आज 14 अगस्त की अधिक मास की शिवरात्रि पर पंडित प्रदीप मिश्रा जी ऑनलाइन पूजन अभिषेक नहीं कराने वाले हैं। अगर आप अपने मन से ही यह पूजन अभिषेक करना है तो आप कर सकते हैं। पंडित जी सिर्फ सावन शिवरात्रि पर यह ऑनलाइन पूजन अभिषेक करते हैं यह अधिक मास की शिवरात्रि है। कोशिश करें रात्रि से पहले आप यह पूजन अभिषेक कर लें और शिवलिंग का विसर्जन कर दें क्योंकि रात्रि के बाद आप इस शिवलिंग का विसर्जन नहीं कर सकते फिर सुबह ही होगा। कुछ विशेष दिनों में ही रात में शिवलिंग रखा जाता है।
नमस्कार दोस्तों, आप सभी लोग जानते हैं कि 14 अगस्त 2023 सोमवार को सावन अधिक महीने की शिवरात्रि हैं। जिस दिन पंडित प्रदीप मिश्रा जी सीहोर वाले ऑनलाइन श्रावण महीने की शिवरात्रि की एक विशेष पूजन कराते हैं जिस पूजन को करने से आपके घर में सुख और शांति आती हैं।
आज इस लेख में हम आप लोगों को श्रावण महीने की शिवरात्रि की संपूर्ण पूजन सामग्री बताने वाले हैं।
आप सभी लोग जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि हर महीने आती हैं पर सावन महीने की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता हैं और इस बार यह सावन की शिवरात्रि दो बार आ रही हैं क्योंकि इस बार यह सावन अधिक मास का श्रावण हैं जिसके कारण श्रावण 2 महीनों तक चलने वाला हैं और दो श्रावण शिवरात्रि का लाभ अभी मिलने वाला है इसीलिए इस बार पंडित प्रदीप मिश्रा जी सीहोर वाले दो बार श्रावण महीने की शिवरात्रि की ऑनलाइन पूजन अभिषेक कराने वाले हैं। जिसमें पहली श्रावण महीने की शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 शनिवार के दिन हैं और दूसरी अधिक मास की शिवरात्रि 14 अगस्त 2023 सोमवार के दिन हैं। जिस दिन पंडित प्रदीप मिश्रा जी सीहोर वाले रात्रि को 9:00 बजे ऑनलाइन पूजन अभिषेक कर आने वाले हैं।
सावन अधिक मास की शिवरात्रि कब हैं?
सावन महीने की शिवरात्रि 14 अगस्त 2023 सोमवार के दिन हैं।
सावन की शिवरात्रि पूजन और अभिषेक कौन कराने वाला हैं?
सावन की शिवरात्रि की पूजन और अभिषेक पंडित प्रदीप मिश्रा जी सीहोर वाले कराने वाले हैं।
सावन की शिवरात्रि पूजन और अभिषेक कितने बजे होगा?
सावन की शिवरात्रि पूजन और अभिषेक पंडित प्रदीप मिश्रा जी सीहोर वाले द्वारा 14 अगस्त 2023 सोमवार के दिन रात्रि को 9:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक किया जाएगा।
सावन शिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग किस मिट्टी से बनाएं
सावन शिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग के लिए अगर आप ब्राह्मण हैं तो स्विच मिट्टी का शिवलिंग बनाए, अगर कोई वैश्य हैं तो वह पीली मिट्टी का शिवलिंग बनाएं, अगर कोई छतरीय हैं तो वह लाल मिट्टी का शिवलिंग बनाएं, अगर कोई शूद्र हैं तो वह काली मिट्टी का शिवलिंग बनाएं।
अगर आप अपने हिसाब से मिट्टी नहीं मिल पा रहे हैं तो उस स्थान पर आपके घर में जो मिट्टी हो, आपके घर के आंगन में या आपके घर के गमलों में जो मिट्टी हो, उसमें से थोड़ी मिट्टी आप निकाल लीजिए और उसी से पार्थिव शिवलिंग बनाएं।
सावन शिवरात्रि पूजन सामग्री प्रदीप मिश्रा
