सोमवार की अष्टमी के उपाय || Somvaar Ki Astmi Upay Pradeep Mishra

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नमस्कार दोस्तों, आप सभी लोग जानते होंगे कि सोमवार की अष्टमी का कितना बड़ा महत्व होता हैं और सोमवार की अष्टमी का दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम दिन होता है और यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती जी के मिलन का दिन भी होता है जिस दिन भगवान शिव जी की शिवलिंग के सामने चौसठ योगिनी नृत्य करती हैं।

अगर आपके जीवन में बहुत ज्यादा दुख और परेशानियां चल रही हैं तो यह सोमवार की अष्टमी आपको बिल्कुल नहीं छोड़नी चाहिए क्योंकि 1 साल में सोमवार की अष्टमी तीन से चार बार ही आती हैं। बहुत ही कम ऐसे मौके आते हैं जिस महीने में सोमवार की अष्टमी होती हैं। इस बार सोमवार की अष्टमी आ चुकी है जो कि मार्च के महीने में पढ़ रही हैं।

Table of Contents

सोमवार की अष्टमी कब है || Somvaar ki ashtami kab hai 2024

इस बार सोमवार की अष्टमी (Somvaar ki ashtami) मार्च के महीने में पढ़ रही हैं और इस महीने सोमवार की अष्टमी 4 मार्च 2024 को हैं जिस दिन सोमवार है और अष्टमी तिथि हैं मतलब सोमवार की अष्टमी का यह महत्वपूर्ण दिन हैं।

सोमवार की अष्टमी का समय क्या हैं

सोमवार की अष्टमी 4 मार्च 2024 को पड़ रही हैं पर 3 मार्च को सुबह 8:45 मिनट पर शुरू होगी। इसका समापन 4 मार्च को 8:49 मिनट पर हो जाएगा।

सोमवार की अष्टमी को क्या हुआ था

सोमवार की अष्टमी का दिन भगवान भोलेनाथ को बहुत प्रिय होता है सोमवार की अष्टमी को भगवान शिव और माता पार्वती जी का मिलन हुआ था और सोमवार की अष्टमी के दिन भगवान शिव जी के मंदिर में चौसठ योगिनी नृत्य करती हैं सारे देवता भी भगवान शिव जी के सम्मुख रहते हैं। सोमवार अष्टमी के दिन का इतना बड़ा महत्व होता हैं।

सोमवार की अष्टमी के उपाय प्रदीप मिश्रा || Somwar ki ashtmi ke upay Pradeep Mishra

सोमवार की अष्टमी के दिन आप कुछ ऐसे उपाय कर सकते हैं जिन उपायों को करने के बाद आपके जीवन में निश्चित ही जो भी दुख और समस्याएं आ रही होंगी। वह आपके जीवन से दूर हो जाएंगी। जब भी आप उपाय करेंगे तो मन में विश्वास और श्रद्धा रखकर करिएगा। आपका उपाय जरूर काम करेगा।

हम आपको एक-एक करके सारे उपाय बताते हैं और यह भी बताएंगे कि किस उपाय को करने से क्या होगा।

पहला उपाय

सबसे पहले हम आपको सोमवार की अष्टमी का सबसे बड़ा उपाय बताएं कि जिसे आप अपनी सभी दुख और समस्याओं के लिए कर सकते हैं। जैसे कि आपके घर में बहुत कष्ट और परेशानी हैं, धन की समस्या हैं या रोग और बीमारी हैं उस सभी तरीके की दिक्कत समस्याओं के लिए आप इस उपाय को कर सकते हैं।

इस उपाय की सामग्री

यह उपाय 31 चावल, 31 बेलपत्र, 31 हरे मूंग के दानों का हैं। इस उपाय में आपको सोमवार की अष्टमी के दिन सुबह-सुबह 31 चावल के दाने, 31 बेलपत्र और 31 ही हरे मूंग के दान तैयार करके रख लेना हैं।

यह सारी सामग्री आपको आपके घर में आसानी से मिल जाएगी।

यह उपाय किस समय करना हैं

इस उपाय को करने के लिए प्रातः काल सुबह का समय उत्तम है और अगर किसी कारणवश आप इस उपाय को सुबह नहीं कर पाते हैं फिर आप इस उपाय को शाम के समय प्रदोष काल में भी कर सकते हैं।

इस उपाय को करने की विधि

इस उपाय को करने के लिए आपको सुबह सुबह-सुबह अपने साथ एक थाली में 31 चावल के दाने, 31 बेलपत्र और 31 हरे मूंग के दाने आपको रख लेने हैं।

