श्री शिवाय नमस्तुभयम दोस्तों
यह बात आप सभी लोग जानते हैं कि सोमवती अमावस्या का जो दिन होता है वह बहुत ही ज्यादा शुभ होता है बहुत ही ज्यादा अच्छा होता है और यह दिन बार-बार भी नहीं आता है।
अभी कि जो सोमवती अमावस्या पड़ रही है वह 31 मई 2022 को पड़ रही है यह सोमवती अमावस्या को सोमवती अमावस की इसलिए कहते हैं क्योंकि यह सोमवार को पड़ती है।
सोमवती अमावस्या का व्रत जो महिलाएं करती हैं उनके पतियों के ऊपर कभी भी कोई दुख समस्या नहीं आती है।
इस सोमवती अमावस्या को आप एक ऐसा उपाय कर सकते हैं जिस उपाय को करने से अगर आपने किसी को पैसा उधार दिया होगा और आपका वह पैसा आपको लौटा नहीं रहा है 3% बहाने बनाता जा रहा है पर वह आपका पैसा नहीं लौटा रहा है या आपका कहीं पर बड़ा पैसा फंसा हुआ है आपका वह पैसा आपको मिल नहीं पा रहा है तो उसके लिए सोमवती अमावस्या का आपकी है उपाय कर सकते हैं निश्चित ही आपको जो पैसा फसा हुआ होगा जिसकी जगह पर वह पैसा आपके पास खुद चल कर आएगा।
सोमवती अमावस्या का यह उपाय आपको सोमवती अमावस्या की 1 दिन पहले से रात के समय शुरु करना होगा। सोमवती अमावस्या की 1 दिन पहले वाली रात्रि को आपको थोड़ी सी काली तिल लेना है उसका लिटिल को आपको किसी भी एक पात्र में पानी डालकर गलाकर रख देना है।
उस काली तिल को आपको पूरी रात गला कर रख देना है सुबह सोमवती अमावस्या के दिन आपको उस काली दिल को उस जल के पात्र में से निकालना है और उसका लिटिल को आपको किसी भी चीज से पीस लेना है बस याद रखिए कि जो मिक्सर होता है उससे आपको इस कार्यक्रम को नहीं भेजता है अपने हाथों से परिश्रम करके किसी भी चीज से उसे पीसना है।
इस काली तिल को पीसने के बाद अब आपको इस काली तिल को किसी भी एक कटोरी में रख लेना है कटोरी में रखने के बाद आपको पीला चंदन निकालना है। अपने हिसाब से अनुमान लगाकर पीला चंदन उस काली तिल के अंदर आपको डालना है और मिला देना है।
अब आपको सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ही इस कटोरी मेंपिसी हुई काली तिल और पीला चंदन मिलाकर तैयार कर लें उसके बाद साथ बेलपत्र अपने साथ रखने साथ नहीं तो 5 बेलपत्र भी आप अपने साथ रख सकते हैं उसके बाद एक लोटा लीजिए उस लोटे के अंदर आपको पानी और जल का मिश्रण डालना है मतलब पानी भी उसी जल पात्र के अंदर होना चाहिए और दूध भी उसी पात्र में होना चाहिए तो पानी और दूध को मिलाकर आपको उस लोटे के अंदर भर लेना है।
पिसी हुई काली तिल और पीले चंदन की कटोरी पांच या सात बेलपत्र और एक लोटा दूध और जल का मिश्रण को लेकर आपको सोमवती अमावस्या के दिन सुबह सुबह शिव जी के मंदिर जाना है।
शिवजी के मंदिर जाने के बाद शिवलिंग के सामने जाइए वहां पर बैठी है और जो आप अपने साथ एक कटोरी ले कर गए हैं जिसमें आपने पिसी हुई काली तिल और पीले चंदन का मिश्रण बना कर लाए हैं उस मिश्रण से आपको शिवलिंग के ऊपर पूरे में लेपन करना है।
शिवलिंग के ऊपर पूरे में लेपन करने का तात्पर्य यह है कि आपको शिवलिंग के ऊपर पूरे पिसी हुई काली तिल और जो पीला चंदन है उसका पूरा मिश्रण का जो लेपन है वह आपको शिवलिंग के ऊपर भी करना है और जलाधारी के ऊपर भी करना है जलाधारी के ऊपर जो अशोक सुंदरी का स्थान होता है उस जगह पर तो विशेष रूप से करना ही है।
इसलिए अपने को पूरे शिवलिंग के ऊपर लेपन करने के बाद आपको अपनी तीन उंगली लेनी है जिससे कि आपको त्रिपुंड बनाना है और त्रिपुंड आपको अपनी तीनों उंगलियों में कुछ भी लेकर नहीं बनाना है बस अपनी तीनों उंगली सीधे हाथ की हथेली की लेनी है और उसे शिवलिंग के ऊपर फेंर देना है जिससे कि वह त्रिपुंड बन जाएगा। उसी लेपन के ऊपर जो आपने किया है उसी लेपन के ऊपर आपको तीन लाइन खीच देनी है जिससे कि वह त्रिपुंड बन जाएगा।
त्रिपुंड बनाने के बाद आप जो अपने साथ पांच या सात बेलपत्र लेकर गए हैं उन बेलपत्र को शिवलिंग के ऊपर समर्पित करना है बेलपत्र को समर्पित करने के बाद आपको आखरी में जो आप अपने साथ एक लोटा जल और दूध का मिश्रण लेकर गए हैं इस एक लोटा जल और दूध के मिश्रण को आपको शिवलिंग के ऊपर उन्हीं बेलपत्र के ऊपर जो आपने चढ़ाई है समर्पित कर देना है।।
बेलपत्र चढ़ाने के बाद उन्हीं बेलपत्र के ऊपर आपको इस एक लोटा जल और दूध के मिश्रण को समर्पित करना है। समर्पित करने के बाद आपको भगवान से हाथ जोड़कर विनती करना है और भगवान को बताना है कि भगवान हमारा इतना पैसा है जो कि इस जगह फंसा हुआ है आप अपनी कृपा कीजिए जिससे कि हमारा यह पैसा हमें वापस मिल जाए। भगवान से ऐसी विनती करके आप अपने घर आ सकते हैं।
यह उपाय सिर्फ सोमवती अमावस्या के दिन का ही है और इस उपाय को आप विशेष कर सुबह के समय करें अगर किसी कारणवश सुबह के समय यह उपाय नहीं कर पाते हैं तो आप प्रदोष काल में भी इस उपाय को कर सकते हैं।
कोई भी समस्या थी कमेंट करके पूछ सकते हैं।
ओम नमः शिवाय