हेलो दोस्तों, जैसा कि आप सभी जानते हैं हमारे सनातन धर्म में अनेकों ऐसे त्यौहार, व्रत होते हैं जिनका अपना विशेष ही महत्व माना जाता है। ऐसा ही एक व्रत सकट चौथ व्रत है जो माघी चतुर्थी या तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है। गणपति बप्पा की पूजा तिल से की जाती है तथा तेल का ही भोग लगाया जाता है। प्राचीन समय से ही ऐसा माना जाता है सकट चौथ के दिन किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन आसानी से किए जाते हैं जिनका अपना ही विशेष महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को तिलकुटा चौथ मनाई जाती है और वर्ष 2024 में 29 जनवरी के दिन हम सकट चौथ व्रत मनाएंगे। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से Sakat Chauth Par Kya Karna Chahiye इस विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
नाम | तिलकूटा चौथ |
अन्य नाम | सकट चौथ, संकष्टी चतुर्थी, माघी चौथ |
कब है | 29 जनवरी 2024 सोमवार |
तिथि प्रारंभ | 29 जनवरी सुबह 06 बजकर 10 मिनिट से |
तिथि समापन | 30 जनवरी सुबह 08 बजकर 54 मिनिट तक |
अमृत काल | 29 जनवरी 07:11 AM से 08:32 AM तक |
शुभ काल | 29 जनवरी 09:43 AM से 11:14 AM तक |
शाम का मुहूर्त | 04 बजकर 37 मिनिट से 07 बजकर 37 मिनिट तक |
चंद्र उदय समय | 29 जनवरी रात 09 बजकर 10 मिनिट पर |
सकट चौथ के दिन क्या करें
आप में से बहुत से लोग ऐसे हैं जो इस बारे में जानना चाहते हैं कि सकट चौथ के दिन हमें ऐसा क्या करना चाहिए जिससे गणपति भगवान की कृपा हमारे वह हमारे परिवार के ऊपर सदैव बनी रहे। जैसा कि आप सभी जानते हैं, चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की प्रिया तिथि माना जाता है और यह तिथि पूर्ण रूप से उन्हें ही समर्पित है। तिलकुटा चौथ के दिन तिल का बहुत महत्व माना जाता है और इस दिन गणपति भगवान को दिल से ही स्नान कराया जाता है तथा इसके अलावा जो भोग होता है, वह भी तिल के व्यंजन से बनाकर अर्पित किया जाता है। सकट चौथ के दिन होने वाले कुछ ऐसे कार्य जो आपको विशेष रूप से पालन करने चाहिए इस प्रकार से हैं।
- सकट चौथ के दिन सभी लोगों को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
- यदि आप सकत चौथ का व्रत करते हैं, तो आपको इस दिन धूल व साफ वस्त्र ही धारण करने चाहिए।
- पूजा पाठ के दौरान भगवान गणेश को धूप और दीप अवश्य दिखाना चाहिए।
- चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की प्रिया तिथि माना जाता है, इसलिए आप चतुर्थी तिथि के दिन विशेष रूप से भगवान गणेश के मंदिर अवश्य जाएं।
- इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा, फूल और तिल के लड्डू का भोग ही लगाएं।
- जिन महिलाओं का इस दिन उपवास होता है उन्हें सिर्फ इस दिन फलाहार ही करना चाहिए।
- सकट चौथ के दिन दान का विशेष रूप महत्व माना गया है, इसलिए इस दिन अधिक से अधिक दान देना चाहिए।
सकट चौथ के दिन क्या नहीं करना चाहिए
तिलकुटा चौथ के दिन कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जिन्हें करने से सभी लोगों को बचाना चाहिए। सकट चौथ के दिन न किए जाने वाले कार्य कुछ इस प्रकार से हैं।
- इस दिन सभी लोगों को जल्दी उठना चाहिए, सूर्य उदय होने तक नहीं सोना चाहिए।
- सकट चौथ के दिन किसी भी व्यक्ति को बिना नहाए कुछ भी खाना निषेध है, इसलिए आप बिना नहाए कुछ ना खाएं।
- सकट चौथ के दिन तिल का ही उपयोग करें तिल के अलावा किसी भी प्रकार के भोग को अर्पित ना करें।
- इस दिन दिन में भी नहीं सोना चाहिए खासकर जान महिलाओं का व्रत होता है, उन्हें तो बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए।
- तिलकुटा चौथ के दिन लड़ाई झगड़ा करने से बचें।
- संकष्टी चतुर्थी के दिन किसी भी प्रकार से मदिरा और तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
संकष्टी चतुर्थी के दिन होने वाले कुछ विशेष उपाय
संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करने से व्यक्ति के जीवन में सदैव भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है।
- इस दिन पूजा करने के लिए आप दाएं सूंड वाले गणपति जी को ही स्थापित करें।
- पूरे विधि विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा करें, इसके अलावा आप गणेश चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
- गणेश चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- संकष्टी चतुर्थी के दिन सुपारी और इलायची का बहुत महत्व माना जाता है इसीलिए आप गणेश जी के सामने 2 सुपारी और 2 इलायची रखकर ही पूजा करें।
- भगवान के सामने सुपारी और इलायची रखने से आपकी सभी बढ़ाएं दूर होगी।
- भगवान गणेश जी की पूजा करते समय आप एक लाल कपड़े में श्री यंत्र को रखें और उसके बीच में सुपारी रख दें। अब आप इसे अपनी तिजोरी में रख दें, ऐसा करने से आपके घर में हमेशा धन की वृद्धि होती रहेगी।
- पूजा करते समय गणेश जी की प्रतिमा को आप उत्तर दिशा की तरफ ही रखें और उन्हें हरी दूर्वा अर्पित करें।
- अब आप चाहे तो किसी भी लाल आसन पर बैठकर 108 बार “ओम नमो भगवते गजाननाय मंत्र” का जाप भी कर सकते हैं।
- यदि आप चाहते हैं कि आपके सभी कामों में सफलता मिले तो आप भगवान गणेश के सामने धूप दीप जलाकर ही उनके मंत्रो का जाप करें।
- सकट चौथ की रात्रि को आप जल में दूध और चावल मिलाकर अर्घ्य अवश्य दें।
सकट चौथ पर चांद कब निकलेगा
साल 2024 में सकट चौथ 29 जनवरी को मनाई जाएगी जिसमें चंद्र देव के उदय होने का समय 29 जनवरी को रात में 9 बजकर 10 मिनिट पर रहेगा। ऐसे में जो महिलाएं सकट चौथ के दिन चंद्र देव की पूजा करती हैं वह 9 बजकर 10 मिनिट के बाद पूजा करके अपने उपवास का पारण कर सकती हैं।
दोस्तों, आज हमने आपको सकट चौथ के दिन क्या करना चाहिए इस विषय में जानकारी देने का प्रयास किया है, यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई तो आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।