सोमवार की अष्टमी 7 बेलपत्री वाला उपाय | पंडित प्रदीप मिश्रा जी उपाय

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नमस्कार दोस्तों, आप सभी लोग जानते हो की 4 मार्च 2024 के दिन सोमवार की अष्टमी पड़ रही है सोमवार की अष्टमी का एक ऐसा दिन होता है जो भगवान शिव जी को बहुत ही ज्यादा प्रिय होता है और इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव जी की पूजन करता है, उनको प्रसन्न करता है भगवान शिव जी उसके जीवन से सारी दुख और परेशानियां दूर कर देते हैं। साथ ही उसके जीवन में खुशहाली ला देते हैं इसी के साथ में सोमवार की अष्टमी पूरे साल भर में बहुत ही कम पड़ती हैं जिसमें से 2024 साल की पहली सोमवार की अष्टमी 4 मार्च 2024 के दिन पड़ रही है इसलिए इस मौके को आप लोगों को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। आप लोगों को इस दिन 7 बेलपत्र वाला नया उपाय जरूर करना चाहिए जो कि पंडित जी ने अभी हाल ही में 6-7 दिन पहले की कथा में ही बताया है और इस उपाय को करने से आपकी जो भी बड़ी मनोकामना होती है वह पूर्ण हो जाती है, तो इस लेख में हम इस 7 बेलपत्री वाले उपाय को अच्छे से समझेंगे और जानेंगे कि यह वाला उपाय किसको करना है, कैसे करना है, किस समय करना हैं।

सोमवार की अष्टमी कब हैं

सोमवार की अष्टमी 4 मार्च 2024 के दिन पड़ रही है।

सोमवार की अष्टमी को 7 बेलपत्री वाला उपाय किसको करना है

सोमवार की अष्टमी के दिन पूरे घर परिवार में से कोई भी एक व्यक्ति यह 7 बेलपत्र वाला उपाय कर सकता है, यह 7 बेलपत्र वाला उपाय विशेष रूप से घर की बड़ी माताएं बहनें करें तो ज्यादा अच्छा होगा।

सोमवार की अष्टमी को 7 बेलपत्री वाला उपाय घर में कितने लोगों को करना है

सोमवार की अष्टमी को सात बेलपत्री वाला उपाय घर में से किसी भी एक सदस्य को करना है।

7 बेलपत्री वाले उपाय की सामग्री

7 बिलपत्री वाले उपाय को करने के लिए आपको मात्र 7 बेलपत्र की आवश्यकता होगी और एक लोटे जल की आवश्यकता होगी।

7 बेलपत्री वाला उपाय किस समय करना है

सात बेलपत्री वाला उपाय आपको प्रातः कल सुबह-सुबह करना हैं।

7 बेलपत्र वाला उपाय सुबह कितने बजे तक कर सकते हैं

सोमवार की अष्टमी के दिन आपके 7 बेलपत्री वाले उपाय को सुबह जितनी जल्दी कर सकते हैं उतना अच्छा है अन्यथा आप 12:00 तक भी इस उपाय को करेंगे तो भी आप कोई उपाय को फल मिलेगा