सावन शिवरात्रि पूजन में उपयोग होने वाली सामग्री पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी कथाओं के माध्यम से बता दी हैं जिसको आपको पहले से तैयार करके रखना हैं। जिस पूजन सामग्री से आप सभी शिवरात्रि की पूजन को सभी लोग करने वाले हैं। सावन शिवरात्रि की पूजन सामग्री कुछ इस प्रकार से हैं।
पूजन सामग्री :-
- एक लोटा जल
- 21 गेहूं के दाने
- 5 कमलगट्टे
- 108 आखा (साबुत) चावल के दाने
- 21 नग काली मिर्ची के
- एक चुटकी काली तिल
- एक धतूरा
- सात बेलपत्र
- सात शमीपत्र
- सात लाल गुलाब के पुष्प या सात सफेद फूल
सावन शिवरात्रि अभिषेक सामग्री प्रदीप मिश्रा
सावन शिवरात्रि में शिव ज के अभिषेक में उपयोग होने वाली सामग्री की जानकारी पंडित जी ने अपनी कथाओं के माध्यम से दे दी हैं जिसे आप को पहले से तैयार करके रखना हैं जो कि कुछ इस प्रकार से हैं।
अभिषेक की सामग्री :-
- दूध
- दही
- घी
- शक्कर
- शहद
- पंचामृत
- इत्र
- गंगा जल
- पीला चंदन
- 3 गोल सुपारी
- चावल
- मौली
- कपूर
- 2 देसी घी के दीपक
- 2 जनेऊ
- लॉन्ग
- इलायची
- पान का पत्ता
- हल्दी
- अबीर
- गुलाल
- मेहंदी
- काली मिट्टी शिवलिंग बनाने के लिए
- पांच फल
- मिठाईया प्रसादी घर पर बनाई हुई
- धूपबत्ती
पार्थिव शिवलिंग बनाने की विधि
पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए सबसे पहले आपको मिट्टी लेकर आनी होगी जो कि आप पार्थिव शिवलिंग बनाने से कुछ समय पहले लाकर रख सकते हैं।
जब आप अपने घर में पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए मिट्टी लाए तो उस मिट्टी में थोड़े से गंगाजल से सीचन कर दें या कोई भी पवित्र नदी के जल से सीचन कर दें। कोई पवित्र नदी का जल ना हो तो उस स्थान पर आप थोड़े से जल में इत्र मिलाकर उससे सीचन कर दें या थोड़ी से जल में शुद्ध देसी गाय का दूध मिलाकर उससे सीचन कर दें।
उसके बाद में आपको एक पात्र में शुद्ध जल भरना हैं उस पात्र को किसी कटोरी से ढाकना हैं और उस कटोरी के ऊपर एक आखा चावल का दाना रखना हैं। अब इस कटोरी को आपको अपनी रसोई घर में परिंडे के पास या पीने वाले पानी के स्थान के पास रख देना हैं। अब आपको 20 मिनट तक उस जल के पात्र को को वहीं पर रखे रहने देना हैं। आप चाहे तो उस पात्र को 20 मिनट से ज्यादा भी रसोई घर में परिंडे के पास रख सकते हैं।
अब जब आप सावन शिवरात्रि की पूजन से पहले पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए बैठे तो सबसे पहले आपको एक थाली लेना हैं। उस थाली में एक बेलपत्र रखना हैं जिसके ऊपर आप यह पार्थिव शिवलिंग बनाएंगे। वह बेलपत्र की डंडी का मुख उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। उसके बाद आपको अपनी वह मिट्टी इसी बेलपत्र के ऊपर डालनी हैं जो आप पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए लेकर आए।
बेलपत्री के ऊपर मिट्टी डालने के बाद सबसे पहले आपको लिंग का आकार देना हैं और इसे शिवलिंग के रूप में बना लेना हैं। आप चाहे तो सिर्फ शिवलिंग का आकार देकर इस पार्थिव शिवलिंग की पूजन कर सकते हैं पर अगर आपका मन जलाधारी बनाने का भी हैं तो आप जलाधारी भी बना सकते हैं।
जलाधारी बनाने के लिए आप उसी लिंग के आकार के आसपस थोड़ी और मिट्टी डाल दीजिए और जलाधारी का स्वरूप बना लीजिए फिर आपकी पार्थिव शिवलिंग तैयार हो जाएगी।
सावन शिवरात्रि को पूजन से एक घंटा पहले आप इस पार्थिव शिवलिंग को बनाकर तैयार रख लीजिए।
सावन शिवरात्रि में शिवलिंग का विसर्जन कब करना हैं?