इसके साथ ही में आप अपने साथ में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिए अलग से जो सामग्री लेकर जाना चाहे वह लेकर जा सकते हैं जैसे कि एक लोटा जल बेलपत्र फूल जैसी सामग्री आप लेकर जा सकते हैं।

पहले आपको उपाय करना है उसके बाद आपको बाद आप अपना एक लोटा जल चढ़ा सकते हैं।

आपको सबसे पहले भगवान शिव जी के मंदिर पहुंचना है और भगवान शिव जी के मंदिर पहुंचकर मंदिर के प्रांगण की चौखट पर आकर रुक जाना हैं और अपने वह 31 चावल के दाने निकाल लेना हैं। वह चावल के दाने आपको भगवान शिव जी की चौखट पर अपने मन की कामना करते हुए समर्पित करना हैं। आप यह चावल के दाने चौखट पर किसी भी साईड समर्पित कर सकते हैं।

अब आपको मंदिर के अंदर प्रवेश करना हैं और नंदी बाबा के पास आकर रुक जाना हैं। अब आपने देखा होगा नंदी बाबा का एक चरण हमेशा उठा हुआ होता हैं तो आपको अपने हरे मूंग के दाने निकालकर अपने मन की प्रार्थना को करते हुए वह 31 हरे मूंग के दाने भगवान नंदी बाबा के उस उठें हुए पैर के पास में रख देना हैं।

अब आपको भगवान शिव जी की शिवलिंग के पास में आना हैं और अपनी वह 31 बेलपत्र निकाल लेना हैं। इन 31 बेलपत्र पर आप चाहे तो पीले चंदन का टीका बीच वाली बड़ी पत्ती पर लगा सकते हैं। उसके बाद में आपको इन 31 बेलपत्र को एक साथ जमाकर भगवान शिव जी की शिवलिंग पर जहां माता अशोक सुंदरी का स्थान होता है वहां पर समर्पित करना हैं।

माता अशोक सुंदरी जी का स्थान शिवलिंग की जो जलाधारी होती हैं। उसके बिल्कुल बीचो-बीच का जो स्थान होता है वह माता अशोक सुंदरी जी का स्थान होता हैं।

यह 31 बेलपत्री को चढ़ाते समय भी आप अपने मन की प्रार्थना भगवान शिव से बोल सकते हैं।

यहां पर यह उपाय पूरा हो जाता हैं।

इस उपाय को करने से मनोकामना कब पूरी होगी

जब आप इस उपाय को किसी भी सोमवार की अष्टमी के दिन करेंगे तो अगले सोमवार की अष्टमी आने से पहले या आने तक, आपकी वह मनोकामना पूर्ण हो जाएगी। जिस मनोकामना के लिए आप यह उपाए सोमवार की अष्टमी को किया था।

इस उपाय को करने के नियम

  • इस उपाय में आपको कोशिश करना हैं कि आप इस उपाय को प्रातः काल सुबह-सुबह कर ले।
  • इस उपाय में जो आप चावल के दाने लेंगे वह टूटे हुए नहीं होने चाहिए।
  • इस उपाय में हरी मूंग के दाने आपको पूरे पूरे-पूरे लेने हैं।
  • पहले आपको उपाय करना हैं। उसके बाद आप भगवान शिव जी की अलग से पूजन कर सकते हैं।
  • यह उपाय आप अपने किसी एक मनोकामना के लिए कर सकते हैं।

दूसरा उपाय

इस उपाय को आपको जब करना हैं। जब आपको सरकारी नौकरी या अपने मनपसंद की नौकरी की आवश्यकता हो। आप लंबे समय से किसी नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं, आप एग्जाम देकर थक चुके हैं, इंटरव्यू देकर थक चुके हैं। जब भी आपकी नौकरी नहीं लग रही है तो उस स्थान पर आपको सोमवार की अष्टमी का यह उपाय करना चाहिए।

इस उपाय की सामग्रियां

इस उपाय में आपको सात बेलपत्री की आवश्यकता होगी और केसर से बने हुए चंदन की आवश्यकता होगी।

उसके बाद में आपको एक छोटा सा लाल कपड़ा अपने साथ रखकर लेकर जाना हैं।

इस उपाय को किस समय करना हैं

इस उपाय को आपको प्रातः काल सुबह-सुबह करना हैं।

इस उपाय को करने की विधि

इस उपाय को करने के लिए आपको सोमवार की अष्टमी के दिन प्रातः का सुबह सुबह 7 बेलपत्र और चंदन लेकर भगवान शिव जी के मंदिर पहुंचना हैं।

