वाली बात यह है कि अगर आप इस उपाय को शिव मंदिर में एकांत में बैठकर कर रहे हैं तो उस स्थान पर आपको दीपक के ठंडे होने का इंतजार नहीं करना है मतलब दीपक के बुझने का इंतजार नहीं करना है आपको मात्र आखरी में चढ़ाई गई भगवान शिव जी पर बेलपत्र को उठाना है और उसे आशीर्वाद के स्वरूप समझ कर अपने घर लेकर आ जाना है।

अब अगर आपने इस उपाय को किसी वृक्ष के नीचे बैठकर किया है तो उस स्थान पर जो आपने पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया है या जो आपने सामग्रियां पार्थिव शिवलिंग के ऊपर समर्पित करी हैं इन सभी को ठंडा करना पड़ेगा और जो आपका दीपक आपने जलाया है जब तक वह दीपक बुझना जाए तब तक आपको उसी वृक्ष के नीचे बैठे रहना है। ‌ जैसे ही आपका वह दीपक बुझ जाए उसके बाद आपको इस दीपक को उठाना है और पार्थिव शिवलिंग के साथ में सभी सामग्रियों को भी उठाना है और किसी भी बहते हुए जल में इन्हें प्रवाहित कर देना है।

यहां से भी आपको शिवजी पर चढ़ाई गई जो बेलपत्र है वह अपने साथ में आशीर्वाद स्वरुप अपने घर लेकर आना है। बाकी सारी सामग्रियां विसर्जित कर देना है।

यह बिल पतरी आपके पास भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद स्वरुप रहेगी तो इसे आप किसी भी शुद्ध स्थान पर रख दीजिए। इससे आपके घर में भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद सदैव बना रहेगा।

जहां पर यह उपाय पूरा हो जाता है और इस उपाय को करने के बाद आपकी जीवन में जिस भी प्रकार की दुख और समस्याएं आने वाली होंगी या चल रही होंगी वह सारी दूर हो जाएंगी।

अगर आपको इस उपाय को करने में कोई भी दिक्कत समस्या आती है तो उसे आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभयम

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