घर में दुख समस्याएं चल रही हो उसके लिए क्या करें? Pradeep Misra Ke Upay

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नमस्कार दोस्तों, अगर आप लोगों के घर में दुख और परेशानियों का पहाड़ टूट चुका हैं। आपके जीवन में बहुत ज्यादा परेशानियां आ रही है और आप चाहते हैं कि आपकी जीवन से आपके घर परिवार से सारी दुख और समस्याएं दूर हो जाए तो उसके लिए आपको एक छोटा सा उपाय करना होगा। जिस उपाय को करने मात्र से 3 महीने के अंदर आपके घर में जिस भी प्रकार की दुख और समस्याएं या कष्ट चल रहे होंगे। उनसे आपको छुटकारा मिल जाएगा और अगर आपकी कोई विशेष मनोकामना है तो उसके लिए भी अगर आप इस उपाय को लगातार तीन महीनों तक करते हैं तो आपकी वह मनोकामना भी पूर्ण होंगी।

इस उपाय को करने से क्या होगा

दोस्तों जैसा कि हमने आपको बता ही दिया है कि इस उपाय को करने के बाद आपके जीवन में दुख और परेशानियां चल रही हैं, उनसे आपको पूर्ण रूप से छुटकारा मिल जाएगा साथ ही में, अगर आपके जीवन में आपकी कोई मनोकामना है जो कि लंबे समय से पूर्ण नहीं हो रही है, जिसके लिए आपने सारे उपाय और व्रत करके देख लिए हैं तो उस स्थान पर भी आपको यह उपाय करना चाहिए।

इस उपाय को‌ करने से फल कब मिलेगा

जब आप इस उपाय को करना शुरू करेंगे तो आपको लगातार 3 महीनों तक इस उपाय को करना होगा और 3 महीनों के अंदर कभी भी आपकी मनोकामना पूर्ण हो सकती हैं, आपके जीवन से दुख और समस्याएं दूर जा सकती हैं या फिर जिस काम के लिए आप यह उपाय कर रहे हो वह 3 महीने के अंदर आपका वह काम पूरा हो जाएगा।

इस उपाय को कब से कब तक करना हैं

इस उपाय को आपको उस दिन से करना शुरू करना हैं, जिस दिन आपको ऐसा लगे कि आपको इस उपाय को करने की आवश्यकता हैं। मतलब जब आपके जीवन में परेशानियां आए, आपकी कोई मनोकामना है जो पूर्ण ना हो तब उस दिन से आप इस उपाय को करना शुरू करें और उस दिन से लेकर 3 महीने जब भी हो रहे हैं तब तक आपको इस उपाय को नियम के साथ करना हैं।

इस उपाय को कौन-कौन कर सकता है

इस उपाय को सभी वर्ग के लोग कर सकते हैं। आप चाहे बच्चे हो, जवान हो या बूढ़े हो, आप इस उपाय को आराम से कर सकते हैं क्योंकि परेशानियां सबके जीवन में आती हैं। दुख सबके जीवन में आते हैं तो इस उपाय को कोई भी कर सकता हैं।

इस उपाय को करने के लिए क्या सामग्री चाहिए

इस उपाय को करने के लिए मात्र आपको एक लोटा जल चाहिए। इसके अलावा और कोई चीज की आपको आवश्यकता नहीं होगी।

इस उपाय को करने के लिए कहां पर जाना होगा

इस उपाय को करने के लिए आप को दो स्थानों पर जाना होगा। जिसमें से सबसे पहला स्थान है “भगवान शिव जी का मंदिर” और दूसरा स्थान है “बड़ा बेलपत्री का वृक्ष”

आपके घर के आसपास जो भी शिव मंदिर हो और जो भी बड़ा बिल पत्रिका वृक्ष हो। वहां पर जाकर ही आपको इस उपाय को करना हैं।

इस उपाय को किस समय करना हैं

इस उपाय को आपको प्रातः काल सुबह-सुबह करना हैं। मतलब अगर आप लोग इस उपाय को सुबह 10:00 बजे तक कर ले तो अच्छा होगा। अन्यथा लेट हो जाए तो उस स्थान पर आप इसे 12:00 बजे तक भी कर सकते हैं पर भगवान शिव जी का मंदिर इतनी देर तक नहीं खुलता है हो तो आप इस उपाय को जल्दी ही कर ले तो अच्छा रहेगा।