सावन शिवरात्रि में शिवलिंग का विसर्जन आपको रात्रि में पूजन पूरी करने के बाद ही करना हैं।
सावन शिवरात्रि में शिवलिंग का विसर्जन कहां पर करना हैं?
सावन शिवरात्रि में शिवलिंग का विसर्जन आपको किसी भी नदी, तालाब या सरोवर के पास में करना हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया हैं कि अगर आपके घर के आसपास नदी, तालाब, सरोवर नहीं हैं तो उस स्थान पर आप इस पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना करने के बाद इसका विसर्जन अपने घर में ही किसी वृक्ष के नीचे कर सकते हैं, किसी पौधे के नीचे कर सकते हैं या एक पात्र में जल भरकर उस जल पात्र में पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन कर सकते हैं फिर उस जल को किस वृक्ष के नीचे डाल सकते हैं।
एक बात याद रखना है कि तुलसी जी के पौधे में आपको शिव जी की शिवलिंग का विसर्जन नहीं कर रहा है और ना ही शिवजी पर चढ़ी हुई किसी भी सामग्री का विसर्जन तुलसी जी में करना हैं।
सावन शिवरात्रि की पूजन में शिवजी पर चढ़ी हुई सामग्री का क्या करना हैं?
सावन शिवरात्रि की पूजन में शिवजी पर चढ़ी हुई सामग्री को आप अपने घर में ही किसी वृक्ष के नीचे डाल सकते हैं। यह गमले में लगे हुए पौधे के अंदर डाल सकते हैं क्योंकि अगर आप इस सामग्री को नदियों में डालने जाएंगे तो वह नदियां साफ नहीं दिखेंगी।
सावन शिवरात्रि की पूजन करने से क्या होता हैं?
जब आप सावन शिवरात्रि में रात्रि को 9:00 बजे पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा ऑनलाइन पूजन और अभिषेक करेंगे तो इससे आपके घर परिवार में खुशियां आएंगी और आपके जीवन में जो भी दुख और कष्ट आने वाले होंगे वह भी दूर हो जाएंगे और आपके घर में सभी कुछ अच्छा होगा। आपके घर के सभी सदस्यों पर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद भी होगा और आपके घर के हर सदस्य को अपने हर काम में सफलता भी मिलेगी।
सावन शिवरात्रि की ऑनलाइन पूजा कहां पर होगी?
सावन शिवरात्रि की ऑनलाइन पूजा रात्रि को 9:00 बजे पंडित प्रदीप मिश्रा जी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर और आस्था चैनल के ऑफिशल यूट्यूब चैनल पर देखने को मिलेगी।
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यह पूजा पंडित प्रदीप मिश्रा जी सावन शिवरात्रि के उपलक्ष में रात्रि को 9:00 बजे से शुरू करेंगे जो कि रात्रि में ही 10:00 बजे तक चलेगी। मतलब पूरा एक घंटा तक यह पूजन चलेगी जिसमें आपको पंडित जी द्वारा बताए गए नियमों के साथ पूजन करनी हैं और जो पंडित जी बताएंगे वैसे आपको पूजन अर्चना करनी हैं।
सावन शिवरात्रि की पूजन में जो आपको सामग्री बताई गईं हैं। उसे आपको पहले ही तैयार करके रख लेना हैं क्योंकि रात्रि को 9:00 बजे से पूजा शुरू हो जाएगी।
पार्थिव शिवलिंग आपको 1-2 घंटे पहले से बनाकर तैयार करके रख लेना हैं।
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सावन शिवरात्रि पूजन दिवस बहुत ही अच्छा पर्व है, लोगों में भक्ति भावना का विकास होगा। रात्रि 9.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक अभिषेक होगा जो बहुत ही फलदायक होगा। माननीय पूज्य श्री प्रदीप मिश्रा के द्वारा ऑनलाईन अभिषेक करवाया जाएगा जो सभी के लिए अच्छा फलदायक रहेगा ।
पूज्य गुरुजी को सादर प्रणाम
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