मंदिर पहुंचने के बाद भगवान शिव जी के दर्शन करने के बाद आपको भगवान शिव जी की शिवलिंग के पास में आकर बैठ जाना हैं।

अब आप लोग केसर का चंदन बना लीजिए और अपनी बह साथ बेलपत्र निकाल लीजिए। बेलपत्र की दोनों साइड की पत्तियों में से पहली पत्ती पर माता जगदंबा जी के नाम से केसर के चंदन से बिंदी लगानी हैं और दूसरी पत्ती पर गणेश जी और रिद्धि सिद्धि के नाम से केसर के चंदन की बिंदी लगानी हैं। इसके बाद में सातों बेलपत्र की बीच वाली जो बड़ी पत्ती होगी। उसके ऊपर इसी केसर के चंदन से आपको ओम लिखना हैं।

अब आप यह 7 बेलपत्र एक साथ जमाकर भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर समर्पित कर दीजिए।

कुछ समय तक इन बेलपत्र को भगवान शिव जी पर समर्पित रहने दीजिए और जब तक आप भगवान शिव जी के श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप कीजिए। जैसे ही 5 से 10 मिनट का समय बीत जाए। उसके बाद आप अपने साथ जो एक लाल कपड़े का टुकड़ा लेकर आए हैं, वह लाल कपड़े के टुकड़े में आपको इन सातों बेलपत्र को भगवान शिव जी की शिवलिंग से उठाकर अपने उस लाल कपड़े में रख लेना हैं और इस लाल कपड़े में इन बेलपत्र को रखकर अपने घर पर भगवान भोलेनाथ से आशीर्वाद लेकर आ जाना हैं।

अब इस लाल कपड़े को आप अपने घर पर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद समझकर रख सकते हैं या अगर आपका कोई व्यापार बिजनेस या दुकान नहीं चल रही है तो उस स्थान पर जाकर भी अगर आप इस कपड़े को रखेंगे तो आपका दुकानदारी, व्यापार, बिजनेस चलने लगेगा।

यहां पर यह उपाय पूरा हो जाता हैं।

इस उपाय से नौकरी कब तक लगेगी

आप जब इस उपाय को सोमवार की अष्टमी के दिन करेंगे उसके बाद में 3 महीनों के अंदर या अगले सोमवार की अष्टमी आने तक आपकी सरकारी नौकरी, आपकी मनचाही नौकरी जरूर लग जाएगी।

इस उपाय के नियम

  • जब आप इस उपाय को करने के लिए बेलपत्र लाएंगे तो वह बेलपत्र अच्छी होनी चाहिए।
  • इस उपाय में आपको केसर से बना हुआ चंदन ही उपयोग में लेना हैं।
  • इस उपाय को प्रातः काल सुबह सुबह करना हैं।
  • इस उपाय को वह व्यक्ति करें, जिसकी नौकरी नहीं लग रही हो या जिसका व्यापार बिजनेस दुकानदारी सही नहीं चल रही हैं।
  • अपने साथ में लाल कपड़ा सातों बेलपत्र को रखने के लिए जरूर लेकर जाना हैं।

तीसरा उपाय

अब यह उपाय शादी और विवाह के लिए है जिसमें हम आपको सोमवार की अष्टमी के दिन किए जाने वाले शादी विवाह के 2 उपाय बताएंगे।

जिस लड़का लड़की की घर में शादी नहीं हो रही हो, बहुत सारी अड़चनें आ रही हो। उस स्थान पर आपको सोमवार की अष्टमी के दिन यह उपाय करना चाहिए।

इस उपाय की सामग्रियां

इस उपाय में आपको मात्र हल्दी की आवश्यकता होगी।

यह उपाय किसको करना हैं

इस उपाय को उस लड़का या लड़की को करना हैं। जिसका विवाह नहीं हो रहा हैं, उसको अपने हाथों से इस उपाय को करना होगा।

इस उपाय को करने की विधि

इस उपाय में आपको अपने लड़का या लड़की के साथ में भगवान शिव जी के मंदिर जाना हैं। अपने साथ में आपको हल्दी भी लेकर जाना हैं।

अपने बच्चे के हाथ में वह हल्दी दे दीजिए और उस हल्दी से अपने बच्चे की उंगली से भगवान शिव जी की शिवलिंग की जलाधारी के ऊपर जो माता अशोक सुंदरी का स्थान होता है वहां पर 7 बिंदिया लगवानी हैं।

भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर माता अशोक सुंदरी जी का स्थान भगवान शिव जी की जलधारी के बिल्कुल बीचो-बीच होता हैं।

जिसका विवाह नहीं हो रहा है उसको अपनी उंगलियों से साथ हल्दी की 7 बिंदी माता अशोक सुंदरी वाले स्थान पर लगाना हैं। उसके बाद में अपनी दोनों हथेलियों को माता अशोक सुंदरी वाले स्थान पर एक बार लगाना हैं।

अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को माता अशोक जी वाले स्थान पर एक बार लगाकर इन हथेलियों को सीधा किसी भी बड़े वाले पीपल के वृक्ष के पेड़ पर 5 छापे लगा देना हैं।

आपकी हथेली में भले ही कुछ ना लगा हो पर आपको पीपल के वृक्ष के ऊपर पांच छापे अपनी इन हथेलियों के लगाना हैं।

यहां पर यह उपाय पूरा हो जाता हैं।

उपाय को करने के बाद शादी विवाह कब होगा

इस उपाय को सोमवार की अष्टमी के दिन करने के बाद अगले 3 महीनों में या अगली सोमवार के अष्टमी आने से पहले कभी भी हो जाएगा।

इस उपाय को करने के नियम

  • इस उपाय में आपको हल्दी का ही उपयोग करना हैं।
  • जिस लड़का लड़की का विवाह नहीं हो रहा हो उसे अपने हाथों से इस उपाय को करना हैं।
  • अपनी हथेलियों के 5 छापे पीपल के वृक्ष पर भी लगाना हैं।
  • यह उपाय आपको प्रातः काल सुबह-सुबह सुबह ही करना हैं।
  • उपाय करने के बाद आपको अपने घर आ जाना हैं।

चौथा उपाय

इस उपाय को आपको जब करना हैं जब आपके घर में किसी लड़का या लड़की का विवाह नहीं हो पा रहा हो। उस स्थान पर आपको अपने लड़का यह लड़की के हाथों से इस उपाय को करवाना हैं।

इस उपाय की सामग्रियां

इस उपाय में आपको एक लाल फूल की आवश्यकता होगी और चंदन की आवश्यकता होगी।

इस उपाय को करने की विधि

इस उपाय में आपको प्रातः काल सुबह सुबह-सुबह शुद्ध होकर स्नान करके अपने लड़का या लड़की को लेकर भगवान शिव जी के मंदिर जाना है और वहां पर जाकर अपने लड़का या लड़की के हाथों में वह लाल फूल देना हैं। उस लाल फूल में आपको चंदन भी लगाना हैं, उसके बाद में इस लाल फूल में चंदन लगाने के बाद भगवान शिव जी की शिवलिंग के ऊपर माता अशोक सुंदरी वाले स्थान पर अपने लड़का या लड़की के हाथों से समर्पित करवा देना हैं।

माता अशोक सुंदरी जी का स्थान शिवलिंग के जलाधारी के बिल्कुल बीचो-बीच होता हैं।

यहां पर यह उपाय पूरा हो जाता हैं।

इस उपाय को करने के नियम

  • इस उपाय में आप किसी भी तरह का लाल फूल ले सकते हैं जो भगवान शिव जी को समर्पित होता हो।
  • इसमें आपको लाल चंदन या पीला चंदन लेना हैं।
  • इस उपाय को अपने लड़का या लड़की के हाथों से ही करवाना हैं।
  • इस उपाय को प्रातः काल सुबह सुबह करना हैं।

हमने आपको सोमवार की अष्टमी के पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताए गए शिव महापुराण कथा के यह उपाय बता दिए हैं। अब इन उपाय को आपको करना है, आप पूरे मन और विश्वास से इन उपाय को कीजिए। आपको 3 महीनों के अंदर या अगली सोमवार की अष्टमी आने तक फल की प्राप्ति जरूर हो जाएगी।

इन उपायों को करने में आपको कोई भी समस्या आती है तो उसे आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं आपको आपको जवाब मिल जाएगा।

धन्यवाद

5 thoughts on “सोमवार की अष्टमी के उपाय || Somvaar Ki Astmi Upay Pradeep Mishra”

  1. Ashok sundari par jb haldi ki 7 bindi lgne k bd pipal pr jb 5 bar lgne h dono hath toh ek hi jgh pr 5 bar lgne h ya alg alg 5 bar lgne hai ?

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