इस उपाय को कैसे करना हैं

अब हम आते हैं मेन मुद्दे पर कि इस उपाय को आप को करना कैसे हैं।

सबसे पहले आप जिस भी दिन से इस उपाय को करना शुरू कर रहे हो, उस दिन प्रातः काल सुबह-सुबह उठ जाइए, स्नान कीजिए, शुद्ध हो जाएं, शुद्ध वस्त्र पहने, उसके बाद में अपने घर से एक लोटा लीजिए, उसमें आप शुद्ध जल भरिए। इस तरीके से एक लोटा जल को आप को तैयार कर लेना हैं।

अब आपको अपने घर से निकलना है और एक ही लोटा जल लेकर निकलना है क्योंकि एक ही लौटे जल को हमें दो स्थानों पर चढ़ाना है जो कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं।

सबसे पहले आप इस एक लोटा जल को लेकर भगवान शिव जी के मंदिर पहुंचे। भगवान शिवजी के मंदिर पहुंचकर भगवान शिव जी की शिवलिंग के पास में आएं और अपने एक लोटा जल में से आधा लोटा जल एक धारा से धीरे-धीरे करके भगवान शिव जी पर समर्पित कर दें।

जैसे ही आप अपने लोटे में से आधा लोटा जल भगवान शिव जी को समर्पित कर दें। उसके बाद भगवान शिव जी का आशीर्वाद लेकर मंदिर के दर्शन करके आप अपने बचे हुए आधे लौटे जल को लेकर मंदिर से निकल जाइए।

अब आपको इस बचे हुए जल को लेकर किसी ऐसे बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाना है जो कि बड़ा बेलपत्री का वृक्ष हो, मतलब जिस बेलपत्र के वृक्ष की पत्तियों तक आपका हाथ ना पहुंचे। समझ जाइए वही बड़ा बेलपत्री का वृक्ष है और वहां पर आपको जाना हैं।

उस बड़ी बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाकर, उस बड़े से बेलपत्र के वृक्ष की छांव में बैठकर, उस बेलपत्र के वृक्ष की जो जड़ होगी। उस जड़ के ऊपर आपको अपने आधे लोटे जल को समर्पित करना हैं।

बेलपत्र के वृक्ष के नीचे अपने पूरे जल को समर्पित करने के बाद आपको वहीं पर बैठकर 1 से 2 मिनट तक भगवान शिव जी के किसी भी एक मंत्र का जाप करना है या श्री शिवाय नमस्तुभयम का भी जाप कर सकते हैं। उसके बाद आप वहां पर धोक देकर, आशीर्वाद लेकर अपने घर वापस जा सकते हैं।

इस उपाय को करते समय ध्यान में रखने वाली बातें

जब आप इस उपाय को कर रहे हो तो उस स्थान पर ध्यान रखिएगा आपको शुद्धता का विशेष रूप से ध्यान रखना हैं।

आप जब भगवान शिवजी पर जल चढ़ाएंगे तो वह जल का पात्र या लोटा भगवान शिव जी की शिवलिंग से स्पर्श नहीं होना चाहिए।

आप जब भगवान शिव जी पर जल चढ़ा रहे हो तो उस समय शिवजी पर चढ़ाए हुए जल के छींटे आपके शरीर पर नहीं आने चाहिए।

जब आप बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जा रहे हो तो उस समय ध्यान रखिएगा। आपको बड़े बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाना हैं।

अगर आप किसी छोटे बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जाकर या बेलपत्र के पौधे में जाकर इस उपाय को करेंगे तो इस उपाय का फल आपको नहीं मिलेगा।

इस उपाय के अंतिम नियम

  • उपाय को करते समय मन में विश्वास होना चाहिए।
  • उपाय में शुद्धता का ध्यान रखना हैं।
  • जब परेशानी आए तभी इस उपाय को करना हैं।
  • बड़े बेलपत्री के वृक्ष के नीचे इस उपाय को करना है।
  • जितना जल्दी सुबह-सुबह इस उपाय को करेंगे उतना अच्छा होगा।

हम आशा करते हैं कि हमने आपको इस उपाय को करने की सारी विधि और नियम बता दिए हैं। अब आपके ऊपर है कि आप कितना मन लगाकर और विश्वास से इस उपाय को करेंगे आपको वैसा ही फल मिलेगा।

इस उपाय को पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी शिव महापुराण कथा में बताया हैं।

अगर आपके मन में कोई प्रश्न हैं, आपको कोई बात समझ नहीं आई हो तो उसे आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं। आपको जवाब मिल जाएगा।

धन्यवाद

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