7 बेलपत्री वाले उपाय को करने की विधि

7 बेलपत्री वाले उपाय को करने की विधि कुछ इस प्रकार से है।

  • 4 मार्च 2024 सोमवार की अष्टमी के दिन आपको अपनी यह 7 बेलपत्र और एक लोटा जल तैयार कर लेना है, इसी के साथ में आपको सुबह-सुबह जल्दी स्नान करके शुद्ध होकर तैयार हो जाना है।
  • उसके बाद में आपको अपनी 7 बेलपत्री पहले से तैयार करके रख लेना है, अब आपको जो एक लोटा जल भरना है वह बाद में भरना है।
  • अब सबसे पहले आप अपनी 7 बेलपत्र को निकाल कर अपने पास रख लीजिए क्योंकि इन 7 बेलपत्र को 7 अलग-अलग जगह पर हमें समर्पित करना है, जिसमें से एक जगह हमारे घर पर ही है।
  • यह उपाय आपके घर से शुरू होगा और शिव जी के मंदिर में जाकर पूरा होगा।
  • अब आपको अपनी 7 बेलपत्री में से पहली बेलपत्र निकाल लेनी है और उसको अपने घर के रसोई में ले जाकर जहां से आप अपना पीने का पानी भरते हैं और पीते हैं उसे परिंडे के पास में अपनी पहली बेलपत्र को रख देना है।
  • इसके बाद में अभी आपने जिस परिंडे के पास में यह बेलपत्र रखी है, इस परिंडे में से अपना एक लोटा जल भर लीजिए।
  • अब आप अपनी बाकी बची हुई 6 बेलपत्र और अपना वह एक लोटा जल लेकर अपने घर से निकल जाए।
  • अब आपको अपनी दूसरी बेलपत्र को समर्पित करने के लिए किसी भी बड़े वाले बेलपत्र के पेड़ के नीचे जाना होगा और वहां पर जाकर आपको अपनी दूसरे नंबर की बेलपत्र को उस बेलपत्र को पेड़ के नीचे समर्पित कर देना है और थोड़ा सा जल उस बेलपत्र के ऊपर अपने लोटे में से चढ़ा देना है।
  • अब आप अपनी तीसरी बेलपत्र को लेकर भगवान शिव जी के मंदिर में पहुंचेंगे। जहां पर आपको भगवान नंदी बाबा के पास में आकर रुक जाना है और नंदी बाबा का वह उठा हुआ पर देखना है क्योंकि उस उठे हुई पैर के पास में आपको यह तीसरी बेलपत्र समर्पित करना है।
  • तीसरी बेलपत्र नंदी बाबा के पास में समर्पित करने के बाद आपको यहां पर जल नहीं चढ़ाना है।
  • अब आप अपनी चौथी बेलपत्र को लेकर भगवान शिव जी की शिवलिंग के पास में आएंगे और माता अशोक सुंदरी जी वाले स्थान पर इस चौथी बेलपत्र को चढ़ा देंगे। इस बेलपत्री की डंडी का मुख जलाधारी की तरफ करके आप समर्पित कर दीजिएगा।
  • अब आपको अपनी पांचवी बेलपत्र को लेकर माता जगदंबा जी के या माता पार्वती जी के हस्तकमल पर समर्पित करना है, यह स्थान शिवलिंग के कटी भाग के पास में होता है जहां पर जलधारी के ऊपर शिवलिंग रखा हुआ होता है।
  • अब अब आपको अपनी छठवीं बेलपत्र को निकाल कर भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर समर्पित करना है, इस बेलपत्र को आपको कुछ इस प्रकार समर्पित करना है कि जो बेलपत्र की बीच वाली बड़ी पत्ती का मुख है वह आपकी तरफ हो और डन्डी का मुख आपकी विपरीत दिशा में हो।
  • अब आपके पास आपकी आखरी बेलपत्र बची हुई होगी जिसको आपको कहीं पर समर्पित नहीं करना है। मात्र भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर जो पात्र टंगा हुआ होता है जिससे बूंद-बूंद करके शिवजी पर जल टपकता रहता है उस पात्र से मात्र आपको स्पर्श करना है या छुआ लेना है और उस बेलपत्र को अपने पास भगवान शिव जी का आशीर्वाद समझ कर रख लेना है।
  • जैसे ही आप यह है सातवीं बेलपत्र को स्पर्श करके अपने पास रख लेते हैं उसके बाद में आप वही शिवलिंग के पास में बैठकर भगवान शिव जी से अपनी वह मनोकामना बोल दीजिए जिसके लिए आप लोग यह वाला उपाय कर रहे हैं।
  • अब आप अपनी इस आखिरी बेलपत्र को भगवान का आशीर्वाद समझ कर अपने घर पर ले आए और इस बेलपत्र को अपने घर में सुरक्षित रख दीजिए ताकि यह बेलपत्र आपके घर में सुख समृद्धि, धन समृद्धि और सुख शांति सदैव बनाए रखें।
  • यहां पर यह 7 बेलपत्री वाला उपाय पूरा हो जाता है।

यह उपाय किसने बताया है

यह उपाय पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी शिव महापुराण कथा में बताया है, इस उपाय को करने से व्यक्ति के परिवार की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं सारी दुख और समस्याएं भी दूर होती हैं।

अगर आपको इस 7 बेलपत्र वाले उपाय को करने में कोई भी दिक्कत समस्या है, परेशानी आती है तो उसे आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं और हमारे इस लेख को अपने प्रियजनों के साथ भी जरूर साझा करें। ताकि उन लोगों तक भी यह उपाय पहुंच सके और वह भी इस उपाय के माध्यम से भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

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